सास का सबक…. – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

सुबह के दस बजे चुके थे, तभी वहां नेहा कपडों का ढेर लगाकर रखती है। उसी समय संध्या भी गंदे कपड़े की गड्डी लेकर आ जाती है,अरे नेहा तूने कपडों का ढेर क्यों लगाकर रखा है? आज मुझे कपड़े मशीन में लगाने है, ये संध्या अपनी देवरानी नेहा से कहती है, तब नेहा कहती- भाभी … Read more

दिखावा – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

जैन साहब की गाड़ी भीड़ के जाम में फंसी हुई थी ,वो जाम खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। तभी नेहा डिपार्टमेंट स्टोर से बाहर निकलती है, तो उनके हाथ में चार कैरी बैग के साथ हैंड बैग भी रहता है। उन्हें देखकर जैन साहब नमस्ते नेहा जी…कहते है तभी उनकी आवाज सुनकर उनकी … Read more

नफरत की दीवार – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

रजनी आफिस जाने वाली होती है, तभी रोशनी टिफिन पैक करके कहती -” सुनो रजनी आज पूरा टिफिन खत्म करके आना, तुम्हारी फेवरेट भरवां भिंडी बनाई है। ” इतना सुनते ही रजनी कहती-” अरे वाह भाभी आज तो खुब दबाकर खाऊंगी, क्योंकि आपसे अच्छी भिंडी तो कोई बना ही नहीं सकता।तब रोशनी खुश होकर कहती … Read more

उपहार की कीमत नहीं दिल देखो …… – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

रीमा और सीमा भाई के जन्मदिन पर आती है, सीमा अपनी भाभी चेतना को गोल्ड की चैन दिखाते हुए कहती- ” भाभी देखो मैं भैया के लिए गोल्ड की चैन लाई हूं, देखो भाभी भैया को ये डिजाइन अच्छी लगेगी? ” तब उसकी भाभी चेतना कहती – अरे वाह इतनी मंहगी चैन !! ये तो … Read more

ननद एक बड़ी बहन जैसी…. – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

सुबह से सब काम करके दीपा किचन में रोटी बना रही होती है ,तभी उसकी ननद प्रिया आकर हूंः करके डराती है ,तब दीपा पीछे मुड़कर देखकर कहती- अरे दीदी आप अचानक हैरानी से !!तब वह उसे कहती- देखा भाभी मैनें डरा दिया ना…तो दीपा कहती- दीदी ना कोई फोन, ना मैसेज ,ऐसे भी डराता … Read more

मैं बहू हूं मां जी काम वाली नहीं….. – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

रागिनी जब भी ससुराल जाती तो उसकी सास का व्यवहार ऐसा होता जैसे वो काम वाली हो, वह सुमित को बोलती ,पर एक बेटे की आंख में मां के प्यार की पट्टी बंधी होती तो वह उसकी कोई बात नहीं सुनता… लेकिन वह सोचती कि कब तक आत्मसम्मान के साथ समझौता करु… उसके मन यही … Read more

आखिर कैसा खून का रिश्ता…… – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

विमला की बेटी की शादी होनी थी, वो बहुत खुश भी थी। वह सभी रिश्तेदारों को फोन करके बता रही थी, हमने भी अपनी बेटी की शादी तय कर दी है। जो लोग ताने दे रहे थे, उनके मुँह पर भी ताला लग गया,उसका इशारा मायके पक्ष की ओर था….लेकिन मायके में मनमुटाव के चलते … Read more

मायके में मीन मेख क्यों??? – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

 देवीना शाम को मायके आती है, वह खाना खाकर, रात में मां से बात करने बैठ कर रह जाती है, उसे बात करते -करते देर हो जाती है, और उसकी भाभी भी काम निपटा कर अपने कमरे में सोने चली जाती , तब वह कहती है- माँ आज मैं यही सोऊंगी। तब मां बोलती -हां … Read more

घर की इज्जत – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

सुबह- सुबह सुनैना के मोबाइल पर फोन बजता है तो उसके पति गौरव फोन उठाते है तब बुआ जी की बहू स्नेहा भाभी कहती – भैया आपके छोटे भैया की शादी पक्की हो गयी है,अगले महीने तीन तारीख की शादी है मामी जी ने बताया ही होगा।और हम ये जानते हैं । अब आपका कोई … Read more

पराए रिश्ते की गहरी छाप – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

नताशा के यहां खुशी का माहौल था। आखिर उसके देवर की शादी जो तय हो गयी थी। वह लिस्ट बना रही थी कि किस- किस को आमंत्रण पत्र भेजना है। फिर वह पुरानी यादों में खो गयी। उसे शादी के दस साल पहले की घटना याद आ गयी। नताशा की परीक्षा ही पूरी हुई थी, … Read more

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