लकी मैडम – डॉ गुंजन कुमार झा : Moral Stories in Hindi

स्टाफ रूम में सुगबुगाहट आम थी . “आए सोने कि थी ? “ “ न जी हीरे की थी बतावें हैं “ . कौण वापस देण आओगा इब ..इब न मिले “ मलिक मैडम पिछली सीट से बोलीं . मालिक मैडम का वाक्य हमेशा एक फुल स्टॉप होता था. उसके बाद वाक्य हो या वाकया, … Read more

बोझ नहीं आशीर्वाद हैं माता-पिता – कमलेश आहूजा : Moral Stories in Hindi

नेहा की माँ के चौथे की रस्म थी। मेहमान अभी गए भी नहीं थी कि उसकी भाभी प्रिशा उसके पास आई और बोली-” दीदी एक बात बताओ? आपके भाई हर महीने माँ को इतना पैसा भेजते थे क्या करती थीं वो इतने पैसों का? थीं तो अकेली जान कितना खर्चा होता होगा? जरूर जो पैसा … Read more

नमक का हक अदा करना – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मोहन सेठ गोविंददास के यहाँ काम चरता था।उसने जब से होश संभाला वो सेठ जी के यहाँ था।उसके बाप-महतारी भी शुरु से वहीं रहते।वो भी बचपन से वही रहता । मोहन का एक बेटा था मोनू– वो सेठजी के घर में खेलता रहता था।सेठ जी उसे बहुत प्यार करते थे। उसकी पढ़ने में रुचि देख … Read more

इज्जत इंसान की नही पैसे की होती है। – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

“इज्जत इंसान की,नही पैसे की होती है”– दादाजी हमेशा यही कहते थे।इसपर कईवार तो कुछ लोग उनका मजाक बनाते।लेकिन दादाजी ने जमाना देखा था और जीवन के कई उतार चढ़ाव देखे थे।दादाजी का बहुत बड़ा परिवार था।सात भाईबहन– और दादाजी के पिताजी बहुत गरीब थे–दिनभर मेहनत करते तब जाकर परिवार के लिए रोटी जुटा पाते। … Read more

दूसरी शादी – प्रतिभा भारद्वाज ‘प्रभा’ : Moral Stories in Hindi

“ये क्या कर रही है सरला….तू पागल तो नहीं हो गई….और तू सुधीर उसे समझाने के बजाय उसी का साथ दे रहा है…अरे कन्यादान करना बेटी के माता पिता का काम होता है, भला किसी सास ससुर को अपनी बहू का कन्यादान करते हुए देखा है कहीं तुमने…जो चले तुम दोनों मधु का कन्यादान करने….अरे … Read more

ज़रूरी तमाचा – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

सीमा, सीमा कहाँ हो? तुम्हे सुनाई नहीं दें रहा है? इतनी देर से पानी माँग रहा हूँ और तुम हो कि कुछ सुन ही नहीं रही हो। कहाँ मर गईं, पानी दोगी? ड्राइंग हॉल मे बैठा संजय लगातार चिल्लाए जा रहा था, परन्तु पता नहीं सीमा कहाँ थी जो सुन ही नहीं रही थी। अपने … Read more

सरप्राइज़ – अपर्णा गर्ग : Moral Stories in Hindi

मुझे अचानक से घर पर देखकर भैया और मां कितने खुश होंगे, मां का हंसता चेहरा, उनकी आंखों की चमक, सोच- सोचकर मीता मन ही मन उत्साहित हो रही थी। जैसे बचपन में चोर पुलिस का खेल खेलते हुए पीछे से धप्पा मारते थे, मैं भी भैया के साथ इस बार ऐसा ही करूंगी। बचपन … Read more

“प्रायश्चित” – सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

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हरीश एक संयुक्त परिवार का किसान का बेटा है । उसके पिता और चाचा दोनों ही किसान है । हरीश के दादाजी माधव प्रसाद गांव के माने हुए किसान हैं । उनके कई बीघा जमीन पर खेती-बड़ी होती है । दादाजी के दो बेटे हैं एक मेरे पिताजी सुरेश दूसरे मेरे चाचा नरेश । चाचा … Read more

कौन सा प्रायश्चित? – रोनिता कुंडु  : Moral Stories in Hindi

  बेटा..! अगले महीने सिम्मी की शादी है, बुआ जी का फोन आया था। उन्होंने मुझे एक हफ्ते पहले ही बुलाया है। कहती है अब भैया तो रहे नहीं उनकी ज़िम्मेदारी आप ही कर दो। गोमती जी ने अपने बेटे लोकेश से कहा  लोकेश:  ठीक है मम्मी! मैं आपको और रूपा को एक हफ्ते पहले … Read more

 कथनी और करनी में फर्क होता हैं !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

दीया लेकर ढूंढते पुरे जहान में तो भी अतिशय जैसा लड़का नहीं मिलता मेरी लाडो के लिए , धन्य भाग्य हमारे जो हमें अतिशय जैसा दामाद मिला , क्या कहते हो शालू के पापा एक ही सास में बोल पड़ी राधा जी !! राधा जी के पति गोविंद जी बोले – मैं तो पहले ही … Read more

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