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वक्त़  –   अनामिका मिश्रा

राधिका और राहुल एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। राधिका की राहुल से अच्छी दोस्ती थी और राधिका दिल ही दिल में उसे चाहने लगी थी। राधिका एक साधारण सी लड़की थी कॉलेज में रितिका नई नई आई थी। बड़े घराने की थी,अलग ही दिखती थी रितिका। धीरे-धीरे राधिका ने देखा राहुल रितिका की ओर आकर्षित होने लगा है। राधिका को ये बात चुभने लगी, पर उसने ये जाहिर होने नहीं दिया। राधिका को लगता था कि वो रितिका की बराबरी नहीं कर पाएगी। राधिका को लगा कि,उसे राहुल से प्यार तो है,पर राहुल की पसंद कुछ और है, शायद मैं नहीं। वह अंदर ही अंदर घुट रही थी,कुछ कह ना सकी, क्या कहती कहां रितिका और कहा राधिका। कॉलेज में लास्ट ईयर था और लास्ट दिन,उससे रहा नहीं गया,वैलेंटाइन डे था और वो राहुल को एक गुलाब देती हैं।

राहुल को अजीब सा लगा और हंसने लगा, कहने लगा, ” राधिका ये दिन तेरे लिए नहीं है,तू तो बहन जी है, बहन जी!” उसने वो गुलाब रितिका को दे दिया। ये देख राधिका टूट गई,वो लास्ट दिन था,कॉलेज का, फेयरवेल हो चुका था। वो खुद को आईने में निहारती रही और मन में सोचने लगी, “मैं जैसी हूं,वैसी ही रहूंगी,ये बात उसको राहुल के दोस्त कौशल ने समझाया, जब वो दुखी होकर रो रही थी,उस दिन कौशल सब देख रहा था,राहुल के साथ ही था,कौशल ने कहा, “राधिका तुम जैसी हो,बहुत ही खूबसूरत और बहुत ही अच्छी हो,और हमेशा ऐसे ही रहना!” कहते हैं ना वक्त एक सा नहीं रहता। राधिका आज मेहनत,लगन, संघर्ष से एक कंपनी में सीईओ बन गई थी और आज वहाँ इंटरव्यू ले रही थी।

उस इंटरव्यू के दौरान उसने देखा राहुल भी इंटरव्यू देने आया है। राहुल राधिका को पहचान गया और पुरानी दोस्त होने के कारण उसी लहजे में बात करने की कोशिश करते हुए कहता है, “अरे राधिका तू, तू यहां,बधाई हो राधिका तुम्हारी इस सफलता के लिए!” राधिका ने कुछ नहीं कहा, बैठने का इशारा किया, और इंटरव्यू लेने लगी,और राहुल उसे आश्चर्य से देखता रहा। इंटरव्यू लेने के बाद राधिका ने कहा,”थैंक यू राहुल, तुम्हारे व्यंग्य ने मेरा वक्त बदल दिया” …..और राहुल को बाहर जाने का इशारा किया।
#वक़्त
स्वरचित

अनामिका मिश्रा

झारखंड जमशेदपुर

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