*पिता से छल* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 रामदीन और केशव पक्के दोस्त थे। ये बचपन के दोस्त आज लगभग ७० की उम्र के हो गए थे। दोनों खेती किसानी करते और अपने परिवार का भरण पोषण करते। समय आने पर एक दूसरे की मदद करते। दोनों का जीवन एक दूसरे के लिए एक खुली किताब की तरह था। कोई छल बंद नहीं। … Read more

* एक ठोकर * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

   पूनम बहुत ही सुन्दर और समझदार लड़की थी, संकोची स्वभाव की, बहुत कम बोलती थी। उसके पिता का एक रोड़ एक्सीडेंट में निधन हो गया था, और माँ बसंती कुछ घरों में झाड़ू, पौछा और बरतन का काम करती और अपनी बेटी को पढ़ा रही थी। वह सेठ धनीराम के यहाँ भी काम करती थी … Read more

अनकही शिकायतें – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : शिकायत हमारी जिन्दगी का अहम हिस्सा है। ये शिकायते भी कैसी होती है। कभी अपने लिए, कभी अपनो के लिए, कभी अपनो से। कुछ कही, कुछ अनकही। शिकवे शिकायत प्रायः अपनो से होते‌ है, गैरों से नहीं। कुछ भावुक व्यक्ति ऐसे होते हैं, जो किसी से शिकायत होने पर भी, … Read more

दिल पर चोट – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 सुखिया और उसका पुत्र दीनू रजनीश बाबू के यहाँ काम करते थे। सुखिया को इस घर पर काम करते हुए लगभग बीस साल हो गए थे। रजनीश बाबू के दो बेटे थे, जिनकी शादी हो गई थी। सुखिया सुबह ठीक आठ बजे आ जाती थी,और रात को आठ बजे घर जाती थी, जब दीनू छोटा … Read more

भाई -बहिन का रिश्ता – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ‘नीर! यह तुम ठीक नहीं कर रहै हो बेटा,माना कि स्वाति तुम्हारी इकलौती बहिन है, मगर बेटा हमेशा अपनी चादर देखकर पॉंव पसारना चाहिए। उसकी शादी में पहले ही तुमने बहुत खर्चा कर दिया है,और अब राखी पर ये जड़ाऊ कंगन? बेटा हमने उसकी शादी अच्छे परिवार में की है, … Read more

*नसीहत* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

किशोर कक्षा दसवीं का छात्र था। वह धनवान माता पिता की इकलौती संतान, पढ़ने लिखने में होशियार, एक अच्छा खिलाड़ी था। मगर उसमें एक बुराई थी, स्कूल में कोई भी गतिविधि होती तो वह अपनी टॉंग अड़ाए बिना नहीं रहता, उसे कोई काम करना नहीं रहता। वह बस सब कार्य के बीच टांग अड़ा कर … Read more

गलती का एहसास – पुष्पा जोशी   : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज फिर माला अपने मायके आ गई। उसका ससुराल और मायका एक ही गॉंव में था। यह उसका हमेशा का काम था, अभी चार दिन पहले तो माँ  जानकी देवी समझा बुझा कर उसे ससुराल में छोड़कर आई थी। और कह दिया था, कि अब अगर वो ससुराल को छोड़कर … Read more

सही सलाह – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 रजत और दिवाकर दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते थे। दोनों बहुत ही सम्पन्न परिवार के थे। उन्हें पैसो की कोई कमी नहीं थी, मौज मस्ती से जीते थे, दोनों की पढ़ाई में बिल्कुल रूचि नहीं थी। इनकी कक्षा में पढ़ने वाला मदन बहुत गरीब था, मगर पढ़ाई में बहुत होशियार था। वह मन लगाकर … Read more

चारधाम की यात्रा – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : सुमन जी और उनके पति गोविन्द जी जिस‌ मोहल्ले में रहते थे,उस मोहल्ले में सभी लोग धार्मिक प्रवृत्ति के थे। हमेशा धार्मिक आयोजन जैसे सुन्दरकाण्ड का पाठ, अखण्ड रामायण पाठ, भजन संध्या, संत महात्माओं के प्रवचन आदि होते रहते थे, सभी सामुहिक रूप से उसमें भाग लेते, और भक्तियुक्त वातावरण … Read more

* कर्मों का परिणाम* – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

 जमाधवी जी के दो बेटे थे। दोनों की नौकरी लग गई थी, वे शादी लायक हो गए थे। माधवी जी की  हार्दिक इच्छा थी, कि लड़को का विवाह उनकी बिरादरी में हो। उन्हें लगता था, कि गैर समाज में अगर बेटो की शादी हुई तो उनकी नाक कट जाएगी, इज्जत धूल में मिल जाएगी। बड़े … Read more

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