रसोई घर – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

दिन भर रसोई घर में ही लगी रहती हो,सारा वक्त बर्बाद कर देती हो अपना। खाना बनाने के लिए कामवाली क्यों नहीं लगाती हो…. पड़ोसन कंचन जी रेनू को सुना रहीं थीं। रेनू को घर के कामों में बहुत रूचि थी ।क्या किसको चाहिए पसंद ना पसंद और घर को सलिके से रखना उसको अच्छा … Read more

 तकदीर फूटना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

(भाग्य खराब होना) सीता सब्जी खरीद रही थी, अचानक से उनके सर पे किसी ने मारा, सीता जोर से बोली कौन है,पागल अरे—–तू—— ,  सिम्मी ,कैसी है तू? सिम्मी ने बोला,तुम खुद  ही देख लो,, एकदम मस्त हूँ?। सीता तुमने क्या हाल बना रखा है अपना? कुछ ठीक नही लग रही तुम ,क्या हुआ?सब ठीक … Read more

 बांटने का सुख – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

लानत है तुम और तुम्हारी रूकी हुई जिंदगी पर ये भी कोई जिंदगी है ।फिर भी तुम इतने प्रसन्न रहते हो।दिन रात एक ही जगह पर खड़े रहना। कहीं आना ना जाना।अपनी फूटी तकदीर पर तुम्हे अफसोस तो होता होगा शिकायत तो होती होगी  मुझे देखो कितनी मेहनत करता हूं कितनी चिंताएं झेलता हूं जिंदगी … Read more

 *मैंने यह तो नहीं चाहा था* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

शालीन आज बहुत खुश था। उसे लग रहा था उसे खुशियों का खजाना मिल गया है, जिस माँ के मुख से बेटा सुनने के लिए उसके कान तरस रहै थे, उन्हीं माँ की आज चिट्ठी आई थी। वह मन ही मन गुन रहा था कि ‘मेरी माँ की चिट्ठी आई है……. मेरी माँ ने मुझे … Read more

 प्रायश्चित – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सुरेश बाबू की आंखों में आज पश्चाताप के आंसू बह रहे थे उन्होंने पत्नी यशोदा के जाने के बाद दूसरी शादी वसुधा से कर ली थी। पहले तो वसुधा ने चिकनी – चुपड़ी बातों में उलझाकर उनके बच्चों को अपना बच्चा कह कर बहुत प्रेम और स्नेह जताया था और सुरेश बाबू भी बच्चों को … Read more

 हमसफ़र की अहमियत – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

रूपा ओ रूपा कहां हो पति राकेश की आवाज सुनकर रूपा दौड़ी आई हाँ बोलिए क्या हुआ..? अरे होना क्या तुम ध्यान नहीं रख सकती हो देखों मेरी इन दोनों कमीजों के बटन ही गायब हैं तुम यार करती ही क्या रहती हो दिनभर..?  सारे दिन तुम्हारा काम ही क्या है घर में ?  वो … Read more

 तकदीर फूटना – सुदर्शन सचदेवा : Moral Stories in Hindi

रोहित एक होशियार इंजीनियर लड़का था | मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी खासी नौकरी छोड़कर उसने खुद का स्टार्टअप  शुरु किया  | एक ऐप जो गांवो में किसानों को सीधे ग्राहकों से जोड़ता था | दोस्तों ने कहा – पागल हो गया है क्या ? लेकिन रोहित  को अपने ऊपर भरोसा था | शुरुआत के दिनों … Read more

 तकदीर फूटना – लक्ष्मी कानोडिया : Moral Stories in Hindi

नेहा एक मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी। नेहा और अमित ने प्रेम विवाह किया था। नेहा और अमित की शादी की कुछ दिन बाद ही नेहा के ससुर की मृत्यु हो गई थी। अमित अपनी मां सुशीला को अपने साथ ही मुंबई ले आया था मगर बनारस की रहने वाली सुशीला देवी को मुंबई … Read more

 सूझबूझ – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

रमा जैसे ही नाश्ता लेकर कमरे में दाखिल हुई लिये लिये ही बड़बड़ाई ……. चादर तो समेट लेते सुबह से ज्यों का त्यों कमरा पड़ा है अरे जहां पड़े हो कम से कम उसे तो समेट लिया करो  । नहीं…… उसी में सोये रहेंगे कहते हुए जैसे ही नाश्ता बेड पर रखने लगी रवि खुद … Read more

 माथे को चूम लिया – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

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बिट्टू की थाली में फेका हुआ खाना देखकर दादी खूब बड़बडाईं। ” कितनी बार मना किया खाना कम परसो दोबारा दे देना पर सुने तब तो , मानों किसी बात का कोई असर ही नही पड़ता,बड़बड़ाते रहो करेगी अपने ही मन का जो उसे अच्छा लगेगा” और अपने बिस्तर पर जा कर बैठ गईं ,अब … Read more

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