चाय पर आफ़त – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

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“माँ तुम मुझे माफ़ कर पाओगी?” ये बात जब तब जयंत के मन में ज़रूर आता रहता  पर ज़ुबान पर लाने की उसकी हिम्मत नहीं होती थी… और अब वो किस मुँह से किससे जाकर ये कहें ये भी वो समझ नहीं पाता था  चलचित्र की तरह आज भी उसे दो साल पहले का सारा … Read more

ज़िम्मेदारियों में गुम होते सपने – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

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सुनंदा जी घर के सारे काम निपटवाने के बाद सहायिका कमला से चाय बनाकर लाने को  बोल कर बाहर बरामदे में आ रही हल्की धूप में जाकर बैठ गई तभी उनका मोबाइल बज उठा देखा तो ननद चेतना का कॉल है… चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ फ़ोन पर बातें करने लगी। हाल समाचार के … Read more

माँ तुम तो समझो – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ देखो अपने लाड़ले पर जरा लगाम कसो… नहीं तो कल को मेरे हाथों कुछ हो जाएगा तो फिर मुझे दोष मत देना… जाने कितने मन्नतों के बाद हमारे घर ये बेटा पैदा हुआ पर हमारी क़िस्मत पर बट्टा लगाने में लगा है ।” महावीर सिंह ग़ुस्से में बोले जा रहे थे उधर कमरे के … Read more

रिश्तों में अहंकार लाता अलगाव – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

काव्या अभी बच्चों को पढ़ा कर क्लास से निकली ही थी कि उसके पति का फोन आ गया… अरे ये आज कैसे फोन कर दिए सोचते हुए उसने जैसे ही हैलो कहा… उसे सुन कर रोना आ गया …उसे पति की बात पर यकीन ही नहीं हो रहा था अपनी तसल्ली के लिए खुद को … Read more

जीवन साथी बिन ना ढलती साँझ – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

“ सही है तुम भी मुझे छोड़ कर चली गई…. कहाँ हम सोचा करते थे… जब साँझ ढलेगा इधर बरामदे में झूले पर बैठ कर बाहर का नजारा निहारा करेंगे और साथ में तुम्हारी पसंद का लिप्टन ग्रीनलेबल चाय का आनंद लिया करेंगे पर देखो ढलती साँझ तो है पर मै यहाँ अकेला रह गया…. … Read more

खुशी की तलाश – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

नयन और कनक बहुत देर से किसी बात पर बहस कर रहे थे…और आवाज हॉल में बैठे रामशंकर और चारुलता जी के कानों तक पहुँच गई । “ देखो कैसी बहू आई है जब से आई है घर में कलह ही हो रहा है….नयन एक बोलता है तो वो चार बोलती फिर मर्द जात कब … Read more

जैसी करनी वैसी भरनी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुना तुमने वो शेखर जी के बेटे बहू ने उन्हें घर से निकाल दिया… एक साल पहले तो बीबी चल बसी अब बेटे बहू ने भी मुँह फेर लिया… भगवान जाने अब वो कहाँ जाएगा ?” चिंतित स्वर में रमाकान्त जी ने पत्नी उमा से कहा  “ये बात अब साफ़ हो गई है कि … Read more

तीखे बोल – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ भाभी आपको घर की इज़्ज़त की जरा भी परवाह नहीं है पर हमें अपने घर की इज़्ज़त बहुत प्यारी है आप अपना ये सिलाई मशीन अंदर ले जाइए और अपने घर के अंदर ही जो करना है करिए… यहाँ बाहर बरामदे में ये सब काम हम नहीं करने देंगे ।”वरूण की बात सुन कर … Read more

अपनों की पहचान – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“माँ ऽऽऽ” फोन पर बिलखती बेटी निशि की आवाज सुन सुनंदा जी घबरा गईं  कल तक तो सब कुछ ठीक ही था फिर अचानक रात को ऐसा क्या हो गया जो मेरी बेटी के हँसते खेलते परिवार को ग्रहण लग गया  “बेटा तुम चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा बस तुम हिम्मत मत हारना … Read more

बेटा प्यारा तो बहू क्यों नहीं?? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ ये क्या कर रहा है बेटा..अपना सामान क्यों बाँध रहा है…तू यहाँ से कहीं नहीं जाएगा…. समझा… आप क्यों चुप हैं कुछ बोलते क्यों नहीं अपने बेटे को ।” सरला पति और बेटे से घिघियाते हुए बोले जा रही थी  बेटा वरूण आँखों में आँसू रोककर अपना सामान पैक कर रहा था । वही … Read more

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