फूलों का तारों का सबका कहना है, कई हजारों में मेरी बहना है – सुधा जैन

#बड़ी_बहन

मैं हेमंत अपनी बड़ी बहन सुधा दीदीके लिए कुछ लिखूं …. ऐसी मेरी सामर्थ नहीं है ।पर जब बात “बड़ी बहन मां के समान होती है” विषय पर लिखने की है तो मेरी कलम बहुत कुछ लिखना चाहती है… अपने दिल की बात आप सबको बताना चाहती है….।

मेरी बड़ी बहन मुझ से 3 साल बड़ी.. और बड़े प्यार से हमारा बचपन बीता। बाई और बाबू जी की प्यारी सी परवरिश ..अच्छे संस्कार हम भाई बहनों में आए हैं। मुझे याद नहीं पड़ता कि हम भाई बहन कभी झगड़े हो… हां बचपन में जरूर जब मैं तरबूज का लाल हिस्सा खा लेता था तो बहन कहती..”कुछ हमारे लिए भी तो रख”

जब हम भाई बहन साथ में खाना खाने बैठते ..मम्मी गरम गरम रोटी उतारती और मैं बहन के हिस्से की भी रोटी ले लेता और वह मुझे गुस्से से देखने लगती और जब मैं उसे रोटी देता तो वह हंसकर मुझे दे देती …

हंसते खेलते हम कब बड़े हो गए पता ही नहीं चला। मेरी बड़ी बहन के लिए रिश्ते की बात हो रही थी तब मुझे लगा कि “अरे दीदी घर पर चली जाएगी तो घर कैसे लगेगा “?


सोच कर ही मेरी आंखों में आंसू आ जाते थे..  दीदी की शादी का दिन आ गया.. मैंने बहुत काम किया.. बहन की बारात आई दौड़-धूप इतनी कि थक गया.. शाम को जब फेरे के समय भाई खड़ा होता है.. जब दीदी का फेरा पूरा होता.. उस समय मैं झपकी ले लेता.. इतना थक गया ।और जब दीदी की विदाई हुई तो आंखों से आंसुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मेरी दीदी ने मुझे सीने से लगा कर *”भाई अपने आप को कभी भी मुझसे अलग मत समझना, मैं तेरे साथ हमेशा हूं” और दीदी ने अपने वादे को सदा निभाया ।ससुराल में रहते हुए भी हम सब से सदैव जुड़ी रही। हमारी समस्याएं सदैव अपनी समस्याएं समझती रहीं ।

जब पिताजी ने अपने स्वास्थ्य के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली तब बहन और जीजा जी ने मिलकर मेरी सर्विस के लिए  अपनी पूरी कोशिश की ,और मैं शासकीय सेवा में आ गया ।जब भी मुझे कभी कोई आर्थिक संकट हुआ, बहन की तरफ देखा तो जीजा जी और बहन दोनों मेरे लिए सदैव तैयार ….हम तीन भाई बहन है.. एक छोटी बहन आशा.. प्यार से भरी हुई ..मनुहार से भरी हुई ..मदद करने को हमेशा तैयार.. मेरी शादी के समय दीदी को छोटी गुड़िया  थी .. शादी में मुझे दूल्हा बना देखकर उनके चेहरे की खुशी बयां नहीं कर सकता ।अपने भाई और भाभी को साथ में देखकर उनकी आंखों में जो खुशी के आंसू आए थे उन्हें मैं आज भी महसूस करता हूं ।

हम भाई बहनों का रिश्ता इतना पवित्र है कि कभी भी लेनदेन की बात बीच में नहीं आई ।बहन के यहां  बच्चों की शादी में मैंने यथाशक्ति मामेरा किया ..लेकिन बहन ने कभी भी किसी बात को दिल से नहीं लगाया.. और दिल से दिल के तार ऐसे जुड़े हुए हैं कि सभी आश्चर्य करते हैं कि हम भाई-बहनों में कितना प्रेम है ।


मेरी बहन जब मुझे कहती है कि मुझे किसी सुपर हीरो की जरूरत नहीं. क्योंकि मेरा भाई मेरे लिए किसी हीरो से कम नहीं ..तो मैं गर्व से फूल कर कुप्पा हो जाता हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि मेरी बहन जैसी बहन सबको दे। अभी 2 साल पहले  हमने हमारी मां को खोया..  मां बहुत याद आती है.. लेकिन जब भी बड़ी बहन की ओर देखता हूं तो उसमें मां की छवि नजर आ जाती है।मैं कहता हूं “दीदी तुमसे मुझे बड़ी हिम्मत है ..और बहन मुस्कुरा कर कहती है.. मैं हमेशा तेरे साथ हूं। भाई बहन का यह पवित्र प्यार भरा रिश्ता मेरी जिंदगी का बहुत कीमती हिस्सा है.. और मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि हर भाई को ऐसी बहन मिले.. और हमारा प्यार भरा संसार फलता फूलता रहे.. बढ़ता रहे… यह भाई की भावना है ।

सुधा जैन

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