मोहताज – रेखा जैन : Moral Stories in Hindi

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“इस बार फिर से नमन ने 4000 रुपए ही दिए है।  इसमें हम दोनों पूरा महीना कैसे निकालेंगे?   घर खर्च के अलावा हमारे अपने कुछ खर्चे नहीं है क्या?   छोटी छोटी जरूरतों के लिए उसके आगे हाथ फैलाना अच्छा नहीं लगता!” शोभा जी अपने पति महेंद्र जी से कह रही थी। उनके परिवार … Read more

अपनी कीमत – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

अनपढ़ रागिनी के स्वाभिमान को आज बहुत बड़ा धक्का लगा। बचपन से लेकर आज तक की जो उसकी ज़िंदगी है, उसकी मर्ज़ी की है कहाँ? शायद इसलिए वो इतना, और बार-बार जलील हो रही है। सासू माँ ने कहा, “जायेगी कहाँ, दो अक्षर का ज्ञान भी नहीं है, और न कोई हुनर, न इल्म। खायेगी … Read more

मोहताज… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…निम्मी ने रोज की तरह… बाहर से ही आवाज लगाया… “रिया हो गया… जल्दी चलो…!”  रिया के घर का दरवाजा खुला ही था… अंदर उसके भैया बैठे हुए थे… बिल्कुल दरवाजे के सामने… उनकी नज़रें निम्मी पर थी…  निम्मी थोड़ा बगल हट गई… रोज का हो गया था… वह जब भी रिया को बुलाने आती… … Read more

मोहताज – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

यह क्या कर रहे हैं पापा आप?? दिखाइए तो जरा … कुछ नहीं जा तू यहां से… दफ्तर के लिए लेट हो रहा होगा … आज मेरी छुट्टी है … अपना काम कर जाके फिर … मुझे मेरा काम करने दे… रघुनाथ जी सख्त लहजे  में बोले … दिखाइए तो सही… इतनी ठंड में पूरे … Read more

अपूर्ण कौन ?? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” कहते है मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जिसे कदम कदम पर किसे दूसरे की मदद की जरूरत पड़ती ही है जो जन्म लेने ( बिना किसी की मदद संसार मे नही आ सकते ) से मृत्यु तक ( बिना किसी सहारे श्मशान तक नही जा सकते ) चलती है । ये मदद हर कोई … Read more

चिरवंचिता – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

समिधा अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी।‌ बचपन से ही उसे वह सब कुछ मिला जिसकी किसी भी बच्चे को चाहत हो सकती थी, ढेर सारे खिलौने, गेम्स,  चॉकलेट्स, वेकेशन पर बाहर घूमने जाना, मूवीज़, आए दिन रेस्टोरेंट्स में खाना खाना…. उसकी बाॅर्बीज़ का कलेक्शन तो सहेलियों में ईर्ष्या का विषय था‌। ऊपर से सब … Read more

करियर – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

माँ , कल ग़ाज़ियाबाद जाना है तो आरती के लिए गाजर का हलवा बना दो , ले जाऊँगा । कुणाल ट्यूशन से आता ही होगा , सामान ले आएगा ।  बता ! एक- आध दिन पहले बता देता तो तिल के लड्डू भी बना देती । अब कल जाना है और अब बता रहा है … Read more

*एक दूजे का सहारा* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

दिलीप और भारती का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था। दिलीप एक सरकारी दफ्तर में क्लर्क की नौकरी करता था और भारती अपनी गृहस्थी को सुचारू रूप से चलाती थी। वह घर के सारे कार्य अपने हाथ से करती ,और बहुत मितव्ययी थी। दो बेटे थे उन्हें हमेशा अच्छे संस्कार देने की कोशिश की। उनकी शिक्षा … Read more

मोहताज – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

जया जब अठारह साल की हो गई थी तो माता पिता ने उसकी शादी कर दी थी । अपने पति का साथ उसे सिर्फ़ दो साल ही मिला था । दो दिन के बुख़ार से ही उसकी मृत्यु हो गई थी । अपने छोटे से बेटे को लेकर वह अकेली हो गई थी । उसकी … Read more

मोहताज – डा. शुभ्रा वार्ष्णेय : Moral Stories in Hindi

गाँव के चौराहे पर हलचल मची थी। वहाँ एक नया मंच बनाया गया था, जिस पर बड़ा सा बैनर लगा था: “मोहताज कौन?” लोग इस अजीब से सवाल पर चर्चा कर रहे थे। सबको उत्सुकता थी कि आखिर यह सवाल क्यों पूछा जा रहा है। संध्या समय जब सूरज ढलने को था, तब एक युवक … Read more

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