नफरत की दिवार – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 शरद ने अपनी पत्नी शुभी से कहा यह  तुम क्या कह रही हो कि मैं गांव जाकर बाबूजी से मकान व दुकान में अपने हिस्से की बात करूं,क्योंकि कानूनन मेरा भी हक बनता है कि मैं भी अपने भाई के साथ बराबर का हिस्सेदार  हूं,उस घर व दुकान में…   तुम इतनी खुदगर्ज कैसे हो सकती … Read more

मोती से आंसू – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

वंदना सुबह से ही जल्दी-जल्दी काम में लगी थी, आज दुर्गा नवमी है और उसे घर की साफ सफाई के साथ-साथ  कन्या पूजन और कन्याओं के प्रसाद व भोजन की  भी व्यवस्था जो करनी है। वो अपने पति अजय से कहती है कि सुनिए  आप भी जरा जल्दी तैयार हो जाइए,हमें चामुंडा मां के मंदिर … Read more

स्नेह का बंधन – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मां तुम बाबू जी को मना लो ना…. कम से कम एक बार तो अपने बेटे बहू के पास आकर रहें। यदि मन नहीं लगे तो बेशक मैं खुद वापस गांव छोड़ने चला आऊंगा। विभु ने अपनी मां कल्याणी जी से ऐसा कहा तो कल्याणी जी ने जबाव दिया…. बेटा तू तो जानता ही है … Read more

छोटी ननद – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शोभना की आज बारात आ रही थी, हर कोई खुश था, सभी मस्ती में झूम रहे थे, चारों तरफ रंग बिरंगी झल्लरें लटक रही है, तरह-तरह के पकवान लड्डू और मिठाइयों की खुशबू हर किसी को  पारस की ओर खींच रही थी, जहां बारातियों के जीमने के लिए छप्पन भोग बनाए जा रहे थे। शोभना … Read more

साथ निभाऊंगा प्रिया – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तुम अब ज्यादा दुखी मत  हुआ करो प्रिया, मां को तो कुछ ना कुछ कहने की आदत है ही, तुम्हारी अब वह हालत नहीं की ज्यादा सोचो। प्रवीण ने प्रिया को संभालते हुए कहा तो प्रिया जो अभी तक अपनी मोटी मोटी आंखों में बड़े बड़े आंसुओं को रोक रही थी ,प्रवीण की इन बातों … Read more

“शिक्षा का महत्व” – रीता गुप्ता ‘ रश्मि ‘ : Moral Stories in Hindi

         स्साली…..मुझसे जबान लड़ाती है,कहते हुए रणबीर ने अपनी पत्नी रक्षिता के गाल पर एक जोरदार तमाचा रसीद कर दिया। तमाचा इतनी जोर का पड़ा था कि रक्षिता बिलबिलाती हुई नीचे गिर पड़ी। उसकी आंखों से आश्रुधार बह चली। रक्षिता को भद्दी भद्दी गालियां देता हुआ रणबीर घर से बाहर निकल गया।             ये कोई आज की … Read more

बहु हो तो तारा जैसी – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

सूरत तो सभी देखते  सीरत ना देखे कोई, कोई कोई भगवान का भैया  सीरत जो समझे कोई। तारा शादी का एल्बम देखते देखते 18 वर्ष पहले  की यादों में पहुंच गई। जब तारा को देखने लड़के वाले आ रहे थे।ये छठी बार था जब तारा को कोई लड़के वाले देखने आ रहे थे। रोज-रोज के … Read more

मान सम्मान – ऋतु गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

ससुराल से घर आई बेटी नयना ने जैसे ही सूटकेस के साथ घर में अकेले प्रवेश किया उसकी मां मधु का माथा ठनक गया। वह अपनी बेटी का चेहरा पढ़ने की कोशिश करने लगी पर उन्हें कुछ खास समझ नहीं आया ,पर मां का दिल कहे या जिंदगी का अनुभव उन्हें अपनी लाडली का यूं … Read more

लोगो का तो काम ही है बाते बनाना – रीतू गुप्ता Moral Stories in Hindi

मीरा के रेस्टोरेंट का आज इनोग्रेशन था, जिसका रिबन उसकी सासु माँ .. पोती वृंदा, राजू की पत्नी सरिता और बेटी सिया के साथ मिलकर काट रही थी। साथ में पोता अनुज और मीरा और राजु भी खड़े थे।  आज दादी की आँखों में आंसू थे .. दादी … वृंदा यह सब तेरी वजह से … Read more

एक आँख से देखना – रीतू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

राधा और मोहन के दो बेटियाँ थी। एक सावी जो कि बहुत सुन्दर थी और दूसरी साँझी। पर साँझी जन्म से ही अपाहिज थी। उसका एक पैर टेढ़ा था। वो लंगड़ा कर चलती थी और सांवली भी थी,जिस कारण मोहन उसे कहीं बाहर लेके जाना पसंद नहीं करता था और हर बार सावी से तुलना … Read more

error: Content is Copyright protected !!