चाहत आँखों की – विजया डालमिया

…..”अर्थ ,मैंने कितनी बार कहा तुमसे, मेरा पीछा मत करो। मैं तुमसे प्यार नहीं करती”। जैसे ही आलिया ने यह बात कही अनु नींद से जाग गई। उसने देखा आलिया नींद में बार-बार यही बात कह रही थी ।अनु ने जैसे ही उसके सर पर हाथ रखा वह चौंक कर जाग उठी। पसीने से तरबतर आलिया अनु को अपने सामने देख कर उससे लिपट कर रोने लगी। अनु ने कहा ….

“कोई बुरा सपना देखा क्या “?आलिया ने कुछ नहीं कहा। अनु उसे धीरे-धीरे सहलाते हुए अपने बेड पर ले आई ।कुछ ही देर में दोनों नींद की आगोश में समा गए ।सुबह-सुबह आलिया ने अनु को उठाकर कहा ….”गुड मॉर्निंग मैडम। आपकी कॉफी हाजिर है “।कॉफी का नाम सुनते ही अनु ने आँख खोलकर आलिया को देखा और उचक कर बैठ गई ।

कॉफी पीते -पीते उसने कहा….” एक बात बता। तू ठीक तो है ना”? आलिया ने कहा….” हाँ क्यों “?….”कुछ नहीं”। कहकर अनु ने कॉफी खत्म की और दोनों तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल पड़े। आलिया ने थोड़े दिन पहले ही कॉलेज में एडमिशन लिया था। वह हॉस्टल में अनु के साथ रूम शेयर करके  बहुत खुश थी। अनु और आलिया कुछ ही दिनों में बेस्ट फ्रेंड बन चुकी थी । कभी-कभी अनु आलिया को अजीब से नजरों से देखती तो आलिया कहती….” क्या बात है “?

तो अनु कहती….” कुछ नहीं। पर पता नहीं यार तेरी आँखों में डूब जाने को दिल करता है” और आलिया बोलती …”नो चांस क्योंकि यहाँ तो पहले से ही  तू  समाई है”। अनु उसे चौंक कर देखती और चुप हो जाती ।कल रात की बात अनु के दिमाग से निकल नहीं रही थी। उसने शाम को आलिया से फिर पूछा….” आलिया यह अर्थ कौन है”? आलिया ने आश्चर्य के साथ उसे देखा और कहा….” तुझे कैसे पता अर्थ के बारे में”? ….”अरे वह तो तुम नींद में बार-बार उसी का नाम ले रही थी ना इसीलिए”…. कहकर अनु ने उसे गहरी नजरों से देखा। आलिया ने गंभीर होकर कहा ….”क्या बताऊं यार। वह अपने कॉलेज के पास कैफे हाउस है ना, वहीं पर पहली बार मुझे मिला था।



 यहाँ आने के बाद यह पहला शख्स था जो हर जगह, हर बात में मेरी हेल्प करता रहा। चाहे कॉलेज का मामला हो या हॉस्टल के रूम का। उसी ने मुझे कहा था कि रूम नंबर 11 में तुम आराम से रह सकती हो।… अच्छा एक बात बता क्या तुम उसे जानती हो “?जब आलिया ने यह बात पूछी तो अनु सोच में पड़ गई। फिर धीरे से कहा…. “हाँ”।.

…” वही मुझे भी लग रहा है। पर पता है आजकल वह हर जगह मेरा पीछा करता है। पागलों की तरह मुझे देखते रहता है। और तो और आजकल सपने में भी वह मुझे…… कहकर वह अनु को देखने लगी। अनु ने कहा.. …”ऐसा नहीं हो सकता “।….”क्यों नहीं हो सकता ?मैं क्या झूठ बोल रही हूँ “?….”नहीं…. पर… अच्छा 1 मिनट रुक”… कहकर अनु एक फोटो ले आई और कहा….” यह देख”।…. “अरे हाँ ।यही तो अर्थ है। पर तुम इसके साथ क्या कर रही हो “?अनु आलिया का हाथ पकड़ कर बैठ गई ।कहने लगी…..” अर्थ के साथ जो लड़की देख रही हो ना वह मेरी जुड़वाँ बहन तनु है “।…ओह …कहकर आलिया ने उसे देखा। अनु फिर कहने लगी….

 “यह और अर्थ एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे। 6 महीने पहले ही अचानक एक एक्सीडेंट में तनु चल बसी”… “आई एम सॉरी अनु “।अनु फिर कहने लगी….” तुझे पता है मरने से पहले उसने क्या कहा था ?कहा था कि मेरी आँखें जिंदा रहे। मैं रहूँ ना रहूँ ।पर किसी और के माध्यम से मैं यह दुनिया देख सकूँ ।यही मेरी आखिरी ख्वाहिश है”।….. “तभी “।…आलिया ने कहा इसीलिए मेरी आँखें तुम्हें बहुत खूबसूरत लगती है क्योंकि तुम्हें पता है उस एक्सीडेंट के साथ ही एक एक्सीडेंट और हुआ था ।….मेरा जिसने मेरी आँखे छीन ली। पर तभी मुझे तनु की आँखें मिल गई। जिसकी बदौलत में आज सब कुछ देख पा रही हूँ “कहते हुए उसने अनु को गले से लगा लिया ।….पर अर्थ”? अर्थ का नाम लेते हुए अनु की आवाज जैसे गहरे कुएँ से आई….” अर्थ की तो उस एक्सीडेंट में ऑन द स्पॉट ही डेथ हो गई”। कहकर उसने आलिया को देखा और फिर कहा….” डरो मत आलिया ।अर्थ तनु की आँखों की वजह से सिर्फ तुम्हें दिखता है क्योंकि तनु की आँखों में अर्थ हर पल बसता था, है और रहेगा…….

विजया डालमिया

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