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एक प्यार ऐसा भी …(भाग -48) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi – Betiyan.in

एक प्यार ऐसा भी …(भाग -48) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि राजू ने रोहित सर को उनके खोये हुए प्यार दीपिका से मिलवा दिया है …. आज राजू का इंटरव्यू है ….. वो रोहित सर के साथ इंटरव्यू के लिये पहुँच चुका है ….. इधर भावना मैडम के पापा उनसे उनके हार्ट अटैक आने की वजह पूछते है …. भावना मैडम बोली…

पापा उस दिन सचिन ने कहा कि वो निम्मी से….

अब आगे….

वो निम्मी से शादी नहीं कर सकता…..

ओह… ऐसा क्यूँ बोला उसने… उसे तो निम्मी पसंद थी ना…वो तो बहुत खुश था ??

सर बोले…

हाँ पापा… बट ही सैड दैट … उसे लगता है … निम्मी उससे प्यार नहीं करती…. वो कभी उससे उसकी होने वाली वाइफ की तरह बिहेव ही नहीं करती…

बस बच्चों की तरह राजू और खुद के बचपन की कहानियां सुनाती रहती है ….

कभी मैं बात भी करता हूँ दी उससे कोई रोमैंटिक तो बात को अनसुना कर देती है …

ऐसे कैसे दी मैं उसे अपना पाऊंगा और वो मुझे…

सो दी प्लीज…

इस मेरिज के लिए मैं एग्री नहीं और शायद निम्मी भी नहीं ….

पापा उससे कुछ बोलती… उससे पहले ही मेरे हार्ट में पेन हुआ और मैँ गिर गयी….

पापा मुझे अभी भी डर है कि कहीं सचिन ये रिश्ता ना तोड़ दे… फिर तो राजू मुझे कभी नहीं मिल पायेगा… इतने सालों की मेहनत पानी में चली जायेगी…….

आय वांट राजू पापा………

डोंट वरी मेरी बच्ची …

बहुत एहसान है हमारे सचिन और उसके परिवार पर ….

शादी का सारा खर्चा भी हम ही उठा रहे है ….

सो तुम टेंशन फ्री रहो….

तुम्हारे पापा के होते हुए ये रिश्ता कभी नहीं टूट सकता….

निम्मी और सचिन की शादी तो होकर रहेगी…..

चाहे कुछ भी करना पड़े…..

भावना मैडम के पापा घमंड से बोले…..

ओह पापा… तभी तो मैं आपसे इतना प्यार करती हूँ…..

आप मेरी हर ज़िद पूरी करते हो…..

आई लव यू पापा…

आई लव यू टू बेटा…

आज तो ख़ुशी का दिन है …. तुम्हारा राजू आज इंटरव्यू के लिये गया है सो ऑनली एंजॉय …..

ओके पापा… बस राजू जल्दी से ऑफिसर बन जाए देखिये फिर ग्रैंड पार्टी ओरगैनाइज करती हूँ….. पूरा सिटी देखेगा……

यस…. अब कहीं ना सही बात….

आई एम औलसो वेटिंग फॉर दैट मूमेंट …..

ओके बाय बेटा…. आई हैव टू लीव ….

ओके पापा… बाय…..

टेक केयर …..

यू टू बेटा…..

भावना मैडम फ़ोन रख देती है …

इधर रोहित सर कहते है …

हे राजू…

देख सभी लोग फोटो क्लिक करा रहे है …

तू भी करा ले…….

नो सर…

मुझे नहीं पसंद…

ज़िस  दिन ऑफिसर बन जाऊँगा उस दिन ज़ितनी फोटो कहेंगे क्लिक करा लूँगा…..

अब अंदर चले सर…..

राजू बोला….

तेरे चरण कहां है प्रभु…..

तेरे जैसा लड़का नहीं देखा….

तू जा अंदर …. मैं बाहर रहूँगा…..

अच्छा हुआ तेरा फर्स्ट स्लोट में ही है…

जल्दी फ्री हो जायेगा…

जा राजू…

झंडा गाड़ दे….

ज़िसका आंसर ना आये…. उसे घुमाना नहीं… सोरी बोलकर आगे बढ़ जाना….

वैसे तो तेरी तैयारी पूरी है …..

सर…. आशीर्वाद दीजिये  … अपने अम्मा , बापू,बाबा , सभी गांव वालों के सपनों को पूरा कर सकूँ ….

मेरा आशीर्वाद तो जिस दिन से तू मेरे घर आया है , उस दिन से तेरे साथ ही है …..

राजू सर के पैर छूकर अंदर गया….

राजू का चौथा नंबर था ……

राजू को बुलाया गया…

मे आय कम इन बोलकर राजू अंदर गया…

6 लोगों का पैनेल था …

राजू की सांसे अटक रही थी …..

उसने सभी को गुड मॉर्निंग बोला…

टेक ए सीट मिस्टर राजू….

राजू धीरे से कुरसी पीछे की ओर खिसकाकर बैठ गया…..

सो मिस्टर राजू… टेल अबाउट योरसेल्फ इन ब्रीफ ….

राजू पहले तो घबराया हुआ था …

फिर उसने बोलना शुरू किया ….

सर माय नेम इज राजू फरॉम ए स्माल विलेज ऑफ डिसट्रिक्ट आगरा……

देयर आर 6 मेंबर्स इन माय फैमिली…..

राजू इतना बोल रुक गया….

प्लीज कंटिन्यू मिस्टर राजू…

सर कैन आई स्पीक इन हिन्दी ….??

आय एम अं क्मफर्टेबल विथ इंग्लिश…..

राजू धीरे से बोला…

यस… यू कैन ….

इतना सुनने पर राजू का आत्मविश्वास दो गुना हो गया…..

हाँ तो सर… मैं कह रहा था कि मैं एक गांव से हूँ…..

बचपन से बकरियां चराता आया हूँ…..

मेरे घर में मेरा एक दोस्त करिया है ??

हू इज करिया??

इज ही अ बॉय ….हू इज योर फ्रेंड ??

सामने बैठी सफेद साड़ी सफेद बालों वाली एक मैडम बोली… ज़िसे देख राजू को वैसे ही डर लग रहा था …

मैम…

करिया इज अ स्नेक … जो हमारे घर में परदादा के ज़माने से रह रहा है …. और हमारी रक्षा करता है …..

कुछ लोग राजू की इस बात पर हंस पड़ते है …..

और कुछ गुस्सा होते है …..

मिस्टर राजू…

आप ऑफिसर के इंटरव्यू के लिये आये है एंड इस तरह की अंध विश्वास की बातें करते है …..

राजू सकपका गया…

उसने सोरी बोला…..

और आगे के प्रश्नों का बेबाकी से उत्तर देने लगा राजू …..

इंटरव्यू खत्म हुआ….

उदास सा लटका हुआ चेहरा लेकर राजू बाहर आया…..

चलिये सर… हो गया बंटाधार ….

राजू टाई को ढ़ीला करते हुए गाड़ी में आकर बैठ गया…..

क्यूँ ऐसा बन्दर सा लटका हुआ चेहरा क्यूँ बना रखा है तूने…..

आंसर नहीं दे पाया क्या ….

कुछ रह गये तो कोई बात नहीं…

सभी के कुछ तो रह ही जाते है सवाल…….

तेरे तो रिटेन में भी मार्क्स अच्छे है ….

तुझे नहीं लेंगे तो किसे लेंगे…..

रोहित सर राजू का मूड ठीक करने की कोशिश करते है …..

सर…. भावनाओं में ज्यादा बह गया…

पूरे खानदान की हिस्ट्री बताने लगा…

तो सबने मजाक बना लिया मेरा…

राजू  बोला….

हा हा….

टेंशन मत ले रे राजू…

तेरा सलेक्शन पक्का है ……

अब तो बस एक महीने के अंदर रिजल्ट आते ही तू ऑफिसर बन जायेगा…

तब तक ज़ितना सोना है सो ले फिर तो ट्रेनिंग स्टार्ट होगी….. सोना भूल जायेगा…..

भावना भी तो तेरे इंतजार में है कि कब राजू ऑफिसर बने उसे जोर से गले लगाये ….

रोहित सर मजाकिया अन्दाज में बोले….

सर प्लीज…

आप सब जानते है फिर भी मुझे उदास कर देते है ऐसी बात बोलकर…

भावना मैम से शादी मेरे लिए किसी फांसी के फंदे से कम नहीं… एक बार बस निम्मी कह दे राजू ये सब मजाक था ….

कोई शादी वादी नहीं कर रही मैं सचिन से तो राजू ख़ुशी से पागल हो जायेगा…

इतनी ख़ुशी मुझे ऑफिसर बनने पर भी नहीं होगी सर ज़ितनी निम्मी को अपना कहने पर होगी….

राजू बेबस सा हो बोला…

राजू… जो तेरा नहीं उसके बारे में सोचना भी गलत है …

और ये बता भावना में बुराई भी क्या है …..

हर तरह से तेरे लायक है …..

रोहित सर बोले…

सर बुराई मैम में नहीं…

मुझमें है कि मैं उन्हे अपना नहीं पा रहा….

वैसे भी मेरी टीचर है वो…. पता नहीं…. क्या हो रहा है …. उन्होने ऐसा सोच कैसे लिया……

जो भी होगा सब ऊपर वाले पे छोड़ दिया है राजू ने अब……..

अब फिकर छोड़… चल पिज्जा खाने चलते है ….

रोहित सर गाड़ी आगे बढ़ाते हुए बोले…..

राजू और रोहित सर खा पीकर घर आ चुके है……

दिन बीत रहे है ….

भावना मैम राजू को अपने घर बुलाने की ज़िद कर रही है  कि कुछ दिन वो उनके साथ रहे….

पर राजू कोई ना कोई बहाना कर टाल रहा है …..

आज राजू के इंटरव्यू का रिजल्ट आने वाला है ……

सचिन का राजू के पास फ़ोन आता है ….

राजू तुमसे एक बात कहनी है ….

तब तक रोहित सर राजू को आकर पीछे  से कसके पकड़ लेते है ….

आगे की कहानी कल…. लाइक और कमेंट करते जाये…

तब तक के लिए जय बाला जी महाराज

अगला भाग

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मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

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