टर्निंग पॉइंट कभी भी आ सकती है – मनीषा सिंह : Moral Stories in Hindi

“मैंने••• तुझे कितनी बार कहा कि•• मत खेला कर उनके साथ पर तू है की सुनती ही नहीं•••! गीता अपनी बेटी सेजल से बोली। पर मां••!” मैं क्यों नहीं खेल सकती उनके साथ•••? आखिर वो मेरे भाई-बहने हैं•••! 1४ साल की सेजल बड़ी-बड़ी आंखों को मटकाते हुए गीता से ही सवाल जड़ दिया।  एक बार … Read more

कब तक तुम्हारा खर्चा उठाऊँ – अयोध्याप्रसाद उपाध्याय : Moral Stories in Hindi

“सबका करें भला भगवान। सबको रखें खुशहाल और धनवान।” इन्हीं दोनों वाक्यों को सर्वेश सामने वाली दीवार पर टंगे भगवान शिव के चित्र के समक्ष हाथों को जोड़कर दुहराये जा रहा था । अभी सुबह के सात बजे होंगे। फागुन का महीना था। मौसम सुहाना था। मंद मंद हवा बह रही थी। जो खिड़कियों से … Read more

अपमान बना वरदान – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

राधिका का जीवन हमेशा से हिंदी भाषा और संस्कृति से जुड़ा रहा था। स्कूल, कॉलेज में पढ़ते हुए, वह जब भी कुछ महसूस करती, उसे शब्दों में ढालने के लिए हिंदी ही उसका प्रिय साधन बनती। वह अपनी कविताओं और लेखन के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करती। हिंदी को वह अपनी आत्मा मानती … Read more

सपने सच हुए – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ऐ रे चंपा किधर फुदक रही है… चल इधर आ मेरे साथ रसोई में हाथ तो बँटा।” अपनी भारी भरकम आवाज़ में रमिया ने कहा  “ अभी आई ताईजी कहती हुई चंपा गोद में सो रहे दो साल के अपने चचेरे भाई को बिछौने पर सुलाकर रसोई में आ गई  रमिया खुद काम कम करती … Read more

स्कीम वाली दुकान – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

” बड़े भैया, छोटे भाई नीरज का अपमान करने का कोई हक नहीं है। आप पहले भी दो-तीन बार ऐसा कर चुके हैं,मैं आपसे बहुत नाराज हूं।आखिरकार आप बड़े हैं अगर आप ही ऐसा करेंगे,तो छोटों को क्या सिखाएंगे। “मीता ने अपने बड़े भाई कमल से कहा।   कमल ” तू गलत कह रही है मैंने … Read more

अपमान बना वरदान – उषा विजय शिशिर भेरूंदा : Moral Stories in Hindi

आज कामवाली राधिया बड़े देर से आई, सरिता जी पूछने लगी देरी से आने का कारण  रधिया सारे मोहल्ले का हाल-चाल बताने लगी अचानक उसे याद आया और वह कह उठी वह रामचरण मिश्रा जी के यहां यशोदा ताई ने आपको शाम को जरूर बुलाया है सरिता जी सोचने लगी अभी रामचरण मिश्रा जी का … Read more

अपमान बना वरदान – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

ये कैसी बात कर रही हो सुजाता! नंदिनी की शादी तुम्हारे भाई के साथ, वैसे क्या जोड़ है …. हाँ…मेरे हिसाब से तो ठीक है दोनों का जोड़ … फिर समीर को नंदिनी बहुत पसंद आई थी । तुम्हारी सगाई के दिन उसे देखकर मेरा भाई लट्टू हो गया था उस पर …. छह महीने … Read more

नई राह – निभा राजीव निर्वी : Moral Stories in Hindi

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नंदिनी ने अपार स्नेह और आह्लाद से भरकर अपने अठारह वर्षीय भाई नमन का टीका किया, जो भाई दूज के पावन अवसर पर उससे टीका कराने आया था। भावातिरेक दोनों भाई बहन की आंखें नम हो गई। नंदिनी ने नमन से कहा, “- चल तू बैठ, मैं तेरा खाना लगाती हूं।” नमन ने मुस्कुराते हुए … Read more

माँ जी का ख़ौफ़ – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi

सुहासिनी की ज़िंदगी में जैसे विधाता ने उसके लिए ठोकरें और अपमान ही लिखा था । ग़रीब पिता विवाह में अपेक्षित दहेज़ नहीं दे पाए थे इसलिए ससुराल में हमेशा सास-ससुर से उपेक्षा और अपमान ही मिला लेकिन पति का व्यवहार उसके प्रति अच्छा था क्योंकि राजीव ने स्वयँ उससे अपनी मर्जी से  विवाह किया … Read more

अपमान बना वरदान – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

 स्वाति के तीखे नैन नक्श, रंँग सांवला एवं बाल घने बहुत लम्बे थे। स्वभाव में चंचलता लेकिन बात करने का अंदाज बहुत गंभीर था। वह जब भी बालों को धोती तो, मांँ बोलती जाओ!  बालों को धूप में सुखा लो, नहीं तो खराब हो  जाएंगे ।   “उसका बाल सुखाने का एक अनोखा ही अंदाज था। … Read more

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