पैसे का सदुपयोग – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” भाभी…आप इन लोगों को इतना सिर पर मत चढ़ाइये..कहीं ऐसा न हो कि जब आपको ज़रूरत पड़े तब ये मना कर दे और आप#टका-सा मुँह लेकर रह जाएँ…।” ननद नंदा की बात सुनकर निधि कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुराते हुए उसके कंधे पर अपना हाथ रख दी।       निधि का पति सुमेश सरकारी नौकरी करता … Read more

दोस्ती का मान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” स्वाति बेटा…किसी के दिये उपहार को यूँ फेंककर अपमान नहीं किया करते।” बेटी द्वारा फेंके गये पर्स को फ़र्श से उठाकर उसे देती हुई कामिनी बोली।तब स्वाति उन्हें पर्स के पीछे लगे प्राइस टैग को दिखाते हुए तल्ख-स्वर में बोली,” इसका प्राइस तो देखिये…सिर्फ़ सौ रुपये…उँह! इससे ज्यादा कीमत की तो मेरे पास पेन … Read more

दिल के तार – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

        ” मम्मी जी, पापाजी तो अब रहें नहीं ,तो अब उनकी बात का क्या महत्त्व।एक नौकरी करने वाले परिवार में हमारी पूजा कैसे रह पायेगी।” कविता अपनी सास को समझाते हुए बोली तब पास खड़ी उसकी देवरानी मंजू भी उसकी उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए बोली,” हाँ मम्मी जी..मेरा भी यही कहना है कि … Read more

नाम – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     दादी ने नितिन को बताया कि तेरे से खेलने के लिये घर में एक छोटी बहन आ गई है, सुनकर वो खुशी-से नाचने लगा।वो दादी से पूछा,” उसका क्या नाम रखेंगे दादी..।” नितिन की जिज्ञासा देखकर दादी मुस्कुरा दी।      छठी के बाद घर के सभी लोग बड़े हाॅल में जमा हुए।बड़े दिनों बाद घर में … Read more

ननद हो तो ऐसी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” क्यों नहीं खेलेगी रंग…अंशु, चल आ..अपनी चाची पर रंग डाल..पर ज़रा संभल के..कहीं उसकी आँखों में न पड़ जाये…।” पुष्पलता ने अपने दस वर्षीय भतीजे से कहा तो रमा ने घबराकर अपने कदम पीछे कर लिये।रंग खेलने आई महिलाएँ चौंक उठी और आपस में काना-फूसी करने लगीं,” ये कैसी ननद है जो अपने भाई … Read more

ननद से बन गई भाभी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” बड़ी भाभी.. मैंने कोई जान-बूझ कर तो तोड़ी नहीं..गलती से गिर गयी।और भाभी..मेरे ससुराल वाले मेरी हर इच्छा पूरी कर देते हैं तो भला मुझे आपकी चीज़ों का लालच या ईर्ष्या क्यों होगी।मैं ज़रा नींद में थी तो..।” काजल ने अपनी भाभी को समझाना चाहा।    ” बस-बस..रहने दो अपना नाटक।” छोटी भाभी कामिनी ने … Read more

सफ़ेद बालों वाली आँटी – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

” वो देख..सफ़ेद बालों वाली आँटी जा रहीं हैं।” कंधे पर बैग डाले सीढ़ियों से उतरते हुए अठ्ठावन वर्षीय अनिता सूद ने फिर से अपने लिये सफ़ेद बालों वाली आँटी संबोधन सुना तो उन्हें लगा जैसे किसी ने उनके कानों में पिघला शीशा उड़ेल दिया हो।उसी समय उन्होंने तय कर लिया कि अब तो वो … Read more

अपने नाम से पहचान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” सीमा..चलो ना…नये जीएम की वाइफ़ की पहली मीटिंग हैं..सुना है..वो स्पीच(भाषण) बहुत अच्छा देती हैं।कल ‘महिला-दिवस’ भी तो है..वो ज़रूर कुछ अच्छा ही बोलेंगी।” राधिका ने अपनी सहेली से कहा तो वो ना-नुकुर करने लगी।तब राधिका बोली,” ठीक है..तुम चलो, अगर बोर होने लगी तो हम वापस आ जायेंगे।” वापस आने की कंडीशन पर … Read more

बेटी- बहू में कोई फ़र्क नहीं –  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

 ” डाॅक्टर साहब…अब मेरी बहू कैसी है? डिलीवरी में कितना समय है…।” जानकी जी घबराते हुए पूछने लगीं तो डाॅक्टर साहिबा बोलीं,” बहन जी..मैंने तो आपको पहले ही बताया था कि केस काॅम्प्लीकेकेटड है..।हम माँ और बच्चे, दोनों को बचाने की कोशिश करेंगे..फिर भी अगर एक को ही बचाना पड़े तो..।आप बता दीजिये कि आप … Read more

कुंभ- स्नान – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

  ” जानकी जी, महाकुंभ खत्म होने में अब तो कुछ ही दिन रह गये हैं..आप चलेंगी ना..हम टिकट करवा ले…।” शांति जी अपनी पड़ोसिन से पूछने लगी तो जानकी जी बोलीं,” नहीं शांति बहन..हम नहीं जा सकेंगे..आप और सुलोचना बहन चले जाईये..।” ” पिछले कई महीनों से तो आप ही रट लगाये हुए थी..फिर अब … Read more

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