दाल भात में मूसर चंद – संध्या त्रिपाठी   : Moral Stories in Hindi

सुनते हैं जी ….वो प्रेक्षा बोल रही है नई मूवी आई है… देखने जाना है …अंजिता ने काम करते हुए पति रत्नेश से कहा….! हाँ तो जाए ना …इसमें पूछने वाली कौन सी बात है…. नई-नई शादी हुई है … जाएँ घूमे फिरे…. जिंदगी का आनंद लें…. रत्नेश ने भी सहज भाव से उत्तर दिया…। … Read more

मम्मी आप डस्टबिन (कूड़ेदान ) बन गई हो – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

आप जिस व्यक्ति को फोन कर रहे हैं वो अभी अन्य कॉल पर व्यस्त है …. बाप रे , तीन बार फोन लगा चुकी ये मम्मी भी ना ….. मेरा फोन देख रही है फिर भी काट कर मुझे कॉल बैक नहीं कर रही …पता नहीं इतना जरूरी बात कहां हो रहा है उनका …गुस्से … Read more

मायके में हस्तक्षेप ना करो बिटिया रानी ! – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 प्रतिदिन की तरह फोन पर आरना का पहला सवाल…..” हैलो मम्मी क्या कर रही हो …??”  “कुछ नहीं बेटा वो सब्जी बना रही हूं…!” ” तुम क्यों सब्जी बना रही हो…? भाभी कहां गई …..?” ” आज रेनू के कमर में दर्द है इसीलिए वो लेटी है, मैंने सोचा तब तक मैं ही सब्जी बना … Read more

गुदगुदी – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

देख-देख संध्या ….वो हैं क्या हमारे होने वाले जीजा जी….  धत्….. नहीं रे ….! तू अपने होने वाले पति को पहचानती भी है ना ठीक से…. फोटो तो देखी है ना…?  कॉलेज में फ्री पीरियड या ब्रेक के समय गार्डन में टहलते वक्त सहेलियां हमेशा छेड़ा करती थीं…! मेरे शहर से मात्र 28 किलोमीटर की … Read more

स्मार्ट पापा !! – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

सविता ओ सविता …..लो बहू ….सबको बांट दो ….कैलाश जी ने कागज का ठोंगा पकड़ाते हुए कहां….! काग़ज़ के एक थैले में कैलाश जी मसूरपाग लाए थे… जिसे घर के सभी सदस्यों में बांटने को कहा….। पास में ही बेटी निधि बैठी थी.. जो दो दिन पहले ही मायके आई हुई थी …..उसे पापा का … Read more

मम्मी साफ साफ बोलो ना – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

जानते हैं जी , आज क्या हुआ…?? जैसे ही आरती ने कुछ कहना चाहा…पास में बैठी बिटिया ने तपाक से कहा…मम्मी सीधे-सीधे बात बताना एक घंटे भूमिका मत बाँधना …I और पतिदेव ने भी क्या हुआ बोलकर न्यूज पेपर में ही ध्यान लगाये बैठे रहे ….आरती कुछ बताना चाहती थी पर पति बच्चों के व्यवहार … Read more

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है – संध्या त्रिपाठी Moral Stories in Hindi

 क्या बात है मैडम… आजकल आप अपने में खोई रहती हैं कहीं पुरानी यादों के बहाने हमें भुलाया तो नहीं जा रहा है ना …. ? आरव ने छेड़ते हुए पत्नी आकृति से कहा ….! आकृति ने मुस्कुराते हुए कहा ….जानते हो आरव…. कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है…..!        हाँ हाँ बोलो आकृति…ऐसा कौन … Read more

कितने नंबर चाहिए – संध्या त्रिपाठी Moral Stories in Hindi

 आज फिर ट्रेन लेट है , रेलवे स्टेशन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करना  वो भी अकेले , बहुत अखर जाता है… बड़बड़ाते हुए आकृति बार बार घड़ी की ओर देखती फिर मोबाइल में सर्च करती अभी कहां पर पहुंची है ट्रेन…. और कितना समय लगेगा…?         इसी बीच एक 10 – 11 वर्ष का बालक … Read more

काश- संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी होते ही विधि ने ध्यान से अपना चेहरा देखा…..अरे आज तो उसके चेहरे की झाइयाँ कुछ ज्यादा ही गहरी दिखाई दे रहीं थीं…….ओह मैंने तो ध्यान ही नहीं दिया……या शायद समय ही नहीं मिला ध्यान देने का…..! ये चेहरे पर झुर्रियां भी पड़ने लगी…. क्या मेरा  ” बुढ़ापा ” आने … Read more

पापा आप कैसे अपनी माँ की बुराई सुनते हैं -संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

वाह क्या सब्जी बनी है…. आज माँ की याद आ गई…. परवल की सब्जी भी इतनी शानदार बन सकती है… ये तो मुझे माँ के हाथों से बनी परवल की सब्जी खा कर ही पता चला था….!! वरना मुझे तो परवल बिल्कुल भी पसंद नहीं थी….। अनजाने में ही सब्जी की तारीफ करते करते नकुल … Read more

error: Content is Copyright protected !!