कभी कभी कड़वी गोली देनी पड़ती है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” बेटा आज भी नौकरी नही मिली तुझे ?” बेटे सुमित के घर मे घुसते ही माँ सीमा ने पूछा। ” नही माँ !” संक्षिप्त सा उत्तर दे सुमित कमरे मे चला गया। ” चल हाथ मुंह धोकर आजा मैं खाना लगाती हूँ !” माँ ने पीछे से आवाज़ दी।  ” कोई जरूरत नही है … Read more

अपूर्ण कौन ?? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” कहते है मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जिसे कदम कदम पर किसे दूसरे की मदद की जरूरत पड़ती ही है जो जन्म लेने ( बिना किसी की मदद संसार मे नही आ सकते ) से मृत्यु तक ( बिना किसी सहारे श्मशान तक नही जा सकते ) चलती है । ये मदद हर कोई … Read more

” गलती” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” क्या हुआ निशु इतना उदास क्यो हो ?” हेमंत घर मे आते ही पत्नी से पूछने लगा। “हेमंत पापा ने तुम्हारे साथ इतनी बतमीजी से बात की अपनी बेटी के पति से ..ये मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगा !” निशु हेमंत को देख रोते रोते बोली। ” अरे तो इसमे इतना रोने वाली क्या … Read more

अतीत को भूल वर्तमान अपनाये – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” दिशा क्या बात है उदास क्यो है इतनी ?”  रेणुका ने ऑफिस मे अपनी दोस्त और सहकर्मी से पूछा। ” बस यार ऐसे ही !” दिशा ने टालना चाहा। ” नही दिशा कोई बात तो है अभी तेरी शादी छह महीने हुए है बस पर ना चेहरे पर नई शादी की उमंग ना कोई … Read more

” माँ” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” अरे रोहन माँ को साथ नही लाये जबकि आज की पार्टी तो मैने स्पेशली हमारे बुजुर्गो के लिए रखी थी !” चिराग अपनी पार्टी मे अपने मित्र रोहन को अपनी पत्नी और बच्चो के साथ आता देख बोला। ” यार माँ का चार धाम यात्रा का बड़ा मन था तो उन्हे उसके लिए भेज … Read more

माँ की सलाह – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“अरी सुमन की माँ, जितने लाड़ लड़ाने अपनी बेटी को लगा लो, फिर कल को ये चली जाएगी, तो कोई लाड़ लड़ाने वाला नहीं होगा!” यह शब्द सुमन की माँ के कानों में गूंज रहे थे। वे अपनी बेटी सुमन को निहारते हुए यह सोच रही थीं कि उनकी बिटिया का क्या होगा, जब वह … Read more

सांप भी मर गया लाठी भी नही टूटी – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मम्मी जी कल मेरे पापा आ रहे हैं !” नई बहु शिवानी चहकती हुई अपनी सास आशा जी से बोली। ” अरे तो इसमें इतना खुश होने वाली बात क्या चौबीस साल बिताए हैं तुमने अपने पापा के साथ यहां तो तुम्हे आए चौबीस दिन ही हुए हैं । वैसे भी बहु हो तुम … Read more

परफेक्ट मैच – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

दोस्तों कहते हैं जोड़ियां तो ऊपर से बनकर आती है बस हम या आप तो उन्हें मिलाने का जरिया मात्र बनते हैं। कुछ जोड़ियों को देख हमारे मुंह से निकलता है वाह !क्या खूबसूरत जोड़ी है । पर कुछ जोड़ियां खूबसूरत भले ना हों पर उनका सच जान मुंह से यही निकलता है वाह ! … Read more

“मायके की निशानी” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

चारु की माँ का निधन पूरे परिवार के लिए एक गहरा आघात था। चारु और उसके भाई के लिए माँ का जाना एक ऐसा खालीपन था, जिसे कोई भर नहीं सकता था। अंतिम संस्कार और तेरहवीं के सारे संस्कार पूरे हो चुके थे। घर में अब सन्नाटा पसर चुका था। वह सन्नाटा जो हर किसी … Read more

आखिरी फैसला – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अपनी जिंदगी का इतना बड़ा फैसला वो अकेले नहीं कर सकती थी क्योंकि वो अकेली नहीं थी उसके साथ उसके कुछ अपने भी जुड़े थे जो भले ही कहने भर को थे बस… आप सोच रहे होंगे किसकी बात कर रही हूं मैं?( तो इसका जवाब है मैं बात कर रही हूं पचपन वर्षीय मालती … Read more

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