“बहु या बेटी” – ऋतु अग्रवाल
“अरे चलो भाई! जल्दी बहू को विदा कराओ। अगर देर हो गई तो जगह-जगह जाम मिलने लगेगा।” “हाँ बात तो सही है,” सतीश जी ने कहा और अपनी पत्नी समिधा जी से कहा कि समधन जी को विदाई के लिए बोलो। थोड़ी ही देर में विदाई शुरू हो गई।बहु अवधि सब के गले लग कर … Read more