मुंह मोड़ना – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

दिल तोड़ने वाले तुझे दिल ढ़ूंंढ रहा है…. पार्श्व में गाने के बोल मंजरी के कानों में पिघले शीशे से लग रहे थे और वह न चाहते हुए भी आंसुओं के समुद्र में भीगी जा रही थी। रह रह कर वह खूबसूरत पल उसे याद आ रहे जो उसने अमित के साथ गुजारे थे, हाथों … Read more

 मर्यादा – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

मैं चुपचाप कमरे की छत को एकटक देखे जा रही थी और कुछ कर भी तो नहीं सकती । याद आ रहे थे वो पल जब मैंने भावुक होकर रिश्ते निभाए और बदले में पाया विश्वासघात, सिर्फ विश्वासघात। क्या कोई अपना इतना निर्मम हो सकता है?? पर ये कैसा प्रश्न ?? इतनी निर्ममता के कारण … Read more

भटकता प्रेम – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

राह चलते यूं ही उससे आंखें क्या मिलीं जैसे कयामत आ गई उसी क्षण। वह भी तो सीधे इधर ही देख रहा था । दोनों की आंखें टकरा गईं और यह दास्तान इतनी लंबी हुई कि आज भी विश्वास नहीं होता कि यह नयनों की कारगुजारी थी वह भी राह चलते-चलते। उससे आंखें मिलते ही … Read more

घर की किस्मत – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

हर एक घर की अपनी किस्मत होती है। उसी के अनुसार घर वालों की किस्मत भी पलटती रहती है। घर बेजान तो नहीं ही होते, वह भी बोलते हैं महसूस करते हैं, बस अनाड़ी इंसान समझ नहीं पाते। उनकी ऊर्जा से ही घर महकते और चहकते हैं और उन्हीं की नकारात्मकता से ही घर बर्बाद … Read more

लम्हे – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

आज जब सोचतीं हूं तो लगता है कि क्या ही पागलपन करती थी मैं? पर उस वक्त तो मैं जुनूनी थी । एक बात है घर का लाड़ला बच्चा ही ज़िद्दी होता है यह हकीकत है। क्योंकि उसकी जिद गाहे-बगाहे पूरी जो होती रहती हैं। हालांकि आजकल तो बच्चा एक ही होता है तो लाड़ला … Read more

झूठ बोलकर रिश्ता करना ठीक नहीं – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

उसकी शिकायत यह नहीं थी कि उसके लिए ऐसा वर ढूंढ़ा जिसके पैर में नुक्स था , उसकी शिकायत तो यह थी कि उससे यह बात छिपाई गई , दोनों पक्ष द्वारा। कोई भी रिश्ता छल के साथ कैसे निभ सकता है?  यह सोचकर वह हैरान थी, और यही कारण था कि उसने साफ शब्दों … Read more

शिवानी – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

शिवानी को दिखावा इतना पसंद था कि वह चाहे कम खा सकती थी लेकिन फैशन के लिए खर्च करने को हर समय तैयार रहती । जब भी अपनी किसी सखी को किसी खास ड्रेस में देखती तो उसे तब तक चैन न आता जब तक कि उससे भी अच्छी ड्रेस वह न ले लेती । … Read more

सूनी गोद – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

सीमा की शादी को लगभग दस वर्ष हो चुके थे। पर अब तक गोद सूनी थी उसकी । वो इस बात पर बहुत. ज्यादा ध्यान नहीं देती थी । भाई के दोनों बच्चे और छोटी के दोनों नन्हे मुन्ने उसे कभी ये महसूस होने ही न देते थे कि वो अब तक माँ नहीं बनी … Read more

जीना इसी का नाम है – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

शादी से पहले बहुत समझदार व सुलझा हुआ व्यक्तित्व माना जाता था उसका । भाभी हो मौसी हो दीदी या बहन की दोस्त ही ,सब परेशानी में सलाह उससे ही माँगते थे । जब कभी वो कहती कि इस मामले(शादी, बच्चे आदि)  में मैं कैसे कुछ कह सकती हूं तो जबाब होता कि नहीं आपकी … Read more

रिश्तों की परिभाषा – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

अतुल कई दिन से थका थका सा महसूस कर रहा था  ।ऊपर से यह कोरोना का रोना। इसलिए किसी को बोल भी नहीं रहा था कि उसे कुछ दिक्कत लग रही है ।बेकार ही उसे तो कोरोंटाइन करेंगे ही ,पत्नी और बच्चे को भी कर देंगे । वह अपने परिवार को परेशान नहीं करना चाह … Read more

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