बदलते रिश्ते (भाग-20) अंतिम भाग – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

” तापसी  तुम्हे आज देख कर तोह मुझे अपनी किस्मत पर ही रंज होने लगा है, किसी अप्सरा सी लग रही हो तुम। और इन सब को देखो कैसे घूर रहे हैं हम दोनों को, अरे पहले हमें तोह एक दूसरे को देख लेने देते”। मैंने धीरे से कहा, ” निलेश अभी बिलकुल चुप रहिये … Read more

बदलते रिश्ते (भाग-19) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

थोड़ी देर में हम निलेश के घर के पास थे, वहां से हमने आंटी जी को लिया, मैं आंटी जी को देख कर कार से नीचे उतरी और उनके पैर छुए, मैं पिछली सीट पर बैठने लगी तोह आंटी जी ने प्यार से कहा,  “तापसी बेटा आप आगे बैठो, मुझे वैसे भी पिछली सीट पर … Read more

बदलते रिश्ते (भाग-18) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

खुशी तोह पापा के चेहरे पर भी नजर आ रही थी, लेकिन उनकी हमसे नाराजगी इतनी ज्यादा थी, कि उसके सामने वोह अपने जीवन की इतनी बड़ी खुशी का इजहार भी नहीं कर पा रहे थे । मैंने कई बार कोशिश कि की उनसे बात हो पाए लेकिन सब प्रयास विफल ही रहे । शादी … Read more

बदलते रिश्ते (भाग-17) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

और अनिरुद्ध भईया भी बनवाने वालों में बिल्कुल नहीं हैं । वोह उर्मि को खाने वाली नजरों से घूर रहे थे, जब उर्मि मुझे अपने कमरे में रोकने की कोशिश कर रही थी । पक्का उर्मि की बाद में क्लास लगी होगी । खैर सब थके हुए थे तोह लंच के बाद आराम के लिए … Read more

बदलते रिश्ते (भाग-16) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

मम्मी भी मुझे गले लगा के बोली,  “थोड़ा समय दो उनको, उनको मैं जानती हूं, जिद्दी हैं एक नंबर के वोह लेकिन मन के बुरे नहीं  सब सही हो जाएगा ।  तु बस एक बार अपने प्रोफेसर साहब से बात कर, हमें भी जल्दी हैं उनसे मिलने की ” । उर्मि भी धीरे से बोली … Read more

बदलते रिश्ते (भाग-15) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

“अब तोह भईया आप उर्मि से जितनी भी बात करो, कोई नहीं रोकेगा ” । भईया मेरे कान खींच कर बोले,“अपने प्रोफेसर साहाब पर भी ध्यान देले” । और हम दोनों हंसने लगे । कमरे में आकर मैंने सर को फ़ोन लगाया, इतने दिनों से ढंग से बात भी नहीं हो पाई थी, उनको यहां … Read more

बदलते रिश्ते (भाग-14) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

मम्मी भी भईया और मुझसे उखड़ी उखड़ी थी ।  जोह कुछ हद तक तोह उनकी तरफ से जायज भी था। मम्मी अपने कमरे में चले गए, रह गए भईया और मैं। भईया और मैं उनके कमरे में आ गए। अनिरुद्ध भईया जोह इतने समय से अपनी भड़ास दबा कर बैठे थे गुस्से में बोलने लगे, … Read more

बदलते रिश्ते (भाग-13) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

मैंने कहा “हाँ जी आंटी” फिर आंटी बोले “उर्मि तोह नही है बेटा “ तोह मैंने बोला,”कोई बात नही आंटी जी मैडम कुछ ज्यादा ही व्यस्त हो गई है आजकल, आप बताओ, आप कैसे हो?अंकल जी कैसे हैं?” आंटी बोली, “बेटा सब बढ़िया है तुम बैठो, चाय बना के लाती हूँ “ । कोई और … Read more

बदलते रिश्ते (भाग-12) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

“लगता है कम से कम तेरे मामले में तोह पापा मम्मी मान ही जाएंगे, मुझे भी तेरी पसंद बहुत पसन्द आई” मैं बोली, “भईया सिर्फ मुझ अकेली कि नहीं उनको हम दोनों की पसन्द को ही स्वीकार करना होगा”। भईया बोले,  हाँ आज रात को बात करते है पापा मम्मी से। तब तक तु भी … Read more

बदलते रिश्ते (भाग-11) – अंबिका सहगल : Moral stories in hindi

घर पहुँचे तोह मम्मी आँगन में ही मिल गई, पापा भी बस हमारा इन्तजार ही कर रहे थे, मैं मम्मी पापा से गले मिली। पापा भईया साथ में ही ऑफिस के लिए निकल गए।  पापा बोले, “तपु शाम को मिलतें हैं खूब सारी बातें करेंगे”। सर को मैंने मेरे सकुशल पहुँचने का सन्देश भेज दिया।  … Read more

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