दरारों – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi
बारिश की बूँदें खिड़की के कांच पर थिरक रही थीं, जैसे किसी पुराने गीत की धुन हो। सुमन खिड़की के पास बैठी थी, चाय का प्याला सामने रखा था, लेकिन उसकी नज़रें कहीं और थीं। उसी घर में जहाँ कभी बच्चों की किलकारियाँ गूँजती थीं, अब चुप्पियों की चादर तनी हुई थी। विनय जी, सेवानिवृत्त … Read more