एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -13) – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi

अब तक आपने पढ़ा….

राशि की शादी हो जाती है.. रोहित को ये पता चलता है कि ऋतिका चार जनवरी तक रुकने वाली है…. सुनीता जी मालती जी से जल्दी ही दिल्ली आने की बात करती है …

अब आगे …

मुकेश जी के यहाँ शादी में आये हुए कुछ मेहमान शादी के बाद दोपहर तक चले गए….बाक़ी जैसे जिसकी ट्रेन थी उनको उस तरह रोहित और रजत station तक छोड़ कर आ गए थे……ऋतिका और नेहा अभी रुके हुए थे…

राशि एक दिन बाद पग फेरे के लिए आने वाली थी… और रुकने वाली थी क्योंकि उसके ससुराल जाने का  महूर्त 2 तारीख का निकला था |  इस बात से सभी खुश थे कि राशि रुकेगी |

रजत मालती जी और मुकेश जी की बातें सुन लेता है…. रोहित पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखता है… रजत चौंक कर पीछे देखता है और रोहित उस से कहता है…..तो जो मम्मी पापा बोल रहे है वो

रजत बीच में ही बोलता है भाई… मेरी रहने दो आप अपनी कहें संगीत वाले दिन क्या हुआ था… ?

क्या…. ???   रोहित ने पूछा

आप और ऋतिका दी

रोहित उसके मुँह पर हाथ रखता है और उसे उसके ही कमरे में ले जाता है

क्या बोल रहे हो तुम ?

रजत उसका हाथ मुँह पर से हटाता है और हँस कर बोलता है…भाई आपको ऋतिका दी पसंद हैं ना?

रोहित बस मुस्कुराता है

रजत फिर हँसते हुए कहता है… हम सबको पता है ये बात

रोहित उसकी तरफ  देखता है

ऐसे हैरानी से मत देखिए भाई और पास में रखी हुयी chair पर बैठ जाता है

आज मैं आपको सब बताता हूँ…….

दिल्ली से लौटते वक़्त… मम्मी ने हमसे कहा कि उन्हें ऋतिका दी पसंद है आपके लिए… हम सबको तो वो वैसे ही बहुत अच्छी लगी थी… उनका सरल स्वभाव सबसे घुल – मिल जाना  सबको ही अच्छा लगा था  .. लेकिन हमें ये नहीं पता था कि आपके मन में क्या है…???

क्योंकि आप हमारे साथ नही थे और  और ये भी कि आप बात भी करते हैं या नहीं…

रोहित उसकी बात ध्यान से सुन रहा था

अब कैसे पता करें दोनो के दिल का हाल… हमने नेहा को अपनी टीम में मिला लिया

टीम ??

हाँ राशि दी, मैं और नेहा

फिर हमने नेहा से बात की तो पता चला कि आप तो सिर्फ messenger पर बात करते हैं… और आपके पास तो फोन का नंबर् भी नही है उनका… ऋतिका दी की कोई pic कहीं थी ही नहीं… तो हमने पता कर लिया कि आपने उन्हें देखा नही है

लेकिन आप पसंद करते है एक दूसरे को ये नेहा से पता चल गया

बस फिर क्या दी की शादी में जब ऋतिका दी का आना फाइनल हुआ .तो आपकी पहली मुलाक़ात को यादगार बनाने का हम सबने decide कर लिया

हम सबने मतलब

मतलब मम्मी, पापा, दी, मैं और नेहा

भाई वो जो आपको मम्मी सुबह – सुबह मन्दिर ले गयी थी  …ना वो सब हमारा ही plan था… लेकिन उसके बाद का हमने कुछ नहीं किया…

कुछ नहीं किया??

हाँ….बाक़ी सब तो राधे राधे आपने आप होता गया

राधे राधे मतलब ??

मतलब वो आपका दी के कमरे में जाना और ऋतिका दी से मिलना वो सब अपने आप हुआ अचानक….

रोहित ने पूछा तो क्या सबको पता है ?

हाँ…. भाई और सब राज़ी हैं…. मालती aunty से मम्मी ने बात की है… अब बाक़ी मुझे नही पता …. मम्मी पापा से बोल तो रहीं हैं दिल्ली जाने के लिए .. वही बात हो रही थी

रोहित हँसा और बोला – मैं तो सोच रहा था कि कैसे मम्मी पापा से कहूँ… लेकिन यहाँ तो सब पहले ही…

वो इतना ही बोला था  कि दरवाज़े पर knock हुयी….

रोहित

जी पापा….

वो देखो ज़रा कोई है बाहर उसका हिसाब clear कर दो.. जाओ रजत तुम भी

जी पापा कह कर रोहित और रजत बाहर चले गए

सुनीता जी ने कमरे में जाकर देखा तो ऋतिका और नेहा सो ही रहीं थी | उन्होंने दरवाज़ा फिर से बंद कर दिया

थक गए ये दोनों भी

हाँ बहुत संभाल लिया दोनो ने

हाँ सही कह रहे हैं आप …. राशि का तो सब कुछ इन दोनो ने संभल लिया..

इसलिए मैं निश्चिंत हो कर सबको attend कर पायी.|

ह्म्म्म…. सोने दो इनको… Dinner के वक़्त उठा लेंगे अगर नहीं उठी तो

सुनीता जी ने मुस्कुरा कर हाँ कहा और कामवाली को क्या खाना बनाना है बोल कर बाक़ी सब देखने लगी |

रोहित और रजत थोड़ी देर में वापस आ गए … रोहित ने देखा ऋतिका और नेहा कहीं दिख नही रही है..

रजत मुस्कुराया और बोला… भाई किसे ढूँढ रहे हैं?

किसी को भी तो नहीं

मुझे लगता है आप जिनको ढूँढ रहे है वो अभी अपने सपनों में गुम है …

क्या??

मतलब सो रहीं हैं… वरना वो यहीं होती

रोहित ने सांस भरी और मन में ही बोला..

अब उठ भी जाइए कितना सोयेंगी आप. ?

सुनीता जी ने देखा दोनों आ गए तो पूछा हो गया सब ??

हाँ मम्मी हो गया ..

चलो अब थोड़ा सा घर सेट कर लें

और रजत देखो ये बगल वाले फ्लैट में कुछ सामान हो तो ले आओ

ह्म्म्म कह कर रजत चला गया… और रोहित के साथ मिल कर सुनीता जी घर ठीक करने लगी

क़रीब 7 बजे ऋतिका की आँख खुली उसने मोबाइल में देखा तो मालती जी की missed call थी… वो उठी तो देखा नेहा अभी सो रही थी … धीरे से उठ कर उसने मालती जी को call किया और बात की |

ऋतिका ने आईने में देखा… तो उसे वो पल याद आ गया जब रोहित ने उस से पूछा था कि हमारी जोड़ी कैसी लग रही है?

वो यूँही मुस्कुरा दी और अपने सिर पर हल्के से मारा….

नेहा भी लगभग उठ ही गयी थी उसने ऋतिका को ऐसे देखा तो हँसते हुए बोली… क्या हुआ किन खयालों में हो?

तुम उठ गयी

ह्म्म्म और फिर से बेड पर लेट गयी

उठो साढ़े सात बज गए है…. Aunty क्या सोच रहीं होंगी कि कितना सोती है

ह्म्म्म उठ रहीं हूँ…

नेहा ने कहते हुए फिर से चादर ओढ़ ली

नेहा…

ह्म्म्म …

उठो….. ऋतिका ने कहा

हाँ….. लेकिन मैं बहुत थक गयी हूँ

शादी थी तो थकान तो होगी ही थोड़ी देर में फिर सो जाना ..

ह्म्म्म…. कहते हुए इस वो उठ गयी

दोनो fresh हुयी और बाहर आ गयी…. उन्होंने देखा रोहित  रजत और सुनीता जी मिल कर घर ठीक कर रहे है और मुकेश जी कुछ टेबल पर बैठे काम कर रहे हैं…

ऋतिका ने कहा… Aunty… लाइए हम करवा देते है

सुनीता जी ने उनकी आवाज़ सुनी तो मुस्कुरा बोली….. अरे हो ही गया बस…

तुम दोनो चाय पी लो….और बैठो हम तो बस थोड़ा बहुत ठीक कर रहे है…

रोहित ऋतिका को देख रहा था और मुस्कुरा रहा था

ऋतिका और नेहा वहीं बैठ गयी

सुनीता जी ने मुकेश जी से कहा आप चलिए ज़रा मेरे साथ अंदर कुछ काम है

मुकेश जी समझ गए और मुस्कुराते हुए सुनीता जी के साथ चले गए

ऋतिका और नेहा वहीं बैठी थी

रजत ने पूछा – आपको हमारे घर का interior कैसा लगा .. अभी तो थोड़ा फैला हुआ है घर लेकिन फिर भी

बहुत बढ़िया नेहा ने कहा

रोहित ऋतिका की तरफ देख रहा था और ऋतिका अपने में ही सिमटी जा रही थी

मैंने आपसे नही पूछा …

लेकिन आपने नाम तो नही लिया ना  कि किस से पूछा?

Question mark की आदत जायेगी नहीं इनकी रजत मन में ही बोला

Ok तो ऋतिका दी आपको कैसा लगा…

ऋतिका ने चारों तरफ देखा और बोली

खूबसूरत है

घर ही interior designer का है

आपने भाई का कमरा देखा…. ?. उसका interior भाई ने एक – एक चीज़ को ध्यान में रख कर किया है कि जब इनकी शादी हो तो मेरी भाभी को कोई problem ना हो.

और आपका ??नेहा ने पूछा

उसकी इस बात पर रजत बोला मेरा भी

तो फिर उनके में ख़ास क्या है ?

दोनो रूम एक से ही हैं

तो??

क्या तो??

रजत और नेहा की बातें बहस पर उतर आयी थी

ऋतिका और रोहित एक दूसरे को ही देख रहे थे वो अपनी ही दुनिया में खोये हुए थे

रजत एक दम से बात करते – करते रुका और और दोनो की तरफ देखने लगा नेहा भी रुक गयी और देखने लगी

रोहित ऋतिका को देख कर मुस्कुरा रहा था और ऋतिका कभी उसे देखती कभी पलकों को झुका लेती |

उनको पता ही नही चला कब रजत और नेहा ने बातें बंद कर दी

रजत ने रोहित से पूछा – भाई. ऋतिका दी आपको पसंद हैं ना?

ह्म्म्म ….रोहित ने खोये हुए ही कहा

नेहा खिलखिला कर हँस दी

रोहित ने पूछा क्या हुआ?

कुछ नहीं बस अपने दिल की बात आपने बोल दी

चलो बच्चों dinner ready है सुनीता जी ने आते हुए कहा

उन्होंने नेहा को हँसते हुए देखा तो बोली क्या हुआ नेहा … इतना क्यों हँस रही हो?

कुछ नही aunty यूँ ही

ऋतिका सुनीता जी से बोली चलिए aunty मैं help कर देती हूँ आपकी और उनके साथ किचन में चली गयी |

सबने खाना खाया और अपने कमरे में जाने लगे  लेकिन रोहित का मन नहीं था वो थोड़ी  देर ऋतिका के साथ रहना चाहता था……

रजत ने सुनीता जी को कहा मम्मी आप लोग सोए हम लोग थोड़ा वॉक करके आते हैं अभी तो सिर्फ 9 ही बजे है

नेहा बोली… अरे मुझे तो बहुत नींद आ रही है..

अरे चलो ना थोड़ी देर में आ जायेंगे … रजत ने उसे कुछ समझाने की कोशिश की

नेहा बोली ठीक लेकिन मैं वॉक नही करूँगी

Ok चलो तो

ह्म्म्म …

चारों बिल्डिंग के नीचे आ गए नेहा वहीं नीचे रखी ही बेंच पर बैठ गयी और बोली ….मै नही जा रही

रजत ने रोहित को बोला भाई ऋतिका दी को लेकर जाओ  इनको मैं ले कर आता हूँ

ठीक है रोहित ने कहा और ऋतिका को चलने का

इशारा किया

ऋतिका रोहित के साथ बिल्डिंग में ही घूम रही थी….

चलते चलते रोहित कोई जान पहचान का मिलता तो वो दो mnt को रुकता फिर ऋतिका के साथ चलने लगता..

दोनो कुछ बोल नहीं रहे थे… बस एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे

मैं कुछ पूछूँ

ह्म्म्म ऋतिका ने कहा

वो थोड़ा क़रीब आया और बोला…आप मेरे साथ खुश तो हैं ना…. ? मतलब आपको यहाँ अच्छा लग रहा है ना? मेरे मम्मी ,पापा ,दी ,रजत

आप ऐसा  क्यों पूछ रहे है सब बहुत अच्छे है लग नहीं रहा कि हम दूसरे शहर में है… ये बात नेहा भी कह रही थी |

यूँ  ही पूछा मैंने….

एक बात और… रोहित ने ऐसा कह कर अपना मोबाइल निकला और बोला आपका फोन नंबर् मिलेगा अगर आप देना चाहें तो…. ?

ऋतिका ने उसका मोबाइल अपने हाथ में लिया और अपना नंबर्  save कर दिया …

रोहित ने मुस्कुरा कर thank you कहा और उसके नंबर् पर call किया….

ऋतिका ने उसका नंबर् देखा और save कर लिया

वो दोनो चलते -चलते वापस वहाँ आ गए जहाँ रजत और नेहा को वो लोग छोड़ गए थे.. उन्होंने देखा

नेहा रजत के कंधे पर सिर रख कर सो रही है और रजत अपने मोबाइल में कुछ देख रहा है

ऋतिका ने पास जाकर नेहा को उठाया तो उसने आँखे खोल कर देखा और बोली – चले बहुत नींद आ रही है

ऋतिका ने उसे पकड़ा और वापस रूम में आ कर  उसे बेड पर लिटा दिया

अगले दिन

आज राशि आने वाली थी सुनीता जी उसके और दामाद जी के आने की तैयारियों में लगी हुयी थी..

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा

फिर मिलूँगी जल्दी ही

आशा करती हूँ कहानी का ये भाग आपको पसंद आया होगा जल्दी ही  फिर मिलूँगी

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धन्यवाद

स्वरचित

कल्पनिक कहानी

अनु माथुर

26 thoughts on “एक प्यारी सी लव स्टोरी (भाग -13) – अनु माथुर : Moral Stories in Hindi”

      • अनु जी आप बहुत ही शानदार लिखती है। वाकई में ऐ एक प्यारी सी लव स्टोरी है जो बिल्कुल जीवंत सी है। ऐसा लग ही नहीं रहा कि हम स्टोरी पढ़ रहे हैं यह तो ऐसा लग रहा है जैसे हम स्टोरी के ही एक पार्ट हैं सारी घटनाएं जैसे हमारे सामने ही हो रही हैं।

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  1. अनु जी आप बहुत ही शानदार लिखती है। वाकई में ऐ एक प्यारी सी लव स्टोरी है जो बिल्कुल जीवंत सी है। ऐसा लग ही नहीं रहा कि हम स्टोरी पढ़ रहे हैं यह तो ऐसा लग रहा है जैसे हम स्टोरी के ही एक पार्ट हैं सारी घटनाएं जैसे हमारे सामने ही हो रही हैं।

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  2. इसलिए इन कहानियों को पढ़ना शुरू नही करना चाहिए इससे लेखक अपने आप तो राजा और पढ़ने वालों को प्रजा समझने लगते हैं

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    • Saurab जी आप नाराज़ ना हो… आप सब पढ़ते है तभी तो हम लिख पाते है…. आपको असुविधा हुयी इसके लिए क्षमा ..
      कहानी पूरी हो गयी है आशा करती हूँ आपने पढ़ ली होगी…
      धन्यवाद😊🙏

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  3. Sare part ek sath upload kar do….bhut wait karna padhta hai ..or fir bar bar check Krna padhta h part upload hua hai ya nahi …

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