निमंत्रण – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

उस शाम राजेश दफ्तर से आए तो बहुत खुश थे| उन्होंने अनुज से कहा, “हम लोग तुम्हें एक सरप्राइज देने की सोच रहे हैं।” फिर अनुज की मम्मी जया को कमरे बुलाया और धीरे धीरे कुछ कहने लगे। अनुज ने देखा पापा मम्मी को एक कागज दिखा रहे हैं। फिर मम्मी की हँसी सुनाई दी। … Read more

मीठी मास्टरनी -मेरा बचपन – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

उम्र के इस पड़ाव पर खड़े होकर देखता हूँ -कितना कुछ पीछे चला गया है,लेकिन बचपन की स्मृतियाँ अभी तक मुझसे चिपकी हुई हैं या यह कहूं कि ऐसा कोई दिन नहीं होता जब मन भाग कर बचपन की गलियों में न पहुँच जाता हो। कैसे थे वे खट्टे मीठे अबोध दिन! समृतियों का कोलाज … Read more

कितनी गहरी नींव – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

बड़े बाजार में एक शानदार हवेली बनाने की तैयारियाँ हो रही थीं। खबर थी यहाँ एक सेठ जी संगमरमर का सतखण्डा महल बनवाएँगे। लाखों रुपये खर्च होंगे। पूरा होने पर उस जैसी शानदार हवेली शहर में दूसरी कोई नहीं होगी। पूरे शहर में इस बात की चर्चा होने लगी। मुहूर्त निकला, भूमि पूजा हुई और … Read more

नया महल – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

मौसम सुहावना था। राजा महल के उद्यान में मंत्री से बातें कर रहे थे। नगर से दूर, हरी-भरी घाटी में नया महल बनवाने की योजना थी। उसी बारे में विचार हो रहा था। एकाएक राजा ने कहा, “मन करता है आज उस स्थान को देखा जाए।‘’ तुरंत रथ तैयार करने का आदेश दिया गया। आगे-आगे … Read more

सुनो बाबा – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

चिडि़यों की टोली उतरती है दोपहर में दो बजे। स्कूल बस ग्लोरी अपार्टमेंट्स के सामने रुकती है। सबसे पहले रजत की आवाज गूंजती है, ‘‘दादी, हम आ गए।’’ हम यानी ग्लोरी अपार्टमेंट्स के फ्लैटों में रहने वाले बच्चे भले ही अलग-अलग हैं, पर दादी सबकी एक हैं। उन्होंने ही बच्चों को नाम दिया है-चिडि़यों की … Read more

टूटी हुई बांसुरी – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

रामदेव व्यापारी थे। नंदनगर के बड़े बाजार में दुकान थी। मंडी में उनकी अच्छी साख थी। परिवार में पत्नी रेवती तथा दो बच्चे-अचल और जूही थे।सर्दियों का मौसम था। रामदेव रेवती और बच्चों के साथ मकान की छत पर बैठे थे। घर के सामने बगीचा था। देखा, वहाँ बैठा एक व्यक्ति बाँसुरी बजा रहा है। … Read more

तनुजा के भगवान – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

तनुजा ने देखा दादी पूजा कर रही थीं। उसने माँ से आइसक्रीम के लिए पैसे माँगे थे, पर उन्होंने कहा, “हर समय आइसक्रीम! नहीं आज नहीं, कल पापा से कहना। वह दिलवा देंगे।” तनुजा को बुरा लगा, पर चुपचाप दादी के पास आ गई। जब मम्मी-पापा किसी चीज के लिए इंकार कर देते हैं तो … Read more

चलो तस्वीर में – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

मैने 27 वर्षों तक बच्चों की लोकप्रिय ‘पत्रिका ‘नंदन के संपादन का कार्य किया। इस दौरान विश्व साहित्य की लगभग ३०० महान कृतियों का संक्षिप्त रूपांतर करने का अवसर मिला. विश्व साहित्य में बच्चों की अनेक श्रेष्ठ पुस्तकें मौजूद हैं जिनके अनुवाद और रूपांतर लगभग हर भाषा में हुए हैं .P.L.Traverse की पुस्तक Marry Poppins … Read more

आशीर्वाद – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

आधी रात बीत गई थी, पर वीरजी को नींद नहीं आ रही थी।अँधेरे कमरे में बैठे-बैठे तबीयत घबराई, तो वीर जी दरवाजा खोलकर बाहर निकल आया। घर के आगे सड़क पर इधर-उधर चहलकदमी करने लगा। सब तरफ गहरा सन्नाटा था। दूर-दूर तक कोई नहीं था। कुछ देर वहाँ खड़ा रहने के बाद अंदर जाने को … Read more

अध्यापक – देवेंद्र कुमार Moral Stories in Hindi

रामेश्वर हमेशा उस बस में चढ़ता है, जिसमें यात्री ठसाठस भरे होते हैं। कोई उससे इसका कारण जानना चाहे तो वह हँसकर रह जाएगा। बस में रामेश्वर की आंखें उस काली टोपी वाले की ओर लगी हुई थीं, जो इस समय उससे थोड़ा आगे खड़ा था। वह काली टोपी वाला व्यक्ति काफी देर से रामेश्वर … Read more

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