सुगन्धा – विनय मोहन शर्मा  : Moral Stories in Hindi

माधव एक ख्यात नाम बैरिस्टर थे और दिल्ली में तीसहजारी कोर्ट में प्रेक्टिस करते थे। वह अपने वकील साथियों में ही नहीं अपितु अपने मुविक्कलों में भी प्रशंसा के पात्र थे। बैरिस्टर साहब ने अपने जीवन काल में कोई भी मुकदमा हारा नहीं था, विजय श्री तो उनके गले में विजय माला डालने को सदा … Read more

कल ,आज और कल! – वर्षा गर्ग : Moral Stories in Hindi

 ” पिताजी ! आप फिर आज स्कूल में धोती पहनकर क्यों आये थे? मेरे सभी दोस्त मज़ाक बनाते हैं। इससे तो अच्छा था मुझे किसी हिन्दी मीडियम स्कूल में ही पढ़ने भेजते।” “अरे रे बबुआ! इतना गुस्सा काहे करते हो,अबकी बार शहर से एक पतलून ले आयेंगे और पूरे साहब बनकर स्कूल में आयेंगे, ठीक … Read more

डॉक्टर बेटी की समझदारी – वर्षा गर्ग : Moral Stories in Hindi

डॉक्टर साहब का नाम उनके कस्बे में बहुत इज्ज़त और आदर से लिया जाता था। चालीस वर्षों से उनकी प्रैक्टिस का डंका बजता था। लोग उनकी ईमानदारी और ज्ञान की प्रशंसा करते नहीं थकते थे। लेकिन समय के साथ, उनकी प्रैक्टिस धीमी होने लगी। पहले जहां दिनभर में बीस-तीस मरीज आते थे, अब पांच-छह मरीज … Read more

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