किस्मत का खेल…(भाग 2)- रश्मि झा मिश्रा:Moral stories in hindi

ट्रेन स्टेशन पर रुकी तो अंधेरा हो चुका था…. नरोत्तम जी बच्ची का हाथ पकड़ घर की तरफ बढ़े… अंधेरे में कदम बढ़ाते उन्होंने कहा…” अरे बेटा तुम्हारा नाम तो पूछा ही नहीं… क्या नाम है तुम्हारा…”  लड़की ने चेहरा उठाकर नरोत्तम जी की तरफ देखते हुए कहा…” मालूम नहीं….. नई मां तो कलमूंही ही … Read more

किस्मत का खेल….. – रश्मि झा मिश्रा:Moral stories in hindi

नरोत्तम जी की पत्नी का देहांत हुए 2 साल हो चुके थे…। बेचारी बड़ी धर्म परायणा पतिव्रता स्त्री थी…. समय रहते परलोक भी सिधार गई…. वरना अधिक उम्र तक जीना तो एक अपराध ही है आज की वास्तविकता….।  भरा पूरा परिवार था… दो बेटे, एक बेटी, सब की शादी हो चुकी थी…. सभी दायित्वों का … Read more

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