“स्वार्थी संसार ” – उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi
कल रात मैंने नींद की बहुत सारी गोलियां खा ली।थोड़ी देर बाद जोरों की प्यास लगी, एक हिचकी आई और पिंजरे का पंछी उड़ गया ।मै अब उन्मुक्त आकाश की ओर जा रही हूँ ।मेरा शरीर निर्जीव हो कर पड़ा है ।सुबह घर के लोग आकर देखेंगे तो हाय तोबा मचेगी, फिर रोने धोने का … Read more