स्नेह का बंधन – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पता नहीं क्या कशिश थी उस शादीशुदा अनिकेत में की शैलजा जितना उनसे दूर जाने की कोशिश करती उतना ही खिंचाव महसूस करती, शैलजा और अनिकेत एक ही अस्पताल में काम करते हैं अनिकेत दिल के डॉक्टर है जबकि शैलजा  नर्स है इस प्रणयकी शुरुआत लगभग 6 महीने पहले हुई थी, ऑपरेशन थिएटर में अनिकेत … Read more

स्नेह का बन्धन – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

गुरुग्राम की ऊँची इमारतों के बीच “गैलेक्सी हाईट्स” नाम की एक सोसाइटी थी। ऊपरी मंज़िल पर रहने वाली अन्विता मेहता की ज़िंदगी चमचमाती लाइटों जैसी थी—शानदार, तेज़ और ख़ूबसूरत। उसके पिता रजत मेहता बड़े उद्योगपति थे और माँ संध्या मेहता समाजसेवा से जुड़ी थीं। इसी सोसाइटी की सबसे निचली मंज़िल पर कमला देवी अपने परिवार … Read more

स्नेह का बंधन – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

   कल राखी है। समझ नहीं आ रहा है कि माधुरी के लिए उपहार कहाँ से लाऊंगा? बिजनेस पूरा ठप पड़ा है। अब तो घर खर्च के लिए भी सोचना पड़ रहा है। समय अनुकूल हो तो सभी मित्र होते है लेकिन जैसे ही परिस्थिति विपरीत होती है सगे संबंधी भी पराये हो जाते है। जाने … Read more

रिश्ते- स्नेह प्यार और परिवार – शैलेश सिंह “शैल,, : Moral Stories in Hindi

संयोगिता का विवाह  एक बड़े घराने में तय हो हुआ था। घर में रौनक ही रौनक थी। लड़के वालों को जैसी लड़की चाहिए थी संयोगिता बिल्कुल वैसी ही थी। संयोगिता के दूर के फूफा जी ये रिश्ता करवा रहे थे। बार-बार पूछने के बाद भी अभी तक फूफा जी ने राजेश जी को दहेज का … Read more

स्नेह का बंधन – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मां तुम बाबू जी को मना लो ना…. कम से कम एक बार तो अपने बेटे बहू के पास आकर रहें। यदि मन नहीं लगे तो बेशक मैं खुद वापस गांव छोड़ने चला आऊंगा। विभु ने अपनी मां कल्याणी जी से ऐसा कहा तो कल्याणी जी ने जबाव दिया…. बेटा तू तो जानता ही है … Read more

स्नेह का बंधन – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

अखिल से मैं जब भी परिवार के बारे में बात करती हूँ वे मुझ पर यह कहकर भड़क जाते थे कि तुम मेरे परिवार को पसंद नहीं करती हो इसलिए उनके बारे में अनाप शनाप बोलकर मेरा दिल तोड़ देना चाहती हो । उनसे मुझे दूर कर देना चाहती हो जो मैं नहीं होने देना … Read more

स्नेह -बंधन – डाॅ संजु झा : Moral Stories in Hindi

कथा नायक सुरेश मिश्रा जिस शादी को बंधन समझते थे,आज उसी  बंधन के स्नेह में  डूबकर अपने भाग्य पर रश्क कर रहे हैं।पत्नी मीता और दोनों बेटे के स्नेह -बंधन में बॅंधकर उन्हें ज़िन्दगी की खुबसूरती का एहसास होता है,इसके लिए सिर झुकाकर बार-बार ईश्वर का नमन करते हैं।एक बात तो सत्य है कि अगर … Read more

वरदान – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

आज   सुहानी के शादी के कार्ड को देखकर विश्वास नहीं हो रहा था , आँखें छलक आईं ,  सुहानी वेड्स अभिलेख …… आख़िर सात वर्ष के बाद सुहानी ने  शादी के लिए हामी भर दी थी ।  सुहानी  का नाम याद आते ही  उसकी पिछली जिंदगी  किसी चलचित्र की  भांति घूमने लगी ।  वो … Read more

दूजबर से स्नेह का बंधन – ‘ऋतु यादव’ : Moral Stories in Hindi

शुभ्रा घर पहुंची तो देखा पति अग्रज टीवी में आँखें गड़ाए थे।टीवी पर ब्रेक आया तो, वहां से नजरें हटाकर, “तो कैसी रही शादी? तुम तो इतनी सजग हो अपनी सेहत को लेकर, कुछ खाया तो होगा नहीं?  शुभ्रा मुस्कुराकर, “जी,पर इसी बहाने पुरानी सहेलियों से मिल ली।” अग्रज, “अच्छा!!ऐसा कौन मिल गया तुम्हें?”  शुभ्रा, … Read more

स्नेह का बंधन – राजेश इसरानी : Moral Stories in Hindi

मै 6 वर्ष का था। पिताजी का एक दुर्घटना में देहांत हो गया था 6 महीने पहले। परिवार में पैसे की कोई कमी नहीं थी। मां एक स्कूल में अध्यापिका थी। उन्हीं की स्कूल में एक मेरे उम्र की छोटी बच्ची पढ़ती थीं। रोज शाम उसे स्कूल से लेने उसके मम्मी पापा दुपहिया लेके आते … Read more

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