*”दामिनी का दम”* (भाग-5) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

वो थाना उस क्षेत्र का काफी व्यस्त और मुख्य पुलिस थाना था । वह शहर का का प्रमुख थाना था। जिस समय दामिनी उस थाना में प्रवेश की वहा गेट पर कोई पुलिस का जवान पहरेदारी में नही था। अंदर कुर्सियों और टेबल पर इधर उधर पुलिस के जवान गहरी नींद में सो रहे थे।उनकी … Read more

*”दामिनी का दम”* (भाग-4) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

थोड़ी देर में बैरा कई प्लेटो में भेज आइटम ले आया ।जिसमे रोटी चावल फ्राई,पनीर मसाला,मसरूम मसाला  और सलाद आदि दो लोगो के लिए प्राप्त थे। बैरे ने खाना परोसते हुए कहा _ मैडम ये गर्म गर्म रोटियां है और जरूरत होगी तो मैं ला दूंगा । दामिनी ने कहा _ ठीक है मैं बता … Read more

*”दामिनी का दम”* (भाग-3) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

ट्रेक जैसे ही लड़खड़ा कर पेड़ से टकराया दामिनी ने कार की ब्रेक पर अपना पैर जमा दिया । कार सड़क पर  काफी दूर घसीटती चली गई। कार रुकते ही उसने कार का गेट खोला और हाथ में रिवालबर लिए नीचे कूद पड़ी और लपकते हुए ट्रक की ओर भागी । दो बदमाश ट्रक से … Read more

*”दामिनी का दम”* (भाग-2) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

थोड़ी देर में वो लड़का चाय पीकर लौट आया और ड्राइविंग सीट पर बैठकर टेक्सी  स्टार्ट कर आगे बढ़ा दिया। दामिनी को इतनी तेज बारिश में चाय पीकर बहुत राहत महसूस हो रही थी ।मौसम में हल्की ठंड का एहसास हो रहा था।दिन में काफी तेज धूप  और उमस थी लेकिन रात में तेज बारिश … Read more

*”दामिनी का दम”* (भाग-1) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

राजधानी एक्सप्रेस धड़ाधड़ करती हुई अपनी तूफानी गति से भागी जा रही थी ।दामिनी अपने बर्थ पर बैठी अपनी कलाई घड़ी की ओर देखी ।उसने अपने मन में कहा कुछ ही देर में मेरा स्टेशन आने वाला है ।मुझे अब अपने समान को समेटना चाहिए ।उसके पास दो बड़े बैग थे ।एक छोटा बैग था … Read more

नीलांजना ( भाग-11 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…”चोट सचमुच मेरे सर में लगी है… पर आपका सर तो ठीक है ना… अगर कोई सफल न हो… तो क्या उसे जीने का हक नहीं होता…!” ” देखो अभिनव दत्ता… पहेलियां मत बुझाओ…!” उसके बाद… अभिनव ने बिना नीलांजना जी का पता बताए… उनके हरिद्वार से निकलने के बाद क्या हुआ… कैसे हुआ… सब … Read more

नीलांजना ( भाग-10 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…लगभग एक हफ्ते हो गए थे… अभिनव को उस घर में… अब वह पहले से बहुत ठीक था… इस बीच नीलांजना जी और उनकी बेटियों ने अभिनव को कभी किसी कमी का एहसास नहीं होने दिया… शांभवी तो पूरी तरह घुल मिल गई थी भैया से… उसकी पढ़ाई में भी बहुत मदद मिल रही थी… … Read more

नीलांजना ( भाग-9 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

नीलांजना ने आगे कहना शुरू किया … ” मैंने अस्पताल से घर में फोन किया था… मैं नागार्जुन से शायद सब कह देती उसी दिन… मगर फोन मेरी अम्मा… अंकिता की दादी ने उठाया था… नागार्जुन तब तक घर नहीं आए थे… अम्मा ने अंकिता की हालत सुनने के बाद… मुझे घर आने से मना … Read more

नीलांजना ( भाग-8 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…सबसे पहले तो उसे नागार्जुन जी को कोई अपडेट देना था… वरना वह उसका ही पीछा करना शुरू न कर दें… अभिनव ने अपने फोन को कई बार सेट किया… यहां वहां ठोक लगाई… मगर उसमें कोई हलचल नहीं हुई… बैग से चार्जर निकाल… आखिर उसने मोबाइल को चार्ज में लगाया… करीब 2 घंटे लगातार … Read more

नीलांजना ( भाग-7 ) – रश्मि झा मिश्रा  : Moral Stories in Hindi

…अभिनव दत्ता ने अपने दोनों हाथ जोड़कर नीलांजना जी से धन्यवाद कहा… कुछ और बोलना चाह रहा था… कि उसने अपने सर में थोड़ा चक्कर महसूस किया… वह चुप हो गया… नीलांजना जी शायद समझ गईं… उन्होंने देर ना करते हुए आवाज लगाई… “शांभवी… बेटा भैया के लिए हल्दी वाला दूध ले आओ… वहीं टेबल … Read more

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