कर भला सो हो भला – नेकराम Moral Stories in Hindi

रवि की आज छोटी बहन शालू की शादी है शादी की सब तैयारी हो चुकी थी रात 9:00 बजे बारात आएगी अभी दोपहर के 12:00 बजे थे बहन की शादी के लिए जो साड़ी खरीदी थी जब खोलकर देखी तो एक जगह से चूहे ने कुतर रखी थी सब मेहमान नाराज हो गए कि तुम्हें कपड़े खरीदने भी नहीं आते हैं दुल्हन यह फटी साड़ी पहनेगी तब मां ने रवि को आवाज़ लगाई
रवि मोटरसाइकिल निकाल जल्दी मुझे चांदनी चौक की नई सड़क पर लहंगे वाली गली पर ले चल मैं तेरी बहन की शादी वाली साड़ी बदलकर आनी है —
रवि ने बाइक स्टार्ट कर दी आधे घंटे में रवि लहंगे वाली गली के बाहर खड़ा था दुकान में बहुत भीड़ थी करीब मां को एक घंटा लग जाएगा रवि ने मां से कहा परसों में जो जूते खरीद कर ले गया था घर जाकर पहने तो बहुत टाइट थे तुम साड़ी बदलवा लो जब तक मैं अपने साइज के जूते खरीद कर आता हूं —
रवि बाइक स्टार्ट करके जूते की दुकान को ढूंढता हुआ दूर निकल गया भीड़ जमकर थी उसे एक नए जूते की दुकान दिखाई दी उसने बाइक सड़क पर खड़ी कर दी इतने में साथ वाली दुकान से एक बुजुर्ग महिला वेशभूषा से यही कोई 55 साल के आसपास की होगी दुकान की सीढ़ियों से उतरते समय पैर फिसल गया किसी ने कांच की बोतल फेंक दी थी
पैर उसी पर पड़ा तो बोतल टूटने से कांच उस बुजुर्ग महिला के पैर में धंस गया खून की धार बह निकली उसे चक्कर आने लगे उसके हाथ का सैंडल वाला थैला छूट गया था लोग उस महिला पर ध्यान नहीं दे रहे थे रवि ने तुरंत जेब से रुमाल निकाला महिला के पैर में बांधा और अपनी बाइक में पीछे बिठाते हुए नजदीक के अस्पताल में ले गया —
डॉक्टर ने 27 नंबर की बेड पर उन माता को लेटा दिया हर बेड के बीच में हरे रंग के पर्दे लटक रहे थे जिससे अन्य बेड नजर नहीं आ रहे थे कांच निकलने के बाद उस माता को इंजेक्शन लगने की वजह से गहरी नींद आ गई ,, डॉक्टर ने रवि को बताया अभी आपको 2 घंटे और रुकना है यह दवाई दे रहा हूं ,, होश आते ही खिला देना ,,
डॉक्टर के जाने के बाद रवि ने मां को कॉल किया किंतु मां का फोन स्विच ऑफ जा रहा था रवि सोचने लगा अब तक तो मां ने साड़ी बदलवा ली होगी घर जाने के लिए दुकान पर खड़ी होगी बाइक तो मेरे पास है मांं से बात हो जाती तो मां से कह दूंगा –
तुम मेरा इंतजार मत करना मैं अस्पताल में हूं तुम ऑटो करके घर निकल जाना रवि को बैठे-बैठे 2 घंटे से ज्यादा हो गए जब मां का कॉल ना लगा तो रवि ने घर पर अपनी बहन शालू को कॉल लगाया बहन ने बताया मां तो अभी तक घर नहीं आई ,, रवि ने इस घटना की सारी बात बता दी बहन कहने लगी शाम होने वाली है
मैं फटी साड़ी ही पहन लेती ना तुम घर पर हो ना मां घर पर है ,, इतना कह कर वह रोने लगी –
रवि का एक मन तो कहने लगा इस माता को अस्पताल तक तो ले आया हूं डॉक्टर ने कांच भी निकाल दिया अब मेरी क्या जरूरत है मैं दुकान में जाकर पहले मां को ढूंढ लूंगा मां का फोन पहले तो कभी स्विच ऑफ नहीं हुआ तभी एक सफाई कर्मचारी आया उसने हरे रंग के पर्दे बहुत सारे हाथ में ले रखे थे गंदे पदों को एक-एक करके उतारने लगा
अस्पताल के सभी पर्दे हटने से पूरे अस्पताल के सभी मरीज साफ-साफ दिखने लगे तभी रवि की नजर 28 नंबर के बेड पर पड़ी मां बेहोशी हालत में चित पड़ी थी उसके बगल में एक नौजवान लेटा था जिसका खून नली द्वारा रवि की मां के शरीर में जा रहा था —
रवि तुरंत उस जवान के सिरहाने खड़ा हो गया उस नौजवान ने बताया आज मेरी बहन मीनाक्षी की शादी है बहन की शादी की साड़ी चूहे ने कुतर रखी थी तो मैं मां के साथ चांदनी चौक बाइक पर आया था मां सैंडल खरीदने लगी और मैं साड़ी बदलवाने दुकान पर पहुंचा तो यह माता साड़ी लेकर दुकान से बाहर आई तो बड़े से पत्थर पर पैर फिसलने से गिर गई
सर जख्मी हो गया बहुत खून बहा मैं बाइक में लोगों की मदद से इन माता को बिठा लिया एक सज्जन बाइक के पीछे इन बुजुर्ग माता को पकड़े बैठे रहे मैं तुरंत इन्हें अस्पताल में ले आया —
रास्ते में मेरा मोबाइल न जाने कहां गिर गया इन माता का मोबाइल सड़क पर गिरने से टूट गया मेरी मां सैंडल की दुकान पर है हरी साड़ी पहन रखी है हरी साड़ी का नाम सुनकर रवि ने कहा बगल वाले 27 नंबर बेड पर
देखो तो उस नौजवान ने अपनी मां को पहचान लिया दोनों ने एक दूसरे को धन्यवाद दिया शाम होते ही दोनों अपनी-अपनी मां को लेकर सामान सहित सुरक्षित घर आ पहुंचे ✍️✍️
नेकराम सिक्योरिटी गार्ड
मुखर्जी नगर दिल्ली से
स्वरचित रचना

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!