बुआ भी होती है घर का हिस्सा – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नैतिक स्कूल से आकर अपनी मम्मी से पूछता है,”मम्मी हमारी बुआ राखी पर क्यों नहीं आती? सब की बुआ आती है।” वह तुम्हारी बुआ दूर रहती है ना मम्मी ने नैतिक को टालना चाहा। “दूर रहती है तो क्या हुआ? राखी तो भेज ही सकती है ना।” नैतिक तर्क करते हुए बोला। नहीं ऐसी कोई … Read more

रिश्ता भाई भाइयों का – प्राची_अग्रवाल   : Moral Stories in Hindi

रमा ने शुरू से अपनी ही चलाई। मायके में भी सबसे बड़ी रही तो वहां पर भी सब पर रौव जमाती थी। धीरे-धीरे अंहकार भी मन में बड़ा होने लगा। शादी करके ससुराल आई तो यहां भी बड़ी बहू का ओहदा मिला। मायके में तो खाता-पीता घर था लेकिन ससुराल में तो उसकी लॉटरी ही … Read more

कच्चे धागों का पक्का बंधन – प्राची अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

बीना जी सुबह से ही देख रही थी कि उनकी बड़ी बहू रागिनी काफी उदास है। सावन का महीना चल रहा है। तीज का त्यौहार भी आने वाला है इसलिए वह अपनी दोनों बहुओ को साज श्रृंगार का सामान और साड़ी कपड़े की शॉपिंग कराना चाहती थी। बीना जी का मानना था की बहू बेटियां … Read more

मॉडर्न सोसाइटी का घिनौना सच – प्राची_अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

घर की लाडली बेटी शैलजा का रिश्ता बहुत बड़े घर में हो गया। घर में सभी लोग फूले नहीं समा रहे थे। बड़े-बड़े फलों के टोकरे, मिठाईयां के दर्जनों डिब्बे से घर भरा पड़ा था। गोल्ड और डायमंड की वेशकीमती ज्वेलरी देख कर सबको शैलजा की किस्मत पर नाज हो रहा था।  मध्यम वर्गीय परिवार … Read more

स्टेटस सिंबल योगा – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

काव्या घर में घुसते ही मम्मी से कहती है, “मम्मी कल मुझे जल्दी उठा देना। मैं सिटी गार्डन जाऊंगी। योगा के लिए। कल 21 जून है। अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस।” मम्मी आश्चर्य से काव्या का चेहरा देखती हैं। काव्या और योग। जो लड़की बिस्तर से 8:00 बजे से पहले ना उठती है, वह योग करने जाएगी। … Read more

आत्महत्या कोई विकल्प नहीं – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नीट की परीक्षा उत्तीर्ण ना कर पाने के कारण स्वाति बहुत उदास हो गई थी। कुछ नंबर की ही कमी रह गई वरना पेपर निकल जाता। यह उसका तीसरा प्रयास था उसे पूरी उम्मीद थी कि इस बार क्वालीफाई कर लेगी। ऊपर से समाचारों में नीट की पारदर्शिता पर उठे सवालों से उसका मन और … Read more

अपने घर की बनुं मैं रानी – प्राची_अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नीतू और विवेक के विवाह को 5 वर्ष हो गए। नीतू रंग से सांवली, बदन में भी थोड़ी भारी। वैसे नाक नक्श खिलता है। अपने रूप रंग को लेकर नीतू हमेशा हीन भावना से ग्रस्त रहती। उसके पापा ने उसके विवाह में अच्छा पैसा लगाया। विवेक नौकरी पेशा है, और उसकी अच्छी तनख्वाह है। रूप … Read more

नींव घर की – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

शोभा शाम को सब्जी खरीदने के लिए बाजार गई होती है तभी उसकी मुलाकात उसकी एक पुरानी सहेली से होती है। दोनों सहेलियां बड़ी गर्म जोशी के साथ मिलती हैं। लगभग 10 साल हो गए होंगे, दोनों को एक दूसरे के बिना देखे हुए लेकिन देखते ही दोनों तुरंत पहचान लेती है। उसकी सहेली कोमल … Read more

रिश्तेदारियाँ या दिखावा -प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

नेहा आज सुबह से ही बेचैन थी। उसके पति प्रशांत ने पूछा भी था कि क्या बात है। आज इतनी परेशान क्यों हो, पर उसने टालकर उनको ऑफिस भेज दिया। उसकी सास मालती आज सुबह से ही मगन थी। बहुत खुश लग रही थी वो। जब भी उनके मायके या रिश्तेदारी में कोई विवाह शादी … Read more

बंधन जन्म जन्म का -प्राची अग्रवाल Moral stories in hindi

घर को फूलों से अच्छी तरह से सजाया जा रहा था। सभी दरवाजों पर वंदरवार लगायी जा रही थी। बैलून डेकोरेशन वाला हार्ट की शॉप में लाल गुलाबी गुब्बारे फुला रहा था। कई मेकअप आर्टिस्ट घर की और रिश्तेदारी की महिलाओं को सजाने-संवारने के लिए लगे हुए थे। कुछ रिश्तेदार आ चुके थे। कुछ आ … Read more

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