स्नेह भरी टिकिया – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

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हैलो…… बुलबुल का फोन….?  आज अचानक कैसे याद आ गई मेरी तुझे बुलबुल…..? अरे तूलिका… सुन ना ….तू मुझे अपने घर का एड्रेस बता ना जल्दी से…. या लोकेशन भेज…… क्या…..?  एड्रेस ….? लोकेशन  ?  पर तू है कहां….. और इतने हड़बड़ी में मेरा एड्रेस क्यों मांग रही है…? सब ठीक तो है ना…? हां … Read more

सुलोचना मां – गीतू महाजन’ : Moral Stories in Hindi

सुबह से ही व्यस्त सुलोचना जी सारे कामों की निगरानी अच्छे से कर रही थी।बार-बार घड़ी की और देखते उनकी नज़र मेहमानों की लिस्ट पर भी बहुत बार घूम चुकी थी।’कैसे होगा सब’ यही सोचकर उनके हाथ और तेज़ी से कम कर रहे थे।हालांकि..बच्चे कई बार फोन पर कह चुके थे कि उनकी सारी तैयारी … Read more

“अगला जन्म किसने देखा?” – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

जूही ने खिड़की के बाहर झाँकते हुए गहरी सांस ली। हल्की ठंडी हवा उसके चेहरे से टकराई, पर मन में उठते सवालों की गर्मी कम नहीं हुई। उसने मन ही मन सोचा—क्यों जन्मों की आस लगाए बैठे हैं हम? जब ये जीवन हमारे पास है, तो उसी में खुशियां क्यों न तलाशें? संबंधों की चमक … Read more

स्नेह का बंधन – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

राधा और गुंजन का खून का रिश्ता नहीं था लेकिन ऐसा रिश्ता था जो हर किसी के मन में चाहत लाता था कि काश! गुंजन जैसी बेटी ईश्वर सबको देता। गुंजन राधा के घर काम करने वाली सेविका की बेटी थी। बेटे की चाहत में जब चौथी बेटी के रूप में गुंजन का जन्म हुआ … Read more

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