कीमत – बीना शर्मा  : Moral Stories in Hindi

“चल बहन जल्दी से तैयार हो जा आज मैं तुझे लेने आया हूं”नितिन ने अपनी बहन चांदनी से कहा तो वह अपने घर जाने की तैयारी करने लगी थी चांदनी पढ़ी लिखी और बेहद संस्कारी युवती थी जिसे गाड़ी चलाने का बेहद शौक था कुछ समय पहले ही उसकी शादी एक भरे पूरे परिवार में … Read more

ग्रहण-मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“मुक्ता••! आज तुम दूसरे कमरे में जाकर सो जाओ••!  क्यों•• क्या हुआ ? आपकी तबीयत तो ठीक है ••? हां-हां तबीयत ठीक है ! कुछ प्रोजेक्ट्स सबमिट करनी हैं इसलिए कुछ दिन ऑफिस का काम घर पर ही करूंगा !    मेरे साथ सोने में तुम्हें दिक्कत होगी इसलिए कह रहा हूं ! नजरे चुराते हुए … Read more

पार्टी बदल ली – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज संध्या सोच में डूबी हुई थी कि अचानक मम्मी पापा के एक्सीडेंट में गुजर जाने के बाद मैं अपने छोटे भाई सचिन को उसकी मां बनकर पाला। अपनी पढ़ाई के साथ-साथ उसकी पढ़ाई का भी ध्यान रखा। ट्यूशन पढाकर और पापा की थोड़ी बहुत जमा पूंजी से घर खर्च और पढ़ाई का खर्च चलाया,लेकिन … Read more

संस्कार – एम.पी.सिंह : Moral Stories in Hindi

अनिल ओर सुनील, दोनो बचपन के दोस्त थे। इंजिनीरिंग करने के बाद अनिल अपने पिता के कारोबार में लग गया और सुनील मल्टी नेशनल कंपनी में नोकरी करने लगा। अनिल की शादी आशा से हुई और सुनील भी शादी में आया ओर उसे आशा की बहन सुमन पसंद आ गई। कुछ दिन बाद सुनील ने … Read more

आँसू_बन_गए_मोती – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अरी कलमुँही…फिर से तीसरी बेटी जन दी ….।पता नहीं कौन सी मनहूस घडी थी। जिस दिन तुझे इस घर में ब्याह कर लाई थी। मुझे क्या पता था मेरा वंश ही खत्म कर देगी ये मनहूस। मालती देवी बस जोर-जोर से चिल्लाये जा रही थी ।और उस मासूम बहू राधा को कोस रही थी। जिसने … Read more

घरौंदा – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

माता पिता निहाल हो रहे थे। सोच रहे थे, भले हमने कितना भी संघर्ष किया जीने के लिए, रोटी के लिए, घरौंदे को सजाने के लिए, हमारे बच्चों को, टीना और मोनेश को हमने सबकुछ दिया है। आज छत की चिंता है, न रोजी रोटी की। अमित जी का बहुत बडा व्यापार है। अनीता जी … Read more

रिश्ता – खुशी : Moral Stories in Hindi

नलिनी एक बड़े बिजनेस मेन की बीवी थी।उसका एक बेटा आदित्य था। नलिनी एक साधारण परिवार से संबंध रखती थी जिसमें उसके मां पिताजी और एक बहन गायत्री थी।नलिनी में यू तो बहुत खूबियां थी परंतु एक बुराई भी थी वो अपने दिमाग में जो सोच  या बात बिठा लेती उसे लगता की उसी की … Read more

एक माफी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिए – शैलेश सिंह “शैल,, : Moral Stories in Hindi

वो मेरी जीवन संगिनी थी, मेरी सबसे अच्छी दोस्त और सबसे अच्छी सुख दुख की साथी। पर मैंने या उसने.. एक गलती की थी किसी ने, शायद उसी ने की थी। हाँ पक्का उसी ने की थी और फिर हम दोनों अलग हो गए।  वाह अनिकेत…! गलती किसी की भी रही हो उसका फैसला अलग … Read more

” टका सा मुंह लेकर रह जाना ” – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

” भाभी, आपने अपनी बहू को बहुत छूट दे रखी है | जरा उसपर नजर रखो | ” माधुरी घर में घुसते हुए अपनी भाभी उषा से बोली |       ” अरे माधुरी, आओ बैठो | ऐसे क्यों बोल रही हो ? जरा बताओ तो क्या बात है? क्या किया है, मेरी बहू नूतन ने? ” … Read more

टका सा मुंह लेकर रह जाना – पूनम भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

अन्वी और सिद्धार्थ ने नई सोसाइटी में घर लिया तो सुधा जी अपने बेटे बहू के पास आ गई थी। बेटे बहू के ऑफिस जाने के बाद सुधा जी अकेली रहती तो जल्दी ही  पड़ोस वाली संध्या जी से उनकी दोस्ती हो गई। संध्या जी की एक बुरी आदत थी कि वह कभी भी कुछ … Read more

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