ननद – भाभी का रिश्ता – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” क्या दीदी इतने दिनों बाद आई हो मायके को भूल ही गई थी । लगता है जीजाजी से बहुत प्यार मिलता है जो हम लोगो की तो बिल्कुल याद ही नही आती आपको । पर ये तो गलत है ना जीजाजी का प्यार अपनी जगह , हम लोगो का अपनी जगह !” नताशा के … Read more

क्या रंग भेद सही है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मेरी शादी की चिंता आप छोड़ दीजियेगा हाथ जोड़ कर विनती है आपसे नही करनी मुझे शादी। आप चाहे तो सुमि की शादी कर सकते है !” नम आँखों से नीति ने अपने माता पिता से कहा। ” पर बेटा ऐसे कैसे ये फैसला कर सकती हो तुम बड़ी हो तुम्हारी शादी नही होगी … Read more

लड़की भी गलत होती है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” खानदान की बड़ी बहू बनकर जा रही हो बेटा पूरे खानदान को एक सूत्र मे पिरो कर रखना तुम्हारा फर्ज होगा !” बारात आने से पहले आनंद बाबू ने बेटी दीक्षा के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा। ” पापा क्या सारे फर्ज बहू को ही निभाने होते है , मैं उस घर मे … Read more

गुरुर – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” पापा आपको आपके पैसो का बहुत गुरुर है ना तो रखिये इन्हे संभाल कर नही चाहिए मुझे , आपको अपने बेटे से ज्यादा पैसे प्यारे है इसलिए बेटे की खुशी कोई मायने नही रखती आपके लिए कैसे पिता है आप  !” तनुज के इतना बोलते ही सकते मे आ गये पिता राजेश और माँ … Read more

“माँ की सीख ” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

“भाभी कैसा खाना बनाया है आपने आपको जरा भी खाना नही बनाना आता क्या हद है पता नही भैया कैसे झेल रहे आपको !” शादीशुदा ननद मायके मे भाभी से बोली। ” दीदी अभी मुझे यहां का हिसाब नही मम्मी जी भी घर पर नही थी और आपको तो पता है मेरी तबियत भी ठीक … Read more

अपवित्र कौन ? – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” हेलो सौरभ और तान्या इनसे मिलिए मेरी वाइफ चेताली !” ऑफिस की पार्टी मे सौरभ के साथ काम करने वाले उसके दोस्त रोहन ने अपनी पत्नी से परिचय करवाया। तान्या ने चेताली को गले लगा लिया। ” हेलो भाभी आपसे मिलकर अच्छा लगा !” सौरभ चेताली से बोला।  सब लोग पार्टी मे एन्जॉय कर … Read more

” खानदान की इज्जत ” – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” भैया एक महीने बाद अपनी निशु की शादी है आप सभी लोगों को कम से कम पंद्रह दिन पहले आना है क्योंकि आपको ही सब काम देखने है !” राजन पत्नी स्मिता के साथ अपने बड़े भाई निरंजन के घर आया और बोला। ” एक तो तुम्हारी बेटी अपनी पसंद से उस पंजाबी से … Read more

ढलती साँझ – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

” नीता …नीता !” माधव ने चीख कर पत्नी को पुकारा । ” क्या हुआ , आप इतने व्यथित क्यो हो ?” नीता जल्दी से रसोई से बाहर आई और पूछा । ” सब बंद कर दो कोई खाना नही बनेगा और फटाफट कुछ कपड़े बैग मे डालो हमें अभी निकलना है !” अश्रुपूर्ण आँखों … Read more

वो किसी के घर की इज्जत है – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” मयंक मेरी ना का मतलब सिर्फ ना ही है । मैं यहां अफेयर्स के लिए नहीं आई हूं मुझे पढ़ लिख कर अपने मां बाप का नाम रोशन करना है अपने गांव के लोगों को बताना है कि बेटियां भी बहुत कुछ कर सकती हैं!” श्रेया ने अपने कॉलेज के दोस्त मयंक से कहा … Read more

हमें भी अपनाओ – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” बधाई हो बधाई ललना ने जन्म लिया बधाई हो बधाई !” आँगन मे किन्नरों ने नाचना शुरु कर दिया था । नाचते भी क्यों ना आखिर पांच साल बाद मुस्कान ने बेटे को जन्म दिया था । बहुत खुश थी मुस्कान की सास शर्मिला जी पर साथ ही तनाव मे भी थी क्योकि किन्नरों … Read more

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