विवाह में क्या ज़रूरी? – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

गरिमा की शादी थी, तो घर को सजाया जा रहा था। क्योंकि हम भारतीयों में शादी वाले घर दूल्हा दुल्हन की तरह सजाए जाते हैं। चाहे कोई भी राज्य हो या किसी भी धर्म की शादी हो, उसकी रौनक तो देखने लायक होती है। गांव में शादी घरों के और शहरों में शादी वाले घर को अलग तरीके से सजाया जाता है। पर रौनक दोनों की बराबर ही होती है। गरिमा भी गांव की लड़की थी।

उसके घर के बगल में ही बड़ा सा पंडाल बनाया गया था। जहां एक तरफ मंडप और दूसरे तरफ लोगों के लिए दावत का आयोजन किया गया था। वैसे गरिमा थी एक छोटे से गांव की, पर आजकल तो फोन के बदौलत सभी को ट्रेंड और फैशन का पता होता है। गरिमा ने भी शहर से एक मेकअप आर्टिस्ट को बुलाने का सोचा, उसका बड़ा मन था

कि वह बिल्कुल हीरोइन की तरह सजे और उसका होने वाला पति भी शहर में ही नौकरी करता था, तो वह यह भी चाहती थी कि वह भी शहरी लड़कियों की तरह लगे और उसका पति मोहन उसे मॉडर्न समझे। जब गरिमा ने शहर से अच्छी मेकअप आर्टिस्ट को बुलाने की बात अपने माता-पिता से बताती है। तो उसका खर्च सुनकर माता-पिता हैरान ही हो जाते हैं।

फिर उसकी अम्मा शोभा जी कहती है, बिटिया इतना खर्च करने की क्या ज़रूरत? तुम्हें तो पता ही है हमारे शादी के रीति रिवाज़, तुम्हारे बाल खोलकर घी लगाया जाएगा और फिर एक किया सिंदूर उड़ेल दिया जाएगा। फिर वही सिंदूर तुम्हारे हर साज श्रृंगार को ढक देगी। अरे उसे साज के आगे कुछ और है क्या?

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गरिमा:  अम्मा सिंदूरदान तो आखरी में होगा, तब तक मेरा फोटो भी हो जाएगा। अम्मा, यकीन मानो तुम्हारी बेटी परी लगेगी और फिर आगे से जब भी इस गांव में किसी की शादी होगी, सब मेरी तरह सजना चाहेंगे। अब तो बस मेरी यही आखिरी इच्छा है शादी से पहले। अम्मा, बाबू को बोलो ना बस ₹10000 हमको दे दे, देखो हम लहंगा भी मांगे थे, तुम लोगों से।

पर वह भी तुम लोगों ने यह बोलकर मना कर दिया की पीली साड़ी में जब रस्म होगी, तो फालतू में लहंगा काहे ले? पर अब मेकअप तो हम मेकअप आर्टिस्ट से ही करवाएंगे। ऐसे हर चीज़ के लिए मना कर रही हो, जब दुल्हन ही खुश ना होएगी तो फिर काहे का शुभ विवाह? 

शोभा जी:  चुप कर जा! इतनी निर्लज लड़की ना देखी कभी! शादी ब्याह में हज़ार खर्च होते हैं, ऐसे में बाप को और परेशान कर रही है ई लड़की! एक हमारा जम़ाना था, एक लाल साड़ी और एक बिंदी लगाकर बिठा दिया हो गया शुभ विवाह और एक आज की लड़कियां है जितना भी कर दो कम ही लगता है।

सारे इस फोन मुआ का ही दोष है, पता नहीं दिन भर का का दिखा कर लड़कियों को भड़काते हैं, सुन गरिमा हम तेरे बाबू से कहते हैं, पर जो अगर वह न माने तो कोई बखेड़ा मत करना। अरे हमारी नेहा तो है ही कितना अच्छा सजाती है। आज तक इस गांव में हर लड़की उसी के हाथों सज कर विदा हुई है, तो क्या उन लड़कियों के पति ने उन्हें छोड़ दिया? क्या तू ही है कोई परी जो 10000 का लीपा पोती करेगी?

अरे जैसी है वैसी ही दामाद जी को पसंद आई थी।  फिर अब इन सब दिखावे की क्या ज़रूरत? कहावत है ना सादगी में ही सुंदरता होती है। 

गरिमा:  ओफ ओह अम्मा! अब बस भी करो, एक ही तो शौक बताया है और उसके लिए भी इतना सुना रही हो, चाहे तो एक गहना बेचकर मेरा यह शौक पूरा कर दो, मुझे एक गहना कम चलेगा पर मेरे मेकअप से कोई समझौता नहीं। 

उसके बाद शादी वाले दिन गरिमा सज सवरकर तैयार हो गई। गांव की लड़कियां उससे अपनी नज़रें हटा ही नहीं पा रही थी। हर कोई उसकी तस्वीर खींचे जा रहा था। जिसे देख गरिमा इतराए जा रही थी और अपनी अम्मा को कह रही थी, देखो अम्मा मैंने कहा था ना कि सब की नज़रे हम पर ही होंगी, चलो अब हमारी नज़र उतार दो।

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और कैमरा वाले को अंदर भेज दो, हमको बहुत सारा फोटो खिंचवाना है। काफी फोटो खिंचवाने के बाद दुल्हन मंडप पर पहुंची। जहां सभी बस उसे एक टक देखे जा रहे थे, क्योंकि आज तक गांव में ऐसी दुल्हन किसी ने नहीं देखी और गरिमा के पैर मानों ज़मीन पर ही नहीं पढ़ रहे थे। जयमाला के बाद शादी के रस्में, सात फेरे हुए फिर आया वह समय जब सिंदूरदान होना था। गरिमा ने अपनी अम्मा से कहा, मां इनको कहो ना कि बस मांग टीका हटाकर सिंदूर लगा दे। 

शोभा जी:  बहुत मनमानी कर लिया! अब क्या रस्मों के साथ भी छेड़छाड़ करेगी? वैसे भी इन सब नियम हमरे भलाई के लिए ही बनाए जाते हैं। तेरा मेकअप ना बिगड़े तो क्या हम रस्मों के खिलाफ चले जाए? ऐसा ना होगा समझी! हम सिंदूरदान के समय मंडप पर ना रहेंगे और जो खबरदार तूने कुछ उल्टा सीधा किया तो? हमसे बुरा कोई ना होगा, यही मंडप पर पीटने लगेंगे।

बड़े ही बेमन से गरिमा सिंदूरदान के लिए बैठी और सभी औरतें लगी उसके बाल खोलने। इतने पीन और कांटा हटाने में समय जाने लगा तो पंडित जी भी गुस्सा करके बोलने लगे। फिर कंगी तो ऐसी फंसी के निकलने का नाम ही नहीं ले रही थी। खैर किसी तरह सिंदूरदान हो गया, पर अब गरिमा का रूप पूरी तरह से बदल गया था।

उसे अपने चेहरे को देखकर यकीन ही नहीं आ रहा था कि थोड़ी देर पहले वह कैसी लग रही थी और अब कैसी दिख रही है? उसके 10000 तो यूं 10 मिनट में बर्बाद ही हो गए। अब उसे अपनी अम्मा की बात समझ आई। वह रो रही थी यही सब सोच सोच कर और बाकी सोच रहे थे कि ससुराल जाने के दुख से बेचारी रो रही है।

पर वहां सिर्फ उसकी अम्मा को मालूम था कि वह क्यों रो रही थी? खैर शादी संपन्न हो गई और वह अपने ससुराल आ गई। कुछ दिनों बाद उसके शादी का एल्बम आया जिसमें वह खुद को देखकर अपने पति से पूछती है, आपको मेरा दुल्हन का रूप कैसा लगा था? 

“सिया” – रीता खरे

मोहन:  बहुत सुंदर! मेरी पत्नी तो सादगी में भी खूब भाती है, तो स्वाभाविक है दुल्हन के वेष में मुझे भाएगी ही, पर तुम्हें पता है सबसे सुंदर तुम्हारी एक तस्वीर को मैंने फ्रेम में बनवाने को दिया है। शाम तक आ जाएगी। उस तस्वीर के क्या ही कहने? जितनी बार भी देखो लो, मन ही नहीं भरता। 

गरिमा:  कौन सी तस्वीर? 

मोहन:  खुद ही देख लेना 

गरिमा मन ही मन मुस्कुरा कर सोचने लगी, यह ज़रूर मेरे मेकअप वाले किसी फोटो की बात कर रहे हैं, यह तो होना ही था ऐसे ही इसके लिए इतनी बगावत नहीं की थी। यह तो हमारे रीति रिवाज़ ऐसे ना होते तो मैं ससुराल भी उसी वेष में आती और गांव वालों के साथ-साथ मेरे ससुराल वाले भी मुझे बस देखते ही रह जाते। 

फिर शाम को वह तस्वीर आती है। बहुत बड़ी बनवाई थी मोहन ने। गरिमा झट से आकर उसे खोलने लगती है और फोटो देखते ही उसका मुंह खुला का खुला ही रह जाता है। क्योंकि वह फोटो उसके सिंदूरदान का होता है। जिसमें उसके पूरे चेहरे पर पीले सिंधु ने गज़ब की खूबसूरती बिखरी थीं। जिसके आगे हज़ारों के मेकअप भी फीके थे।

सच में उस फोटो की खूबसूरती कुछ अलग ही थी, यूं ही नहीं अम्मा उससे कह रही थी कि यह इस साज श्रृंगार का क्या ही कहना? गरिमा को आज समझ आ गया था कि हम शादी ब्याह में चाहे कितना भी दिखावा कर ले, असली खूबसूरती रस्मो रिवाज़ और आपसी प्यार और मेल का ही होता है। भारत में इतने राज्य हैं और सभी के अपने-अपने रीति रिवाज़। जो हर एक धर्म की शादी को अनोखा और खूबसूरत बनाता है। 

दोस्तों, आज की कहानी हमेशा की कहानी से थोड़ी अलग लिखने की कोशिश की है, अब आप ही बताइए शुभ विवाह कामयाब रीति-रिवाज से होता है या दिखावे से? क्या दिखावे के चक्कर में हमें अपने रीति रिवाज को बदलना चाहिए? आपके जवाब का इंतजार रहेगा🙏🏻🙏🏻 

धन्यवाद 

रोनिता कुंडु 

#शुभ विवाह

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