पहला करवा चौथ” – कुमुद मोहन

निया!तुम्हें मेरी कसम लो ये थोड़ा सा जूस पी लो !मैने मम्मी से भी पूछ लिया उन्होनें भी परमिशन दे दी”समर अपनी नई नवेली दुल्हन से बहुत मनुहार कर के कह रहा था जो आज उसके लिए करवा चौथ का व्रत किये थी!

निया और समर का ब्याह अभी कुछ दिन पहले ही हुआ था!

निया ने शादी से पहले अपनी मम्मी और भाभी को करवा चौथ का व्रत करते देखा था कैसे वे दिन भर दोनो भूखी प्यासी रहती!तब निया उनको देखकर कहती थी कि वे कुछ खा पी लें पर वे दोनों यही कहकर टाल देतीं कि कुछ खाने से पति को नुकसान होता है!

 

उसे याद आया एक बार पड़ोसन आंटी व्रत के दिन बीमार हो गई थीं बड़ी मुश्किल से उन्हें दवाई खिलाई गई थी उसी रात उनके पति की बाई चांस ही तबियत खराब हो गई थी!उन्हें बड़ा पछतावा था कि यह सब उनके दवा के साथ पानी पीने से हुआ है।तब से निया के मन में डर बैठ गया था कि अगर वह पानी भी पी लेगी तो समर को कहीं कुछ नुकसान ना हो जाए!

निया किसी भी हालत जूस तो क्या एक बूंद पानी भी पीने को तैयार नहीं थी!निया ने समर को कहा कि वह समर को किसी हालत खोना नहीं चाहती

 

वह बहुत डरती है कि अगर उसके हलक में एक बूंद पानी भी चला गया तो समर को कुछ हो जाएगा!

करवा चौथ की कहानी पढ़कर और बचपन से वह कहानी सुनकर उसे यह डर बहुत सताता।

 

एक दिन पहले ही समर की मम्मी ने अपनी लाडली बहू की पहली करवा चौथ के लिए ब्यूटीशियन और मेहंदी वाली का अपाॅईंटमेंट




भी फिक्स कर दिया था।

वह समर के लिए व्रत कर रही थी वह बहुत खुश थी उसकी भूख-प्यास सब गायब थी क्योंकि आज समर ने छुट्टी ली थी!समर ने सुबह-सुबह उठकर निया के लिए चाय बनाई और समर की मम्मी द्वारा भेजी सरगी में से निया को मिठाई खिलाई!

समर ने भी उसके साथ व्रत करने का फैसला लिया!निया ने बहुत मना किया कि समर व्रत ना रखे पर समर ने बहुत लाड से उसे बताया कि जब निया उसके लिए भूखी-प्यासी रह सकती है तो क्या वह भी उसके साथ भूखा नहीं रह सकता।

 

धीरे धीरे शाम ढली और चांद निकलने का समय जैसे पास आ रहा था समर ने न जाने कितने चक्कर छत के लगा लिये थे!निया भी सोलह श्रंगार किए दुल्हन की तरह सजी बैठी थी!

 

समर का मन कर रहा था कब चांद दिखे,कब निया छलनी से उसे देखकर चांद को अर्घ्य दे और कब वह अपनी निया को अपने हाथों से पानी पिलाकर खाना खिलाऐ।

जो प्रेम प्यार निया और समर के बीच था भगवान वही प्यार मेरी सखियों के नसीब में भी दे!

 

          “बोलो करवा माता की जय”

 

सखियों

दो दिन बाद करवा चौथ का त्यौहार है!आपके हाथों पर हर साल मेंहदी रचती रहे,आप सब के माथे बिंदिया दमकती रहे,आपकी मांग सिंदूर से भरी रहे,आपके हाथों में चूडियां खनकती रहे,आपके गले का मंगल सूत्र चमकता रहे,आपके पैरों की बिछिया पायल की छम-छम से घर आंगन गुलज़ार रहे!आपका सुहाग अटल रहे यही मंगल कामना है!

आपको मेरा ये करवा चौथ स्पेशल ब्लॉग पसंद आए तो प्लीज लाइक-कमेंट अवश्य दें।धन्यवाद

 

हैप्पी करवा चौथ मेरे पूरे बेटियां परिवार को।

आपकी

कुमुद मोहन

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