क्या खुश रहने के लिए शादी जरूरी है? – रंजीता अवस्थी

मेरी पढ़ाई लखनऊ में नवयुग डिग्री कॉलेज की है। जब हम पढ़ते थे तो वहां अधिकतर प्रोफेसर्स अविवाहित थे। उनको देखकर मुझे बहुत अच्छा लगता था। मुझे उनसे खूब पढ़ाई करने की प्रेरणा मिलती थी। मैंने तो सोच भी लिया था कि खूब पढूंगी और अपनी मैडम जैसी ही प्रोफेसर बनूंगी। जिंदगी बढ़ती गई और … Read more

क्या शादी के आगे जिंदगी ही नहीं । – सुधा जैन

25 वर्षीय अनाया अपनी जिंदगी के नए सपने देख रही है। वह आर्किटेक्ट इंजीनियर है। नए-नए प्रोजेक्ट पर काम कर रही है ।जीवन में और आगे बढ़ना भी चाह रही है। घर पर वह और उसकी मम्मी रहते हैं। इन दिनों मम्मी उसकी शादी को लेकर बहुत ही आग्रह कर रही है। “शादी कर लो … Read more

न्याय – रीटा मक्कड़

‘बहु…रागिनी बहु जरा इधर तो आना” ‘जी मम्मी जी” ‘वो कल अंजली बिटिया और दामाद जी आ रहे हैं। खाने में कुछ अच्छा सा बना लेना।तेरे पापा जी बाजार जा रहे हैं।जो चाहिए अभी से मंगा लेना उनसे” “जी मम्मी जी मैं अभी लिस्ट बना कर लाती हूँ।’ रागिनी जल्दी से ससुर जी को लिस्ट … Read more

विश्वासघात – प्रीती सक्सेना

मैं माया, छोटे से शहर की, साधारण शक्ल सूरत की,BA पास लड़की, दुबली पतली, सांवला रंग, ऐसा कुछ भी असाधारण सा नहीं था मुझमें जो कुछ अलग सा हो। पढ़ाई में खास दिलचस्पी नहीं थी, किसी तरह BA कर ही लिया, पिता अकाउंटेंट की नौकरी पर थे दो बहन एक भाई भी थे। बड़ी बहन … Read more

उलझते रिश्ते – पुजा अरोरा

आज जैसे ही विराट दफ्तर से घर में घुसा, घर में मची शांति परंतु रसोई घर मे से आती बर्तनों की उठा पटक से साफ़ पता चल रहा था कि घर पर जरूर कुछ ना कुछ हुआ है |   सच लगभग प्रत्येक पुरुष को इस दौर से एक ना एक बार अवश्य गुजरना पड़ता है … Read more

वैवाहिक स्वर्णजयंती-नीरजा कृष्णा

आज उनकी पचासवीं वैवाहिक वर्षगांठ है…. उन दोनों को बड़ा अरमान था अपने जीवन के इस विशेष दिवस को धूमधाम से मनाने का। वो अपने दोनों बच्चों, बहू दामाद, नाती पोते… सबको इस दिवस के लिए याद दिलाती रहती थी…बहू ने तो बहुत उत्साह से कहा भी था,”आप देखिएगा ना, हमलोग कितने बढ़िया से सब … Read more

 “दोहन” – रीमा ठाकुर

प्रभु लाज रखो मेरी,  हाथ जोडे निरीह आंखे बंद आंसुओं की धार  एक अबला,   कृष्ण भक्ति में लीन,  विश्वास की परकाष्ठा,, पंचाली कृष्णा, कृष्ण है, न तुम्हारा सखा “ धीरे से नयन खोलकर देखती है, अद्भुत, सामने केशव खड़े, बस उन्माद, कुछ खबर नही “! हडबडा उठ बैठी नित्या, कुछ पल इधरउधर देखती रही, … Read more

आरव – कान्ता नागी

जब से आरव ने जन्म लिया वह घर में उपेक्षित ही था, क्योंकि बचपन से ही वह दूसरे बच्चों की तरह चल-फिर नहीं सकता था।मीनू और उसके पापा अजीत ने उसका बहुत उपचार करवाया।फीजीयोथेरोपी कराने से अब वह वैशाखियों के सहारे ही चल सकता था।जब से उसकी बहन नीलू का जन्म हुआ, माता-पिता का सारा … Read more

समझदारी – कान्ता नागी

गोविन्द और रेखा दोनों जुड़वां भाई -बहन थे।उनके पिता कर्नल विनोद फौजी थे,जबकि उनके जन्म के बाद ही मां गुंजा की मृत्यु हो गयी थी। कर्नल विनोद ने दोनों की परवरिश की। दोनों भाई बहन बचपन से ही होशियार और कुशाग्र बुद्धि होने के कारण अब अपनी मंजिल के करीब पहुंच चुके थे। रेखा का … Read more

पायल – निभा राजीव

शिप्रा माता-पिता के देहांत के बाद पहली बार रक्षाबंधन पर मायके जा रही थी। यूं तो भैया भाभी ने बहुत प्यार से बुलाया था। भाभी ने बड़े मनुहार से कहा था कि “सोच ले शिपू कि मां के पास आ रही है।”  पर फिर भी मन न जाने कितनी शंकाओं से घिरा हुआ था। कि … Read more

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