स्वाभिमान – गीता वाधवानी

आज अंजू जब कॉलेज से आई तब उसने देखा कि उसकी दादी की सहेली रमा जी और उनकी बेटी राजू दीदी बैठी हुई है। वैसे तो राजू दीदी का नाम राजकुमारी था पर सब उन्हें राजू कहते थे। उन्होंने बताया कि कल बहुत वर्षों बाद उनकी बुआ जी अपनी पोती मीना के साथ मुंबई से … Read more

नमक-रोटी ! – निरंजन धुलेकर

बेटे का मुँह उतर गया था , वजह थी एक शर्त ! उसे जिस लड़की से प्यार था उसी से शादी करना चाहता था मैंने पहले ही बोल दिया था कि मैं हर हाल में उसके साथ खड़ा हूँ , चिंता न करे ! लड़की वालों से औपचारिक वार्ता शुरू हुई पर उनकी एक शर्त … Read more

सबसे बड़ा सम्मान – के कामेश्वरी

प्रीति का आज स्कूल में आख़िरी दिन था वह रिटायर हो गई थी । अपनी ज़िंदगी के तीस साल उसने बच्चों को पढ़ाने और पढ़ने में ही बिता दिया । इतने साल कैसे गुजर गए पता ही नहीं चला । बच्चे और पति दोस्त सब बधाई दे रहे थे । आगे के प्लान पूछ रहे … Read more

नारी का मान  -अनामिका मिश्रा

आज फिर नीता के ससुर चिल्ला रहे थे उसकी सास के ऊपर। नीता की सास अकेले ही मंदिर जाना चाहती थी, सावन का महीना चल रहा था, वह जाने को तैयार हुई और कहा,आ रही हूँ दर्शन करके, मैं अकेले ही चली जाऊंगी!” बस क्या था लगे चिल्लाने ससुर जी, “आज तक इस घर की … Read more

पलाश के फूल – सुधा  जैन

अनुराधा और अनुरंजन कॉलेज में साथ ही पढ़ते थे ।दोनों के बीच में कब प्यार के बीज का अंकुरण हो गया पता ही नहीं चला। दोनों ने अपनी एजुकेशन पूरी की और अनुराधा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका बन गई ,और अनुरंजन कॉलेज में खेल प्रशिक्षक । दोनों ने अपने माता पिता से अपने विवाह की  … Read more

ताईजी – नीरजा कृष्णा

आज उनके घर में सुबह से चहलपहल मची हुई है… आज बहुत सालों के बाद ताऊजी और ताई जी आ रहे हैं। उन्होंने प्रखर की नई नवेली बहू ममता को अच्छी तरह से समझा दिया था…”देखो बेटा! ताऊजी ताईजी तुम्हारे सामने पहली बार आ रहे हैं…वो इस घर के बड़े हैं… उन्होंने बड़े होने का … Read more

आज का तेनाली – शालिनी दीक्षित

तेनाली और उसकी पत्नी सोनाली घूमने निकले तभी बहुत बड़ा ग्रैंड फाइव स्टार होटल दिखा। “देखो लगता है इसमें कोई बहुत बड़ी पार्टी चल रही है।” सोनाली ने बोला। “अरे तुमको बोर्ड नहीं दिख रहा है; ये कितनी बड़ी कंपनी है, पी. आई. एल. उसकी पार्टी चल रही है, और शायद अंदर मैजिक शो भी … Read more

मल्लिका – *नम्रता सरन “सोना”*

ये कहानी शुरू होती है एक साधारण सी लड़की से .जिसे ईश्वर शायद रंग रूप देना भूल गए थे, या फिर यूं कहिए कि विधाता ने उस साधारण लड़की मे कुछ असाधारण गुण जड़ दिए थे जो वक्त के साथ उभरते और निखरते रहे. तीन बहनों मे दूसरे नंबर की सांवली का नाम शायद उसके … Read more

 खुद्दारी –  लतिका  श्रीवास्तव

कल से मयंक तुम्हें सुपरवाइज करेगा…..बॉस अभय ने जैसे ही किशन से कहा..किशन अपनी जगह खड़ा रह गया था!…लेकिन बॉस मयंक तो अभी नया ही है मुझसे जूनियर है ….आपने उसका प्रमोशन कर दिया !!!उसने पूछना चाहा था क्यों??क्यों मेरा प्रमोशन नहीं किया ….!!मैं तो पिछले दो वर्षों से पूरी ईमानदारी से इस कम्पनी के … Read more

 फिर भी तुमको चाहूँगा – स्व्पनिल रंजन वैश

खनकती रंग-बिरंगी चूड़ियों और छमछमाती पायलों के साथ मधुरिमा ने अपने भरे पूरे संपन्न ससुराल में गृहप्रवेश किया। यूँ तो लक्ष्मी की कोई कमी नहीं थी उसकी ससुराल में पर फिर भी सासूमाँ ने उसकी हाथों के छाप लेकर देवी माँ से कृपा बनाये रखने की प्रार्थना की। मधुरिमा एक मध्यम वर्गीय परिवार की सुंदर … Read more

error: Content is Copyright protected !!