फितरत – अनुपमा

सुंगधा ने जब से अपना व्हाट्स ऐप ओपन किया है आज तब से ही बहुत परेशान सी है , कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था उसे , दोपहर का खाना भी नहीं खाया था और यूं ही कमरे मैं जा कर लेट गई थी पर नींद तो कोसो दूर थी उससे , समझ नही पा रही थी की लोग क्यों करते है ऐसे , क्षणिक सुख के लिए सही गलत क्या है भूल जाते है , अपने दोस्तों को अपने पार्टनर को धोखा दे देते है ।

अब तो सरदर्द होने लगा था उसे समझ नही पा रही थी की क्या करे , क्या नही करे , वो उठी और अपने चाय बनाने के लिए गैस पर पानी चढ़ा दिया । पानी के उबाल की तरह ही उसका मन भी उबल रहा था पर अब वो शायद फैसला कर चुकी थी ।

चाय का कप लेकर वो अपने कमरे मैं आ गई और सुकून से चाय पीने लगी और उसने निश्चय किया की वो अपनी दोस्त को धोखे मैं नही रखेगी , निशा को सबकुछ बता देगी 

निशा ही थी जिससे रघु से उसकी शादी के बाद  सबसे पहली दोस्ती हुई जब पहली बार रघु ने अपने दोस्त अनुज और उसकी पत्नी निशा को खाने पर घर बुलाया था , हम उम्र और एक ही परिवेश की होने की वजह से बहुत जल्दी घुल मिल गई थी सुंगधा निशा के साथ और कुछ समय मैं ही पक्की सहेलियां बन गई थी । रघु तो कहते भी थे की ऐसा लगता है तुम दोनो कॉलेज की दोस्त हो ।


रघु अक्सर कोई न कोई बाहर जाने का प्रोग्राम बनाता रहता था , कभी बाहर डिनर या मूवी या किसी हिल स्टेशन घूमने का । और सारे प्रोग्राम मैं अनुज और निशा भी शामिल होते थे । रघु अनुज की आपस मैं अच्छी मित्रता थी और मेरा और निशा का सामंजस्य भी बढ़िया था इससे हमारा हर सफर यादगार बन जाता था ।

अनुज नगर निगम  मैं काम करता था , सुगंधा के कुछ कागजी काम के लिए रघु ने सुगंधा से बोला तुम जा कर अनुज से मिल लो और काम करवा लो  तो मैंने अनुज से बात की ओर उसने जरूरी कागज व्हाट्स एप करने को बोला और काम करवा दिया, सुगंधा ने भी उसे थैंक्स नोट भेज दिया था ।

आज सुबह जब सुगंधा ने अपना फोन चेक किया तो अनुज का एक मैसेज पढ़ा हुआ था की बहुत दिन से कुछ कहना चाह रहा था , कह नही पाया अगर तुम बुरा ना मानो तो कह सकता हूं क्या , सुगंधा को कुछ समझ नही आया की ऐसा क्या है तो सुगंधा ने बस गुडमॉर्निंग का मैसेज भेज दिया तुरंत ही अनुज का रिप्लाई आ जाता है एक पिक्चर के रूप मैं , सुगंधा उसे डाउनलोड करने के लिए क्लिक करती है और एक दम से हैरान हो जाती है और घबरा के पिक्चर डिलीट कर देती है । और अनुज को ब्लॉक भी कर देती है ।

अब सुगंधा यही सोच कर परेशान थी की वो रघु और निशा से कुछ कहे की न कहे , और अगर कहेगी भी तो क्या निशा उस पर भरोसा करेगी , क्योंकि हड़बड़ी मैं उसने चैट डिलीट कर दी थी । 

पर अब वो फैसला कर चुकी थी उसने निशा को फोन लगाया और बोला की उसके पास कोई सबूत नहीं है पर वो अपनी दोस्ती को खत्म या टूटने भी नही देना चाहती है पर अब वो घूमने फिरने और साथ साथ कहीं जाने मैं भी असमर्थ है और सारा सच उसने निशा को बता दिया ,अब जो भी निशा फैसला करेगी वो उसे मंजूर होगा ।

निशा भी शायद कहीं न कहीं अनुज की आदतों से वाकिफ थी ,तो अब जब कभी भी कोई प्रोग्राम रघु बनाता तो कभी निशा कभी सुगंधा खुद कोई कारण बना कर उस प्रोग्राम से दूर रहते । सुगंधा अपनी दोस्ती निशा से वैसे ही बरकरार रखी और निशा ने भी अपनी दोस्त का साथ निभाया ।

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!