पड़ोसी पराए नहीं,, अपने ही तो होते हैं! – मंजू तिवारी

आज  के समय में लोग ज्यादातर घर परिवार से दूर रह रहे होते हैं तो बस एक पड़ोसी ही ऐसे होते हैं जो हमारे सबसे पास और हमारी हर विपत्ति में मदद कर सकते हैं।

बात लगभग 6साल पहले की है। जब प्रिया के पति के सीने में अचानक से दर्द उठ गया कोलेस्ट्रॉल की प्रॉब्लम तो पहले से ही थी तो यह हार्टअटैक ही लग रहाथा पति पसीना पसीना हुए जा रहे थे और उनको दर्द में बिलकुल भी आराम नहीं मिल रहा था प्रिया को इस समय अपनी मदद के लिए कोई नहीं दिख रहा था पति अस्पताल जाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे उनके पड़ोस में रहने वाले रहने वाले अंकल आंटी बड़े नेक दिल और सहयोग करने वाले लोग इंसान है प्रिया घबराई हुई पड़ोस में अंकल के पास गई जो सरकारी नौकरी से रिटायर हो चुके है

 उनको सारा कुछ बताया बिना देर किए हुए अंकल उसके साथ आए और उसके पति को भी समझाया और उन्हें फास्टेड दिया और अपनी गाड़ी से प्रिया और उसके पति को हॉस्पिटल ले गए सारे टेस्ट करवाएं जब अंकल उनके साथ थे तो प्रिया को उन अंकल में पिता नजर आ रहे थे   अंकल गाड़ी ड्राइव भी खुद कर रहे थे उन पति पत्नी को हौसला भी दे रहे थे इस तरह पड़ोस में रहने वाले अंकल ने प्रिया और प्रिया के पति को बहुत बड़ी अनहोनी से बचा लिया हर हफ्ते अंकल प्रिया के पति के साथ जाते,,, एक दिन प्रिया ने अंकल से  पूछा अंकल सब ठीक तो है ना,, डॉक्टर क्या बोल रहे थे अंकल ने जवाब दिया बेटा आप हमारे साथ बहुत लंबे समय से रह रहे हो वह मेरे बेटे जैसा है उसको मैं ऐसे ही नहीं छोड़ दूंगा यह सुनकर प्रिया की आंखें भर आईं और  आज अंकल की वजह से ही प्रिया के जीवन की विपत्ति टल गई उसका परिवार खुशहाल है। प्रिया के लिए पड़ोसी अंकल पराए होते हुए भी अपनों से बढ़कर हो गए,,,

इसलिए हमेशा पड़ोसियों से बनाकर रखनी चाहिए पड़ोसी पराए होते हुए भी विपत्ति के समय में वही हमारे काम आते हैं और सबसे पहले वही उपलब्ध होते हैं क्योंकि घर परिवार वाले तो बहुत देर में आ पाएंगे  हमेशा पड़ोसियों से मधुर संबंध ही रखना चाहिए पड़ोसी हमारे पराए होते हुए भी वह अपने हैं जो हमें तुरंत मदद कर सकते हैं।

#पराए_ रिश्ते_ अपना_ सा _लगे

मंजू तिवारी, गुड़गांव

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