मुझे माफ कर दो – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 ए सी वाले कमरे में सोते हुए भी प्रतिभा पसीने से तरबतर हो चुकी थी। वह हड़बड़ा कर उठ बैठी,वह बहुत परेशान थी,उफ! फिर वही सपना, वह समझ नहीं पा रही थी कि यह सपना मुझे बार-बार क्यों आता है वह इस सपने से बहुत ज्यादा डर जाती थी हालांकि वह इन बातों पर यकीन … Read more

पछतावे के आँसू – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

रोनित  , कब  तक तुम छुट्टी लोगे यार …. तुम्हारा और  चंचल भाभी का इतना ही साथ था । जीवन में आगे बढ़ना ही पड़ेगा । मैं और इशिता भारत जा रहे हैं । तुम भी चलो ….. कैसे जाऊँ? एक तो मैंने घर में बिना बताए शादी की । ऊपर से छोटी सी रुमी … Read more

पछतावे के आसूं – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अरे श्रीधर देर मत कर, जल्दी से आजा। एक बार लड़का देख ले बहुत अच्छा लड़का है। सुंदर, पैसे वाला, एकलौता और क्या चाहिए। मधुलिका के लिए बहुत अच्छा रहेगा। बुआ जी लड़के की प्रशंसा के पुल बांधे जा रही थी।  ठीक है दीदी मैं घर में बात करके आपको बताता हूं। हां, हां कर … Read more

पछतावे के आंसू – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

दुलारी काकी हमारे यहां नई शादी करके आई थी उसी समय से काम कर रही है…होश संभाला तभी से दुलारी काकी को दो बेटियों शीला और सरला के साथ देखा है.. दस साल की शीला और सात साल की सरला स्कूल से आते हीं हमारे यहां पहुंच जाती… भूखी प्यासी… दादी उनके लिए रोटी चावल … Read more

चोट – बिना शर्मा : Moral Stories in Hindi

“जब देखो मुझसे बाहर चलने के लिए कहते रहते हो मैंने कहा ना बेटे की शादी से तो मैं फारिग हो गई बस बेटी की शादी और हो जाए उसके बाद मैं आपके साथ फुर्सत से घूमने जाऊंगी” कौशल्या ने अपने पति किशोर से कहा तो किशोर मुस्कुराते हुए बोले “भाग्यवान मुझे तुम्हारी यही बात … Read more

मानू चला गया – प्रियंका सक्सेना : Moral Stories in Hindi

मानू जब घर में आया तो घर में मानो बहार आ गई, हो भी क्यों नहीं? वासंती जी और रवींद्र जी के बड़े बेटे अमित की पहली संतान जो था। कविता भी अपने बेटे को सास-ससुर और देवर सुनील के द्वारा मानू को हाथों-हाथ रखने से बहुत खुश थी। मानू को पलकों में सहेज कर … Read more

“पश्चाताप” – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

अंश तुम मेरा कल ट्रेन का टिकट करवा दो सुना तुमने,   मैं शाजापुर अपने घर जाना चाह रही हूं यह कहकर राधिका जल्दी-जल्दी अपना सामान पैक करने लगी अंश बोला मां आप अकेली क्या करोगी , नहीं बेटा मैं अब अपना अपमान नहीं सह सकती तुम्हारी बहू सुष्मिता मुझे बात-बात पर ताने मारती है … Read more

पछतावे के आंसू – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

प्रणव जी रिटायर्ड प्रिंसिपल एवं कावेरी जी भूगोल की प्रोफेसर थी। अपने इकलौते पुत्र रुद्र की नौकरी लगने के बाद रुद्र के विवाह के सपने सजाने लगी। उन्हें एक बेटी की बहुत चाहत थी लेकिन वह मंशा पूरी न हो सकी।  सोचा बेटे के विवाह के उपरान्त बेटी की इच्छा भी पूरी हो जाएगी। बहू … Read more

पछतावे के आंसू – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

“क्या मैंने बहुत देर कर दी?” ये विचार बार-बार अंकित के मन में कौंध रहा है और उसे अधीर कर रहा है। इसी विचार के साथ ही कैंपेगौडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बेंगलुरु की ओर दौड़ती टैक्सी में बैठा वह बेंगलुरु से नई दिल्ली की फ्लाइट के लिए इमरजेंसी टिकट बुक करता है। राजस्थान के भिवाड़ी का … Read more

नीयति का खेल – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

    अबोध तीन वर्षीय अनिकेत समझ ही नही पा रहा था,कि उसके साथ ये क्यों हो रहा है?पापा बोले थे कि अन्नू देख ये तेरी नयी मम्मी।मम्मी शब्द सुन अन्नू चौंका, उसे लगा मम्मी आ गयी,पर ये तो कोई और है,इसीलिये उसमें कोई उत्साह नही हुआ।पापा ने अन्नू को फिर समझाया, बेटा पहले वाली मम्मी तो … Read more

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