अपने आत्मसम्मान को हर रिश्ते से ऊपर रखना। – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

सुधा ने अपने छोटे-से घर में कदम रखा। उसकी सासु मां, मीना देवी, चाय का कप लेकर उसके लिए इंतजार कर रही थीं। सुधा के चेहरे पर चिंता और थकान साफ झलक रही थी। मीना देवी ने ध्यान से देखा और पूछा, “क्या हुआ बेटा, इतना परेशान क्यों दिख रही हो?” सुधा ने गहरी सांस … Read more

तृप्त – ऋचा उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

कहीं दूर ‘पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा’ गीत बज रहा था। अचानक ही मयंक को पापा की याद आ गई कितने दिन हो गए पापा से बात किए। जब से माँ हम सब को छोड़कर गई हैं घर आना-जाना भी कम हो गया है और पापा से ज्यादा बात भी नहीं होती। शायद सब … Read more

कड़वा करेला – पुष्पा कुमारी “पुष्प” : Moral Stories in Hindi

“बेटी के विवाह में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन मेरा मन बहुत घबरा रहा है!” विवाह में आने वाले मेहमानों की लिस्ट तैयार कर रहे अपने पति अखिलेश के बगल में आकर बैठते हुए रंजना ने चिंता जताई। “इसमें घबराने जैसी क्या बात है! सारे इंतजाम वक्त पर हो जाएंगे तुम चिंता … Read more

मन मौजी – खुशी : Moral Stories in Hindi

नीति एक मस्त मौला लड़की थी। हंसती गुनाती मुस्कुराती घर में सबकी लाडली।दो भाई सुमित और अमित मां बाबा , चाचा चाची, ताई ताऊ,बुआ दादा दादी भरा पूरा परिवार ।नीति को जब जॉब लगी तो उसके लिए लड़का देखना शुरू किया गया।नीति के ऑफिस में जतिन उसके साथ काम करता था जिसे वो पसंद करती … Read more

क्या बाँझ ? – एम.पी.सिंह : Moral Stories in Hindi

राधा एक सीधी सादी, माँ बाप की एकलौती  संतान थी। बहुत होनहार औऱ खुद्दार थी। उसकी कालोनी का एक लड़का आकाश भी उसकी क्लास मैं था। दोनो बचपन से ही साथ साथ पड़ते हुए कॉलिज तक पहुचे थे। दोनों अच्छे दोस्त थे और दोनो में अच्छी अंडर स्टैंडिंग थी। आकाश उसे दिल ही दिल चाहता … Read more

मेरी सेवा कौन करेंगा……. – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

बाबूजी, आप तो बिस्तर पर हो जाने कितने दिनों के मेहमान हो, और सारी जायदाद इधर-उधर बिखरी हुई है, इन पेपर पर अंगूठा लगा दीजिए ताकि हम तीनों मिलकर उसके बराबर हिस्सों कर लेंगे, वैसे भी अब जायदाद आपकी किस काम की है! अम्मा तो है नहीं, आपको कितना सा खर्चा चाहिए, वो तो हम … Read more

डॉक्टर बेटी की समझदारी – वर्षा गर्ग : Moral Stories in Hindi

डॉक्टर साहब का नाम उनके कस्बे में बहुत इज्ज़त और आदर से लिया जाता था। चालीस वर्षों से उनकी प्रैक्टिस का डंका बजता था। लोग उनकी ईमानदारी और ज्ञान की प्रशंसा करते नहीं थकते थे। लेकिन समय के साथ, उनकी प्रैक्टिस धीमी होने लगी। पहले जहां दिनभर में बीस-तीस मरीज आते थे, अब पांच-छह मरीज … Read more

धन और स्वार्थ – सरोज माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मुंबई के पॉश इलाके में रहने वाले आलोकनाथ जी एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। उनके घर में धन, रुतबा, और समाज में इज्ज़त की कोई कमी नहीं थी। उनकी बेटी सौम्या भी उन्हीं की तरह महत्वाकांक्षी और तेज-तर्रार स्वभाव की थी। लेकिन उसके स्वभाव में एक गहरी कमी थी—धन और स्वार्थ के प्रति उसका लगाव। उसने … Read more

सर्दी की वो शाम… – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

चार बजने को हुए तो सलोनी खिड़की बंद करने लगी…उम्र हो रही थी..अब हल्की ठंड भी उसके लिये जानलेवा हो जाती थी, फिर अभी तो दिसम्बर की कड़कती सर्दी है।तुलिका भी काॅलेज़ से आती ही होगी…।खिड़की बंद करते हुए उसकी नज़र अस्तांचल सूरज पर पड़ी जो दिनभर की थकान के बाद विश्राम करने के लिये … Read more

झूठा नाटक – सहदेव सिंह शेखावत : Moral Stories in Hindi

भाई की तबीयत का समाचार पाकर गर्विता परेशान सी हो गई। चाय देने गई तो चेहरा देखते ही सास इस बात को समझ गई कि बहू किसी दुविधा में है। उन्होंने बड़े अपनेपन से पूछा कि क्या बात है। गर्विता ने बता दिया। उन्होंने पूरे अधिकार से कहा कि वह भाई को देखने जाने की … Read more

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