‘ पत्नी हूँ मैं ‘ –  विभा गुप्ता

 एक दम्पति साथ बैठकर टेलीविजन पर एक धारावाहिक देख रहें थें।दृश्य में पुरुष पात्र आराम से कुर्सी पर बैठा था और महिला पात्र जो कि पुरुष की पत्नी थी,भोजन परोस रही थी।फिर उसने पति को जूस का गिलास दिया और जूते लाकर दिये।दृश्य-परिवर्तन होता है जिसमें पति ऑफ़िस से आता है तब पत्नी पानी-चाय देती है इत्यादि।धारावाहिक समाप्त होने के बाद पति प्रसन्न..पत्नी से बोला, ” देखा ना, इसे कहते हैं पत्नी-धर्म।तुम मेरी पत्नी हो,इसलिए तुम्हें यह सब तो करना ही है।मेरी हर बात माननी है तुम्हें।आखिर मैं तुम्हारा पति हूँ, मेरे सुख-दुख का ख्याल तो रखना ही है। पत्नी से एडवांडेज़ लेना तो पति का अधिकार है।” उसकी विद्रूप हँसी देखकर पत्नी तिलमिला कर रह गई।उसने पति का हाथ अपने हाथ में लिया और बड़े प्यार से बोली, ” जितना एडवांटेज तुम्हें मेरे पति बनने से मिलता है,उससे कहीं ज़्यादा मुझे तुम्हारी पत्नी बनने से मिलता है।पति आश्चर्य-से पूछा,” वो कैसे?” 

         पत्नी बोली, ” फ़ेरे लेते वक्त जब मैं तुमसे आगे चल रही थी,तब से आज तक तुम मेरे पीछे ही चल रहे हो।अपनी ऊँगली पर तुम्हें ही नहीं,पूरे घर को नचाती हूँ।यह सच है कि तुम कमाते होलेकिन तुम्हारी पत्नी होने के नाते तुम्हारी कमाई को खर्च करने का अधिकार सिर्फ़ मेरा है।मैं तुम्हारी पत्नी हूँ, इसलिए मैं काम करुँ या ना करुँ, स्वस्थ रहूँ या बीमार, तुम्हें हर हाल में मेरी देखभाल करनी ही है।मेरे साथ किसी प्रकार की हिंसा अथवा दुर्व्यवहार करने पर मैं पुलिस कंप्लेन कर सकती हूँ,कई सारी धाराएँ लगा सकती हूँ जिस पर त्वरित कार्यवाही की जाती है।यदि तुमने पर-स्त्री से संबंध बनाये तो मुझे तुम्हें सबके सामने ठुकाई करने का पूरा-पूरा अधिकार है क्योंकि मैं तुम्हारी पत्नी हूँ।तुम यदि मुझे छोड़ोगे अथवा तलाक दोगे, तब भी तुम्हें मुझे खर्च तो देना ही पड़ेगा और यदि तुम्हें ……..तो बिना किसी लिखा-पढ़ी के तुम्हारी पूरी सम्पत्ति की मालकिन मैं क्योंकि मैं तुम्हारी पत्नी हूँ।देखो तो,पत्नी बनने के कितने फ़ायदे हैं।पत्नी बनने से….।” पत्नी बोलती गई तो पति ने आश्चर्य से तीखे स्वर में पूछा, ” तुम्हें इतनी जानकारी कहाँ से मिली?”




     पत्नी ने भी उसी अंदाज़ में जवाब दिया, ” समाजशास्त्र में एमए किया है।एक जागरूक महिला होने के नाते हर पत्नी को इतनी जानकारी तो होनी ही चाहिए।”

     पति भड़का, ” एमए!… शादी के वक्त तो तुमने तो मुझे बीए बताया था।”

” हाँ तो, तुमने भी तो अपनी गर्लफ्रेंड को बुआ की लड़की ‘ कहकर परिचय कराया था।” पत्नी तपाक से बोली।

“तुमने भी …..।”

” तुमने भी…..।”

         फिर उस कमरे में ‘वाद-विवाद’ धारावाहिक की एक नई श्रृंखला शुरु हो गई।अब मैं क्या लिखूँ।आप समझ सकते हैं।

                                     –विभा गुप्ता

                                         स्वरचित

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