इसके बाद क्या.… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

पूरे दो साल हो गए थे… अविनाश को अपाहिज हुए… एक हादसे में उसने अपनी दोनों टांगें गंवा दी…व्हीलचेयर पर जिंदगी खींचने को मजबूर अविनाश… अभी सिर्फ 32 साल का ही हुआ था…  तीन साल पहले… बड़ी ही धूमधाम से उसकी शादी अवंतिका से हुई थी… दोनों ने साल भर यहां-वहां घूम कर, खूब मस्ती … Read more

अन्तर्मन की आवाज़ – ऋतु दादू : Moral Stories in Hindi

कुमुद वृद्धाश्रम की संचालिका सुशीलाजी के साथ लॉन में बैठी कुनकुनी धूप का आनंद ले रही थी,उसके डाक्टर बेटी, दामाद हर तीसरे माह  वृद्धाश्रम में आकर यहां रहने वाले लोगो का स्वास्थ्य परिक्षण करते हैं,आश्रम की संचालिका सुशीला देवी कुमुद की सखी हैं, इसलिए कुमुद भी उनके साथ आ जाती है।अचानक कुमुद की नज़र सामने … Read more

एक फैंसला आत्मसम्मान के लिए – अमित रत्ता : Moral Stories in Hindi

सावित्री आज दस साल बाद जेल से बाहर निकलती है जैसे ही गेट से बाहर आती है सामने नीली बत्ती वाली गाड़ी उसका इंतजार कर रही होती है। डीएसपी साहिबा और एक लड़की गाड़ी से बाहर निकलती है और आंसुओं से भरी आंखों के साथ सावित्री के सामने खड़ी होकर उसे सल्यूट करके उसके पैर … Read more

मत जाओ प्लीज ! – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

सागर ने नया जॉब नोएडा में ढूंढा था । आज कोलकाता से नोएडा जाने के लिए अपनी पत्नी पंखुड़ी के साथ निकल चुका था । साथ में सागर का छोटा भाई राहुल और बहन राशि भी थे ।  सागर पंखुड़ी की शादी के चार साल हो गए थे, अभी तक कोई बच्चा नहीं था । … Read more

आत्मसम्मान के साथ मायके आऊंगी। – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

अरे!! ये क्या अच्छा भला घर छोड़कर मायके में आकर बैठ गई है, कुछ शर्म भी है या नहीं, बेटी शादी के बाद ससुराल में ही अच्छी लगती है, इस तरह मायके में रहना शोभा नहीं देता है, फिर मायके वाले कब तक तेरा बोझ उठायेंगे? चाची ने तंज कसा और चली गई। सुधा निशब्द … Read more

आत्मसम्मान – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

——————– बेटा यह फैसला मैंने अपने आत्म सम्मान के लिए लिया है।  मेरा संबल तुम्हारे पापा ही है। आज भी उनकी पेंशन आती है और मेरी बीमारी पर मेरा इलाज आराम से हो जाता है । क्या वृद्ध होने पर माता-पिता की बच्चों पर निर्भरता की कीमत उनका आत्मसम्मान है? क्यों वृद्धजन अपना आत्मसम्मान बनाए … Read more

एक फैसला आत्म सम्मान के लिए – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

आज फिर आफिस में त्याग पत्र दे आया ।घर पहुंचा तो किरण ने सवाल किया “इतनी जल्दी आ गये सुबोध, बात क्या है “?”हाँ आज फिर नौकरी छोड़ दिया ” आत्म सम्मान के लिए ही यह फैसला किया है ।नहीं बेच सकता मै अपना आत्म सम्मान ।” पर हुआ क्या “? बताओ भी? चीफ मैनेजर … Read more

सम्मान की चमक – भगवती : Moral Stories in Hindi

सुष्मिता आज बहुत खुश थी। आज रिशी के साथ उसकी सगाई होने वाली थी। रिशी एक संपन्न परिवार का सुदर्शन युवक था। उसके भावी ससुराल में सास ससुर के अलावा रिशी की एक छोटी बहन रेखा थी। सगाई संपन्न हो चुकी थी। तीन माह बाद विवाह की तारीख तय हुई थी। इन तीन महीनों में … Read more

फैसला – खुशी : Moral Stories in Hindi

दीनानाथ जी एक फैक्ट्री में मुनीम थे। पत्नी गायत्री २ बेटे  निर्मल और विमल और बेटी सुनीता और ऐसा परिवार था।ज्यादा रहीसी तो नहीं पर घर में सब खा पीकर खुश थे।निर्मल का मन पढ़ाई में कम लगता था इसलिए दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ वो बिजली का काम सीखने लगा।विमल पढ़ने में अच्छा था … Read more

बहुत से भी बहुत मीठी चाय – उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

 पिछले नौ दिनों में ही प्रशांत को रिया की वास्तविक खुशी का अहसास हो गया था। अपनी व्यस्तता के बावजूद अब वह उसके घर वापिस आने पर चहकती हुई मिलती थी।        आज सुबह प्रशांत स्वयं भी रिया के उठकर बाथरूम में जाते ही उठ खड़ा हुआ और उसने गैस पर सुबह की चाय चढ़ा दी। … Read more

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