माँ ..सी – ज्योति व्यास

*********** लीना और रीना  शर्माजी की प्यारी सी  बेटियां हैं। दोनों  की उम्र में दो साल का अंतर है ।शर्माजी  बैंक में अफसर  हैं  वहीं बच्चियों की मम्मी एक प्रतिष्ठित विद्यालय में  विज्ञान की शिक्षिका हैं । अच्छे संस्कारों के साथ  दोनों पढ़ लिख कर कॉलेज में प्रोफेसर हो गई ।एक विज्ञान की और दूसरी … Read more

बुयाजी -सीमा नेहरू दुबे

वैसे तो अपनी माँ के पास जाना और समय बिताना हमेशा ही अपना एक सुखद अहसास होता है , पर इस बार कुछ खास था l हुआ यु कि हम माँ और बेटी अपनी बातो का लुफ्त ले रहे थे कि तभी घंटी बजी माँ उठ कर बहार देखने गयी और वही से बोली देखो … Read more

नानी हो तो ऐसी – सरला मेहता

बेटी के जन्म की खुशियाँ गम में तब्दील हो गई। पापा तो अपनी परी को बग़ैर देखे ही चल दिए। दुर्घटना ऐसी हुई कि अस्पताल आते समय रास्ते में ही प्राण पखेरू उड़ गए। आँसुओं का सैलाब लिए पति को अंतिम विदाई देने आद्या घर पहुँचती है। वह बेटी को देखना भी नहीं चाहती है।  … Read more

पूजा -घर – नरेश वर्मा

*************** डाक्टर सुशांत थक कर चूर हो चुके थे ।आपरेशन थियेटर से निकल कर डा॰सुशांत सीधे अपने कक्ष में गये और कुर्सी पर निढाल से बैठ गए ।वार्ड-ब्याय को पता है कि आपरेशन से निवृत्त होने के बाद डाक्टर को तुरंत काली कॉफी चाहिए होती है ।पाँच मिनट बाद वार्ड ब्याय उनकी मेज़ पर कॉफी … Read more

नाखून – अनुज सारस्वत

रविवार का दिन शनिदेव उतारने के लिए हम मर्दों को वरदान में मिला है।हम यह सोच ही रहे थे कि पीछे से हमारी जीवन संगिनी परिवार कल्याणीं परम पूज्य अर्धांगिनी के स्वर हमारी तपस्या को भंग करते हुए आये और कहा “हे पति परमेश्वर जगत के कल्याण की कामना रखने वाले ,दिन में आफिस और … Read more

मोह मोह के धागे – विनोद सिन्हा “सुदामा”

सुनो….जरा इधर आना सुई में धागा डाल दो जरा….तुम्हारे कुर्ते की जेब सिल दूँ, आगे की एक बटन भी टूटी है उसे भी टाँकनी है , ओहहहह…बिन चश्मे कुछ दिखाई नहीं देती अब तो… राधिका जी ने अपने पति मोहन जो दूसरे कमरे में पेपर पढ़ रहे थे….उन्हें आवाज लगाई….. आता हूँ…बस जरा सा रह … Read more

आँसू – राम मोहन गुप्त

[ बड़ी बहन भी माँ ही होती है ] ‘नहीं, कहीं नहीं जाएंगी आप, जिसे जो भी कहना हो कहे, साथ रहना चाहे रहे या न रहे’ कहते हुए अम्बर ने अनीता के हाथों से अटैची छीन ली। उसे ऐसा करते देख नीलिमा पैर पटकते हुए अपने कमरे में घुस गई।  कितने समय से नीलू … Read more

गौरी दीदी – कान्ता नागी

#बड़ी_बहन  गौरी अपने भाई सुमित से अगाध स्नेह करती थी,उसका एक ही सपना था सुमित पढलिखकर अपने पैरों पर खड़ा हो जाए।गौरी के पापा बैंक मे मैनेजर और मां मंजरी देवी कुशल गृहिणी थी। गौरी जब भी अपने घर की छत पर जाकर आकाश पर उड़ते विमान को देखती तो सोचती -वह भी एक दिन … Read more

कन्यादान – कंचन श्रीवास्तव 

घूंघट के भीतर से आंखों ने रेनू को ढूंढ़ लिया और जैसे ही दोनों की नज़रें मिली दोनों ही फफक पड़ी रेनू के सामने रिया का वही दुधमुंहा चेहरा सामने घूम गया जब हो रूई के फाहे से उसे दूध पिलाया करती थी। और रिया भी  आंचल में मुंह डालके सारे आंसुओं को उड़ेल देना … Read more

सत्संग – अनुज सारस्वत

सुबह का समय था दादी घर के मंदिर में सभी भगवानों को स्नान करा रही थी उनके पास बेटे का गिफ्ट करा हुआ बलूटूथ स्पीकर था जिस पर हल्की मध्यम आवाज में भजन बज रहा था। “श्याम से मिलने का सत्संग एक ठिकाना है । कृष्ण से प्रीत लगी उनको भी निभाना है। एक दिन … Read more

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