यह आजकल के बच्चे (भाग-14) – मीनाक्षी सिंह : Moral stories in hindi

अब आगे …

सामने से आई हुई औरत को देखकर रोहन उठ खड़ा हुआ..

वह  बाहर जाने को होगा…

क्यों जा रहे हैं रोहन जी …

बैठिये ना….

सॉरी चिंकी….

आंटी जी को देखकर कुछ कुछ तो समझ आ रहा है…

कि तुम कुछ गलत नहीं कर रही हो…

जब तुम्हारी मां तुम्हारे साथ है….

चिंकी की  मां सामने से आ रही थी …

उनके हाथ में चाय नाश्ता था…

दामाद जी ,,,अब आप आए हो तो ऐसे तो नहीं आपको जाने देंगे…

खा,,पी लीजिए…

नहीं नहीं…

मुझे माफ कीजिएगा…

मैंने आप लोग को डिस्टर्ब किया …

मैं आपको ऐसा नहीं जाने दूंगी रोहन जी …

पहले आप देख लीजिए, मैं यहां पर क्यों आई थी …

चिंकी ने रोहन का हाथ पकड़ा …

जैसे ही चिंकी का हाथ रोहन के हाथ  में आया…

रोहन के  शरीर में एक अजीब सी  सरसराहट हुई…

रोहन को लेकर वह दूसरे कमरे में गयी…

वहां पर एक बहुत ही प्यारी सी लड़की ,दुल्हन के लिबास में बैठी हुई थी…

रोहन जी,,ये  मेरी कजिन सिस्टर है रागीनी …

आज इसकी इंगेजमेंट है…

और जिस घर में आप बैठे हैं ,,यह मेरे मामा जी ने रेंट पर लिया है…

एक्चुअली मेरे  एग्जाम चल रहे थे ,तो मैं लास्ट टाइम पर ही पहुंच पाई…

बस अभी हम आधे  घंटे में निकल ही रहे हैं इंगेजमेंट हॉल के लिए…

इतना टाइम नहीं था कि घर आकर के तैयार हो पायें…

इसलिए हमने सोचा कि पार्लर में ही तैयार हो लिया जाए …

इसलिए हम आ गए …

तैयार होकर सीधा यहां चले आए हैं …

अभी अगर आपके मन में कोई प्रश्न है,,तो पूछ सकते हैं…

नहीं चिंकी …

डोंट  एक्सप्लेन मोर …

आई एम फीलिंग गिल्टी…

रीअली वेरी sorry …

डोंट से  सॉरी….

बट प्लीज जिसके साथ आप सात  जन्म के बंधन में बंधने  जा रहे हैं ,,उसे पर थोड़ा तो विश्वास कीजिए…

अब ज्यादा अंग्रेजी मत बोल …

तेरे पापा भी ऐसे ही एक बार साइकिल से मेरा पीछा करते-करते मेरे कॉलेज तक आ गए थे…

और पूरा दिन बाहर ही बैठे रहे, कि मैं किन लोगों के साथ उठती बैठती हूं …

समझी बिटिया…

कोई भी आदमी जो अभी  अच्छे से जाना नहीं है लड़की को…

शक होना तो लाजमी होता ही है …

उन्होंने बस जानना ही तो चाहा…

इसमें क्या गलत है …

चिंकी की मां बोली …

चिंकी ने मां की तरफ घूर कर देखा ..

और अपनी आंखें नीचे कर ली…

ठीक है चिंकी ,मैं चलता हूं …

ऐसे कैसे चले जाएंगे…

अब आए हैं तो सगाई में  शामिल होईये …

चिंकी के मामा ने रोहन को बैठाते हुए कहा …

नहीं मामा जी ,,मुझे जाना होगा …

आज जरूर मीटिंग है…

देखिए ,अपनी  होने वाली पत्नी के लिए मीटिंग छोड़कर उसका पीछा कर रहे हैं जीज्स् …

पीछे से चिंकी की दूसरी बहन ने चुटकी ली..

मैं चलता हूं …

आप लोगों का बहुत समय खराब कर दिया मैंने …

चिंकी  रोहन की  ओर देख रही थी…

रोहन ने भी चिंकी को गौर से देखा ….

बहुत ही सुंदर लग रही थी वह…

जिस तरह की पत्नी की वह कल्पना करता था,,शायद बिल्कुल वैसे ही थी …

उसका मन हुआ, अकेले में कुछ बात कर ले चिंकी से…

लेकिन कहने की हिम्मत नहीं कर पाया …

चिंकी की आंखों में भी शर्म थी…

सभी को नमस्ते कर रोहन बाहर आ गया…

और अपनी गाड़ी में बैठ गया…

चिंकी दौड़ती हुई आई, ,

यह आपका फोन रह गया था रोहन जी…

रोहन ने फोन लेते हुए चिंकी के हाथ को कसके पकड़ लिया…

वह छोड़ नहीं रहा था…

चिंकी का चेहरा शर्म से सुर्ख लाल था …

चलो चिंकी तुम्हें लॉन्ग ड्राइव पर ले चलूँ …

अब आपको मीटिंग के लिए लेट नहीं हो रहा है ….

तुम्हारे लिए ऐसी 100 मीटिंग कुर्बान …

बात तो आप अच्छी बना लेते हैं …

अभी नहीं ….

अभी इस चीज में समय हैं…

आपके साथ लॉन्ग ड्राइव भी करनी है मुझे …

पर शादी के बाद…

अपने बालों को झटकती हुई अंदर चली गई…

रोहन भी चेहरे पर एक मुस्कान लिए ऑफिस  आ गया…

धीरे-धीरे शादी की तैयारी शुरू हो रही थी …

चिंकी और रोहन की बातचीत का सिलसिला जारी था…

सगाई में अब दो दिन ही बचे थे…

रोहन अपने कपड़े लेने के लिए मार्केट के लिए निकल ही रहा था कि तभी उसका मोबाइल बजा …

उसकी फ्रेंड नेहा का कॉल था…

रोहन,आई कांट लीव विदाउट यू….

बहुत कोशिश की मैंने कि मैं तुम्हें याद ना करूं…

सिर्फ एक फ्रेंड ही समझू…

बट रोहन  जैसे-जैसे मैं यह सोच रही हूं, कि तुम्हारी शादी होने वाली है…

एक अजीब सा डर , तुम्हें खोने का डर मुझे अंदर ही अंदर सता रहा है …

आई वांट टू मीट यू…

अभी कैसे आ जाऊं नेहा …

अपने कपड़े लेने के लिए जा रहा हूं…

अब तो तुम्हें यही सब याद रहेगा…

इंगेजमेंट जो है तुम्हारी…

तुम्हें अपनी फ्रेंड की कोई केयर नहीं…

नहीं ऐसी बात नहीं है नेहा…

अच्छा ठीक है…

बताओ,,कहां हो तुम…??

आधे घंटे के लिए आता हूं…

घर पर ही  हूं…

आ जाओ प्लीज..

जैसे ही रोहन नेहा के घर पर पहुंचा…

दरवाजा खुला  …

नेहा ने रोहन को अपनी बाहों में भर लिया…

 जय श्री राधे

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मीनाक्षी सिंह

आगरा

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