बहू अब तो बेटे को बड़ा बनने दो… – रश्मि प्रकाश

आ गया मेरा राजा बेटा ।” अंश के स्कूल से आते निशि जल्दी से उसके कंधे से बैग निकालती हुए उसके जूते मोजे और कपड़े निकालते उससे स्कूल की बातें करने लगी “ बहू तुम तो हर वक्त अंश में ही लगी रहती हो… अब वो उतना बच्चा भी नहीं रहा कि वो खुद से … Read more

उम्मीद आख़िर कितनी और कब तक…? – रश्मि प्रकाश 

  ‘‘आज पहली बार मैंने अपनी दिल की बात सबके सामने रखी तो सबको बुरा लग रहा…. सबकी उम्मीद बस आपसे ही क्यों …. क्या हमआपके कुछ नहीं लगते…. ऐसा है तो रहिए ना इन लोगों के ही साथ जो आपका भला सोचे बैठे है….. वो आपसे उम्मीद करते रहे औरआप उनको पूरा करने की … Read more

माँ के हिस्से का वो कोना… – रश्मि प्रकाश

“ माँ माँ कहाँ हो ?” ये सवाल हम अकसर बचपन में करते जब उठने के बाद माँ को पास नहीं पाते तो माँ को खोजते हुए पूरे घर में घूम जाते और वो हमेशा अपनी एक ही जगह पर हमें मिलती थी.. साल दर साल हम बड़े होते गए पर नहीं बदला था तो … Read more

हर बार विरोध करना ज़रूरी है क्या..? – रश्मि प्रकाश 

‘‘हमेशा जवाब देना भी अच्छा नहीं होता पलक , मैं ये नहीं कह रही कि तुम चुप ही रहो पर बेटा समय देख कर बोलो तो बात का वजनरहता ,और एक चुप्पी बहुत बार सौ बातों पर भारी पड़ जाता।‘‘रत्ना जी अपनी बहू को समझाती हुई बोली ‘‘ पर माँ गलती तो भईया की ही … Read more

 माँ चोट के निशान छिपा लो ना…! – रश्मि प्रकाश 

“ मनु क्या कर रही है बेटा…. ये सारा मेकअप का सामान लेकर क्यों आ गई….जानती है ना तेरी मम्मा को मेकअप ज़्यादा नहीं पसंद येसब तो तेरे डाँस प्रोग्राम के लिए लाकर रखे हैं तू बेकार सब बर्बाद मत कर फिर ….इतनी जल्दी लाना मुश्किल होगा…..  पता है ना।” अर्पिता अपनी नौ साल की … Read more

अब क्या रोटी भी ना खाने देंगी… – रश्मि प्रकाश

अपनी माँ को सिसकते देख रूहानी से रहा ना गया वो सोची आज जो कुछ हुआ है अपने पापा निकुंज को फ़ोन कर के बता दूँ ताकि जब वो घर आए तो पहले से जानकारी होने पर सब सामान्य कर सकें… उसने फ़ोन करके अपने पापा से आज की सारी घटना बता दी । शाम … Read more

वो तुम्हारी बहू है कोई ग़ैर नहीं… रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “ क्या बात है बेटा आज फिर तुम सुबह सुबह रसोई में…. बहू की फिर से तबियत ख़राब हो गई क्या?” मनोरमा जी व्यंग्य कसते हुएनिकुंज से पूछी  “ हाँ माँ उसके पेट में बहुत दर्द हो रहा है…. कह रही उठते ही चक्कर सा आ रहा…. तो मैं ही … Read more

सोने का पिंजरा – रश्मि प्रकाश

शीना के चेहरे पर कई भाव आ जा रहे थे…. तभी कमरे में सुमिता जी आ गई….“ क्या कर रही हो दोनों… सोई नहीं अब तक…. ।” कह कर वो भी वहीं बैठ गई शीना माँ को देखते उनके गले लग गई और बिलख पड़ी….ऐसा लग रहा था आज कई वर्षों बाद वह अपनी माँ … Read more

काश ऐसी दादी मेरे बच्चों की भी होती… – रश्मि प्रकाश

अपने बेटे को बस स्टॉप पर पहली बार छोड़ने आई निवेदिता देख रही थी वहाँ पर सब बच्चे या तो अपनी मम्मी के साथ खड़े हैं या फिर पापा के साथ पर एक लड़की किसी बुजुर्ग महिला के साथ खड़ी थी वो शायद उसकी नानी… दादी … या फिर कोई और होंगी । कुछ पुराने … Read more

आखिरी विदाई – रश्मि प्रकाश

“अरे बेटा ध्यान से अपनी माँ को तैयार करो…. बिल्कुल सोलह श्रृंगार करना उसका… और हाँ उसकी शादी वाली चुनरी भी ज़रूर ओढ़ा देना।”अपनी बहुओं को हिदायत देते किशोर बाबू अपनी धर्मपत्नी को निहार रहे थे। सुनंदा जी की आँखें ज़रूर बंद थीं पर चेहरे पर मुस्कुराहट विराजमान थी ….दोनों बहुएँ जया और हिना और … Read more

error: Content is Copyright protected !!