नया सफर – ऋतु यादव : Moral Stories in Hindi
रह रहकर सास संयोगिता के शब्द मनुस्मृति के कर्ण पटल भेद रहे थे, “मुझे तकलीफ देकर तू कभी सुखी नहीं रह सकती”। पर सब अनदेखा कर वो अपना सामान बांध अपने बच्चों के साथ निकल गई नए जीवन के सफर पर। मनुस्मृति शादी कर ससुराल आई तो सब ठीक ठाक ही लगा उसे पर धीरे … Read more