माटी की गुड़िया – गुरविंदर टूटेजा

   अनुजा क्या कर रही हो…हर काम इतना धीरे करती हो…अपर्णा ने अपनी छोटी बहन को चिल्लाकर बोला..!!

    इतने में छोटा भाई अर्पित भी चालू हो गया दीदी आप भी कहाँ सिर फोड़ रही हो इनसे कभी कुछ हुआ है जो आज होगा…कोई उम्मीद करना ही बेकार है…उधर अनुजा कच्ची मिट्टी की गुड़िया सी सबकी बातें सुनकर भी मुस्कुरा कर रह जाती थी..!!

    पता नही वो ऐसी क्यूँ थी…कभी किसी को कुछ बोल ही नहीं पाती…उसके मम्मी-पापा भी उसकी इस बात से बहुत परेशान थे…एक बार तो एक आन्टी ने उसे पागल की कैटिगरी में ही डाल दिया था..!!

  फिर मम्मी ने उसे समझाया भी था कि…बेटा तुममें कोई कमी नही है…इतनी प्यारी व सुंदर हो, पढ़ने में भी अच्छी हो फिर बोलने में क्यूँ घबरा जाती हो तुम्हारे भाई-बहन दोनों कितने एक्टिव है उनसे ही कुछ सीखों…!!!!

  अनुजा ने तो जैसे अपनी ही दुनिया बनाई हुई थी बस किताबें और वो…!!

   वक्त बीतता गया दीदी की शादी हो गई और अनुजा के भी रिश्तें देखने लगे फिर गौरव देखने आये तो भी कोई बात नहीं कि पर गौरव को अनुजा की सादगी भा गई जल्द ही शादी भी हो गई….!!!!

    अनुजा ने अपना घर बहुत अच्छे से संभाला था उसके कम बोलने की आदत की वजह से वो भी कई बार झुंझला जाता था….!!!!

   सबकी सुनती थी खामोश रहती थी पर एक टीस सा दर्द चुभने लगा तो बस उस दिन लिखनें बैठ गयी पहले चार लाईन में लिखा…ज्यादातर खामोशी पर लिखती थी या यूँ कहें कि अपना दर्द कम कर लेती थी….!!

     

वॉट्सअप पर फैमिली ग्रुप में सबके जन्मदिन पर रचनाएँ लिखनें लगी कल तक जो उसकी हँसी उड़ाते थे अब तारीफ करतें नहीं थकते थे…सबको अपने जन्मदिन पर उसकी रचना का इंतजार रहता था…!!

    फेसबुक पर एक-दो ग्रुप से जुड़ गई रचनाओं के साथ अब छोटी छोटी कहानियाँ भी लिखने लगी सबकों बहुत पंसद आने लगी… किसी ने उसे किताब छपाने के लिये बोला तो उसने गौरव से सलाह ली…उसने भी साथ दिया उसने हाँ कर दी….कुछ समय बाद उसके हाथ में उसकी लिखी किताब थी…आज वो बहुत खुश थी सबसे अपनी तारीफ सुनकर यही सोच रही थी कि क्यूँ इंसान किसी को नीचा समझता है या उसकी हँसी उड़ाता है…क्यूँ कोशिश नहीं करता मन के अंदर झाँकने की…हर इंसान में कोई ना कोई प्रतिभा छिपी होती है…!!!!

    अब तक अनुजा की पाँच किताबें छप चुकी है…. लगता है कि कच्ची मिट्टी की गुड़िया अब पक्की माटी की गुड़िया बन चुकी है जिसे को कोई चाहकर भी नहीं तोड़ सकता है…कभी नहीं…!!!!

#बेटी_हमार_स्वाभिमान

गुरविंदर टूटेजा

उज्जैन (म.प्र.)

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