किर्चियाँ – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi

ऑफिस के सामने मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के बरामदे में रतीराम का चाय का खोखा था। ऑफिस से खाली समय मिलने पर उसकी लकड़ी की बैंच पर बैठकर एक चाय बीस मिनट में सिप करते हुए गप्पें हाँकते रहना मेरे शौक में शामिल था। बचपन के क्लास फैलो रतन गुप्ता की परचून की दुकान पर चावल … Read more

शुभ विवाह – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

पत्नीभक्त केदारनाथ जी जब से सेवानिवृत्त हुए थे, जीवन का केंद्र में बस दो ही चीज़ें थीं—सुबह की चाय पर पत्नी के साथ मोहल्ले की खबरें सुन कर उस पर टीका-टिप्पणी करना और बेटी तान्या के लिए योग्य वर की तलाश। वह चाहते थे कि तान्या का विवाह एक ऊँची पोस्ट के अधिकारी से हो—कुछ-कुछ … Read more

शुभ विवाह – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi

पंडित दीनानाथ जी, बेटी के लिए लड़का ढूंढ- ढूंढ कर परेशान हुए जा रहे थे। लड़का ढूंढते हुए, उन्हें कई वर्ष हो गए, जब बेटी बाईस  वर्ष की ही थी, तभी से उन्होंने लड़का देखना आरंभ कर दिया था, सोच रहे थे -समय रहते ही, बेटी का विवाह हो जाए और वो सुरक्षित अपनी ससुराल … Read more

ऋण चुकाना ! – सुदर्शन सचदेवा : Moral Stories in Hindi

अर्जुन एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करता था | दिन रात मेहनत करके उसको प्रमोशन  भी मिल गया | उसकी तरक्की देखकर उसके माता पिता  खुश होते और आशीर्वाद देते | माता पिता  अकेले गांव में रहते थे |  धीरे धीरे अर्जुन काम में इतना व्यस्त हो गया कि मां पापा से बात करना कम … Read more

पश्चाताप, बेटी मुझे माफ़ कर देना – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

डाक्टर साहब जैसे ही आई,सी ,यू से बाहर आए पवन जी लपककर डाक्टर के पास पहुंच गए, डाक्टर साहब मेरी बेटी कैसी है । देखिए पवन जी मेरी पूरी टीम लगी हुई है आपके बेटी को बचाने के लिए । उसका स्टमक हमने क्लीन कर दिया है लेकिन प्वाइजन का असर अब भी है ।48 … Read more

इज्जत इंसान की नहीं पैसे की होती है – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————– इज्जत इंसान की नहीं पैसे की होती है।बचपन में संयुक्त परिवार में चाचाजी, ताऊजी हम सब एक ही घर में अलग अलग रहते थे। त्योहारों पर शहर में रहने वाली बड़ी बूआजी तो कार में जब अपने अफसर पति ,बेटे के साथ आती थी तो पूरा घर उनकी आवभगत में लग जाता था। हम … Read more

शुभ विवाह – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मंत्रों उच्चारण से घर का आंगन खुशनुमा सा लग रहा था। सुधीर जी और सुधा जी का सपना पूरा हो रहा था। बिटिया राधिका की शादी बड़े ऊंचे घराने में तय हुई थी और जोड़ी ऐसी जैसे श्री राम जी और जानकी जी की हो।एक – एक रस्में बड़े विधी विधान से निभाई जा रही … Read more

इज्जत इंसान की नहीं पैसे की होती है – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi

स्वस्ति ने शुरू से ही घर में पिताजी को काम पर जाते देखा और माँ को घर संभालते। इस दौरान उसने सदा महसूस किया कि ऐसा नहीं था कि माँ काम कोई कम करती हो बल्कि सारा दिन लगी ही रहती थी फिर भी घर में पिताजी का ही दबदबा था।जब तब दादी और पिताजी … Read more

फिर आई होली – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

अरे जल्दी जल्दी हाथ चला कम्मो, तीन घंटे में तूने इतनी सी मिर्चें ही कूटी है, और तूं रानो , तीन दिन से मेथी सुखाने के काम में लगी है,अभी भी कुछ कुछ गीली सी लग रही है, कोई काम पूरा नहीं हो रहा। अभी तो हल्दी कूटनी है, गरम मसालें तैयार करने है, और … Read more

परिवार – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

एक सूंदर सा कपल, साथ मे 6-7 साल का बच्चा ओर 75-80 साल का बजुर्ग, होटल में खाना खाने के लिये गए। कपल को देखते ही वेटर लगभग भागता हुआ आया और गुड़ मोर्निंग बोलता हुआ, बजुर्ग का हाथ पकड़ कर साइड टेबल पर ले गया, कुर्सी खीचकर, बजुर्ग को बैठाकर चला गया। थोडी देर … Read more

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