उपहार! – कुसुम अशोक सुराणा : Moral Stories in Hindi

घर-आँगन केसर और बासमती चावल की खुशबू से महक रहा था! पिताजी ने माँ भगवती के आगे दीप जलाया और वणज का भोग लगाया!  आज नारळी-पौर्णिमा, रक्षाबंधन का त्यौहार! घर के सभी सदस्य आज छुट्टी मना रहे थे! हँसी के फव्वारे छूट रहे थे…हम सभी भाई-बहन छोटे भाई का इंतज़ार कर रहे थे! वह मिरज … Read more

मेरी नहीं दीदी की चिंता कीजिए – मनु वाशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

रमा तीन बहन भाइयों में सबसे छोटी थी, उसके पापा एक वर्ष पहले गुजर गए, तब से वह कभी दादी के यहां तो कभी नानी के यहां, ना चाहते हुए भी झूलती रही। बड़ी बहन की शादी हो गई, उस ने स्वयं को सुसराल में खपा दिया। जिससे कोई दहेज का ताना ना मार सके। … Read more

दिखावे की जरूरत नहीं – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

( मुहावरा-टका सा मुँह लेकर रह जाना) राजवीर जी अपने दोस्तों में बहुत ज़्यादा ही चर्चा में रहते थे….आखिर क्यों ना हो उनके बेटा बहू उनका ख़्याल कुछ ज़्यादा ही रखते थे । हर दिन वो सोसायटी के पार्क में पोते पोती कृष और कृषा को लेकर जाते वो दोनों सोसायटी के अन्य बच्चों के … Read more

आंसू बने मोती – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

आज मेधा पहली बार हवाई जहाज से सफर कर रही है। बैठते ही एकदम थोड़ा डर लगा पर फिर सब सामान्य सा ही था। साथ कोई नहीं था और फोन भी बंद था तो मेधा खो गई अपनी यादों के सफर में। कितना मुश्किल था वह दौर जब उसने अकेले अपने बेटे संस्कार की परवरिश … Read more

सच्ची हक़दार – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

रेखा ने सारी अलमारी छान मारी पर एक भी सूट या साड़ी ऐसी नहीं लगी जो अपनी देवरानी स्वाति के विवाह के बाद के पहले जन्मदिन पर भेंट कर सके । उसे सात महीने में ही स्वाति से अपनी छोटी बहन की तरह इतना प्यार हो गया था कि सास की उनका आपसी मोल्डोवा आँखों … Read more

समाधान – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

अरे केशव आ ना आज बहुत बहुत दिन बाद आया सब ठीक तो है न। तेरे चेहरे पर इतनी उदासी ,क्या हुआ है। अरे रे एक साथ इतने प्रश्न अर्जुन जरा मुझे सांस तो लेने दे।मन उदास था तो अपने मित्र की याद आ गई सोचा चलो चलकर उसी के पास अपना मन हल्का कर … Read more

संवेदना का ताप – रश्मि वैभव गर्ग : Moral Stories in Hindi

तड़के ही निशा का फोन आया , कि दीदी आज मैं काम पर नहीं आ पाऊँगी , मुझे तेज़ बुखार आ रहा है… आप आज कैसे भी काम चला लो , मैं कल से अपनी बेटी को भेज दूँगी, आज उसका इम्तिहान है , इसलिए वो नहीं आ पायेगी । सुबह सुबह निशा के फ़ोन … Read more

टका सा मुंह ले कर रह जाना – खुशी : Moral Stories in Hindi

राधा एक गृहिणी थी और सुबह पति बच्चो के जाने के बाद आस पड़ोस में घुम कर दूसरे के घर में क्या चल रहा है इसकी टोह लेती थी।पहले पहल तो लोग हमदर्दी में और विश्वास से अपनी बाते बताते पर जब वही बाते उन्हें अपने बारे में नमक मिर्च लगी हुई सुनने को मिलती … Read more

आंसू बन गए मोती – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

एक रात माँ को सपना आया कि उसके बेटे की मौत हो जाती है माँ एक दम बदहवास सी होकर उठती है और जोर से भैया का नाम लेकर चिल्लाने लगती है मैं तब पन्द्रह साल की थी मुझसे छोटी तीन और बहनें थी जिनकी उम्र तेरह, ग्यारह और नौ साल थी। चार बहनों के … Read more

टका सा मुँह लेकर रह जाना – रीतिका सोनाली : Moral Stories in Hindi

ससुर के वर्षगांठ की तैयारियों के बीच अचानक सुधा चिल्ला पड़ी। कर ही तो रही हूँ अब क्या चूल्हे में झोंक दूँ ख़ुद को और अपने बच्चे को ! दुध पिते बच्चे को छोड़कर सुधा रसोई का काम संभालने में लगी है तीन दिनों से। घर का अच्छा बेटा बनने के चक्कर में कैलाश सुधा … Read more

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