भाभी माँ – Motivational Short Story In Hindi

अरी ओ अनिता कुलटा ,कुलछिनि कहाँ से आ रही है?

शादी के इतने साल बाद तूने अपने लछन दिखाने शुरू कर दिए। घर मे तो बहुत संस्कारी बहु बनती घूमती है। मेरी बेटी तुझे भाभी माँ भाभी माँ कहते नहीं थकती है।

वही मैं सोचूं कि इस बार बेटे  के साथ क्यों नहीं गई तुम।

ये बात अब मेरे समझ में आई। तुझे अब नया यार चाहिए।

इसीलिए मेरी गैरमौजूदगी में  छैल छबीली बनकर घर से निकल जाती है।

क्या हुआ माँ जी आप ये क्या कह रही हैं? बहू अनिता  ने सहज भाव से अपनी सास रमा देवी से कहा।

ज्यादा भोली मत बनो मिसेज शर्मा ने तेरे बारे में सब बताया है।कि तू कहाँ कहाँ जाकर गुलछर्रे उड़ाती है। आज तो मैंने भी तुझे एक आदमी के साथ होटल के बाहर देखा।

अनिता  चुपचाप अपने कमरे में जाने लगी।

सास रमा देवी- तुम्हें अब इस घर में रहने की जरूरत नहीं है जाओ अपने मायके ,तुम्हारे माँ बाप को भी तो तुम्हारे करतूतों के बारे में पता चले। इसी वक्त तुम घर छोड़कर जाओ नहीं तो तुम्हारे साथ मेरी बेटी कलिका भी बिगड़ जएँगी जाने क्या जादू फेर दिया है उसके ऊपर भाभी माँ भाभी माँ कहते हुए तुमसे चिपकी रहती है तुम्हारे खिलाफ एक शब्द भी सुनना नहीं चाहती। तुम्हारी बातें बेटे को बताने को कहती हूँ तो कहती है भाभी माँ के बारे के कुछ भी उल्टा सीधा मत कहो किसी से नहीं तो मैं अपनी जान दे दूँगी।



सास रमा ने अपना रौद्र रूप धारण कर लिया और वह अनिता को धक्के मारकर घर से बाहर निकलने लगीं।

उनकी बेटी कलिका भी घर मे नहीं थी। अनिता हाथ जोड़कर कहती है- “माँजी मुझे दो दिन का समय दीजिये मेरे माँ पिताजी तीर्थ यात्रा पर गए हैं वे दो दिन बाद आ जाएंगे तो मैं यहाँ से चली जाउँगी।” वह गिड़गिड़ाती रही लेकिन रमा  देवी ने उसे घसीट कर घर से बाहर कर दिया और अंदर से दरवाजा बंद करने जा रही थीं तभी उनकी बेटी कलिका आ जाती है और उसे भाभी की हालत को देखकर बहुत दुख होता है। वह उन्हें को घर के अंदर ले जाती है।

रमा देवी बेटी के ऊपर भी गुस्सा करने लगती हैं तब

वह अपनी माँ से कहती है-माँ अब मैं आपको बताने जा रही हूँ कि कुलटा कौन है इस घर में?

अनिता-कलिका क्या कर रही है  चुप कर कुछ भी मत बोलना सब ठीक हो जाएगा।

कलिका-‘नहीं भाभी माँ अब मैं चुप नहीं रह सकती।जब मैं दुष्ट नीतीश के झूठे प्यार के चंगुल में फँसकर अपना सबकुछ गंवा  बैठी  और आत्महत्या करने जा रही थी तो आपने मुझे बचाया । आपने मुझे समझाया और सहारा दिया।

अपने गहने बेचकर पाँच लाख रुपये देकर  उसके चँगुल से भी बचाया लेकिन वह अभी भी मुझे ब्लैकमेल कर रहा है। उसने अभी तक वे सारे अश्लील वीडियो और फ़ोटो नहीं डिलीट किये हैं  अपने मोबाइल से जो कि एकदम फर्जी और झूठे हैं।  जिसके लिए आप उसके पास जाती हैं। वो आपसे और पैसे माँग रहा है ये बात आपने भैया से भी नहीं बताया न ही पुलिस को ताकि मेरी और इस घर की बदनामी न हो।  आप इसलिए इस बार भैया के साथ कानपुर भी नहीं गईं। मेरी करतूतों की सजा आपको मिल रही है। मैं बदनामी सह लुंगी पर आपको इस घर से नहीं जाने दूँगी।

रमा देवी का मुँह देखने लायक था। उन्हें व्यवहार पर बहुत पछतावा हो रहा था।

स्नेहलता पाण्डेय स्नेह

नई दिल्ली

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