एक बार फिर (भाग 12) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : प्रिया की फैमिली शेखर के यहां डिनर पर जाती है वहां शादी की डेट पक्की होती है। वापसी में वो सोचती है कि वो शेखर को अपने पास्ट के बारे में सब बता देगी अब आगे- उधेड़-बुन में रास्ता तय करते हुए उसका सिर भारी हो गया। जीजा जी ने … Read more

घर-आँगन – रुचि पंत : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: “तुम्हारे नैना फिर भीग उठे वैशाली?” अपनी वर्दी पहनकर वापिस बॉर्डर जाने की तैयारी करते फौजी राकेश ने अपना सामान बांधेते उसे निहारते हुए प्यार से पूछा। “आप घर आते नहीं कि जाने की तैयारी करने लगते हैं।” ” मेरा काम बाकियों जैसा नहीं है, ये बात तुम्हें समझनी चाहिए। “ … Read more

मायके की गली- रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

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Moral stories in hindi: “लो फिर तुम यहाँ बैठ कर आँसू बहा रही हो… अब क्या हुआ..अच्छी भली सबके साथ बैठ कर गप्पें मार रही थी अचानक उठ कर यहाँ आकर रोना चालू।” पति मयंक की बात सुन ऋषिका और जोर जोर से रोने लगी “ आप नहीं समझेंगे।” कहते हुए ऋषिका अपने आँसू पोंछ … Read more

” बबूल के पेड़ पर आम नही उगते।” : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: वृद्धाश्रम के एक कोने मे बैठी सरिता जी आठ आठ आँसू रो रही थी और विचर रही थी अपने अतीत मे जब शादी होकर ससुराल गई तब सास ने कितना लाड़ लड़ाया था बेटी से भी ज्यादा हर वक्त उनकी जुबान पर सरिता सरिता होता था । सरिता ये खा ले … Read more

यादें ” – उमा वर्मा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi:  सीमा घर में अकेली बैठी है ,परिवार बाहर गया हुआ है ।जब भी वह अकेली होती है यादों के पन्ने फड़फड़ाने लगते हैं ।यह अगस्त का महीना ।सोच रही है रोयें या खुशी मनाये।इसी महीने पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी, इसी महीने में बेटी इस असार संसार से चली गई … Read more

भविष्य निधि – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: अगस्त में पापा रिटायर होने वालें हैं।चालीस वर्षों से अनवरत कर्म को पूजा समझकर कड़ी मेहनत की उन्होंने।अपनी पूरी जवानी स्वाहा कर दी उन्होंने परिवार के लिए। अपनी तनख्वाह का अधिकतम हिस्सा जमा करते रहे वे, बच्चों के भविष्य के लिए। तीन बेटियों-रमा,उमा और श्यामा और बेटे कार्तिक के स्थापित होने … Read more

जीने का हक – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : ” ये तू क्या कह रही है रागिनी..! नेहा का फिर से विवाह..!तू जानती नहीं कि हमारे समाज में विधवा-विवाह स्वीकार्य नहीं है।और फिर लोग क्या कहेंगे?” माधव जी बेटी पर चिल्लाये।   ”  लेकिन पापा…ये भी तो सोचिये…” ” अब कुछ सोचना- समझना नहीं है।” कहकर वे टहलने के … Read more

आँसू नहीं मोती हैं ये – पूनम अरोड़ा   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : हाँ वो मोटी थी बचपन से ।शुरू से खाने पीने की शौकीन ,हँसने कूदने मस्ती करने वाली। इधर उधर गोलू सी मटकती फिरती ।कोई भी उसको उसके असली नाम निकिता से नहीं बुलाता था ।यहाँ तक कि घरवाले भी उसे गोलू ,गोलगप्पा ही बुलाते और दोस्त सहेलियां कोई टुनटुन  कहते … Read more

सबके लिए आँसू नहीं बहते… – रश्मि प्रकाश   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “ माँ चलो सब तुम्हें बुला रहे हैं ।” बेटी गौरी की बात सुन गिरिजा आँसू पोंछते हुए कमरे से निकल कर बाहर आँगन में आकर बैठ गई “ इतना काहे रो रही है गिरिजा….ऐसा लग रहा जैसे तेरी माँ मर गई है… अरे सास ख़ातिर इतना आँसू कौनों को बहाते हमने तो ना देखा .. तू बड़ी अनोखी है रे।” एक सहेली समान पड़ोसन ने कहा “ तू नहीं समझेंगी चंपा।” कह कर गिरिजा सास की फ़ोटो के सामने धूप बत्ती जला दी “ सुन कितने दिन का मातम मनाएगी… अब तो शहर जाएगी ना ?” चंपा ने पूछा  “ पता नहीं?” कहकर गिरिजा की आँखों से फिर झर-झर आँसू गिरने लगे  गिरिजा की एक जेठानी और एक ननद एक कोने में बैठ कर खुसूर  पुसूर कर रही थी । “ ये गिरिजा तो ऐसे रो रही जैसे हमारी तो वो कुछ ना लगती थी…. ये महारानी पूरे गाँव के सामने बेचारी बन रही है ।” जेठानी की आवाज़ उसके कानों में सुनाई दी “ सच कह रही हो बड़ी भाभी… मेरी तो माँ ही थी ना … अब इतनी बीमार थी … तकलीफ़ में थी अच्छा हुआ उसे मुक्ति मिल गई।” ननद ने जेठानी के सुर में सुर मिलाते हुए कहा   गिरिजा ये सब सुन कर वहाँ से चुपचाप उठ कर अपने कमरे में चली गई… “काहे रोती है रे गिरिजा…. ये सब कभी हमारा रिश्ता ना समझ पाएँगी… तू इनकी बात सुन कर आँसू ना बहा।” गिरिजा को ऐसा लगा जैसे सासु माँ उसे समझाते हुए कह रही हो  “ आप मुझे फिर से अनाथ कर गई ना माँ… आप तो कहती थी मैं हमेशा तेरा साथ दूँगी…. तू मेरी बहू नहीं बेटी है बेटी।”  गिरिजा आवाज़ सुन रोते हुए बोली  इस कहानी को भी पढ़ें:  मेरे अपने… –  प्रीता जैन “ ना जाती तो कब तक तुझपे बोझ बन कर रहती … तू भी जानती है कैंसर से कोई कितना लड़ सका है… तुने कोशिश की ना मुझे बचाने की पर होनी तो होकर ही रहती है ना… तू दिल छोटा मत कर…. ना तेरे आँसू नकली है ना मेरे लिए तेरा प्यार ।” ऐसा लग रहा था गिरिजा को सासु माँ फिर से समझाने पहुँच गई है   गिरिजा अपने अतीत में पहुँच गई… … Read more

न्याय- डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : “आन्या,उठो बेटा,देखो दूधवाला कितनी देर से डोरबेल बजा रहा है…प्लीज ,जल्दी से ले कर आ जाओ,मुझे देर हो रही है…” ,नीति मनुहार करती कितनी देर से अपनी बेटी को आवाज़ दे रही थी पर वो तो घोड़े बेचकर मीठी नींद सोई पड़ी थी मानों…।“लाओ भैया,जल्दी करो”,दूध लेकर उसे उबलने चढ़ा … Read more

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